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Fleet सपोर्ट शिप्स बनाने का काम शुरु

रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लिए भारतीय नौसेना ने एक कदम और आगे बढ़ा दिया है. भारतीय नौसेना के फ्लीट सपोर्ट शिप्स की स्टील कटिंग का काम शुरु हो गया है. फ्लीट सपोर्ट शिप्स वो होते हैं जो युद्ध के दौरान युद्धपोतों की मदद करते हैं. 
पिछले साल केंद्र सरकार ने भारतीय नौसेना की क्षमता को बढ़ावा देने के लिए 20,000 करोड़ रुपये की रक्षा परियोजना को हरी झंडी दी थी. केन्द्र सरकार ने पांच फ्लीट सपोर्ट शिप के निर्माण को मंजूरी दी थी और अब विशाखापत्तनम में स्टील कटिंग कार्यक्रम करके शिप बनाने का श्रीगणेश कर दिया गया है. बुधवार को हुए स्टील कटिंग के कार्यक्रम में नौसेना के अधिकारी और जहाज बनाने वाली कंपनी यानी हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड के अधिकारी मौजूद थे. जिस स्टील से जहाज बनाया जाता है, उसकी विधिवत पूजा की गई. रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने की मौजूदगी में स्टील कटिंग समारोह किया गया.

भारतीय नौसेना की बढ़ेगी ‘ब्लू वॉटर’ ताकत
रक्षा क्षेत्र में ‘मेक इन इंडिया’ मिशन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के चलते सभी पांचो जहाज पूरी तरह से भारत में बनाए जाएंगे. साल 2027 के मध्य तक ये जहाज बनकर तैयार हो जाएंगे. अधिकतम 8 साल में इस प्रोजेक्ट को पूरा करना है. हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड (एचएएल) इन जहाजों का निर्माण करके नेवी को देगी. इनमें से हर जहाज का वजन लगभग 45,000 टन होगा. इन जहाजों के तैयार होने के बाद समुद्र में तैनात नौसेना के बेड़े को ईंधन, हथियार और भोजन भरने में मदद मिलेगी. सपोर्ट जहाज बनने से कई फायदे होंगे. एक तो नौसेना के जंगी जहाजों को ईंधन, पानी, रसद, गोला-बारूद की सप्लाई होती रहेगी. बंदरगाह पर बिना लौटे ही युद्धपोत अपने मिशन को पूरा कर सकेंगे. इन जहाजों को राहत बचाव कार्यों में भी लगाया जा सकेगा. सपोर्ट शिप्स से दूसरे देशों में फंसे अपने नागरिकों को सुरक्षित लाने के लिए कर सकते हैं.

‘फ्लीट सपोर्ट शिप’ के बारे में जानिए
एचएएल इन जहाजों को 19 हजार करोड़ की लागत से बना रहा है. इस शिप पर एक एचएएल ध्रुव हेलीकॉप्टर तैनात हो सकता है. इस जहाज पर जंगी जहाजों में फ्यूल देने के लिए रिफ्यूलिंग फैसिलिटी लगी होगी. एक हेलिकॉप्टर हैंगर भी होगा. ये शिप अधिकतम 37 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से चल सकेंगे. इस जहाज पर एंटी-शिप, एंटी-सबमरीन हथियारों और क्लोज इन हथियार प्रणाली से लैस होगा. पूरी तरह से स्वदेशी प्रणाली से इन शिप का निर्माण स्वदेशी डिजाइन से होगा. भारत सरकार के मेक इन इंडिया और मेक फॉर द वर्ल्ड के अनुरूप है.

समारोह की अध्यक्षता रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने ने की. इस अवसर पर फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, पूर्वी नौसेना कमान वाइस एडमिरल राजेश पेंढारकर, सीएमडी, एचएसएल कमोडोर हेमंत खत्री (सेवानिवृत्त) और भारतीय नौसेना और एचएसएल के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे.

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