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अमेरिका को ले डूबेगी दिल्ली से सख्ती, US के पूर्व NSA की चेतावनी

एशिया में अपने मजबूत सहयोगी भारत के साथ अमेरिका के टकराव को लेकर अपने ही घर में घिर चुके हैं डोनाल्ड ट्रंप. ट्रंप के करीबी सहयोगी, शीर्ष सलाहकार, विपक्षी सीनेटर्स के अलावा एक्सपर्ट्स अमेरिकी प्रेसिडेंट की आलोचना कर रहे हैं. 

ट्रंप के पिछले कार्यकाल के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) रह चुके जॉन बोल्टन ने आरोप लगाया है कि “राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्यापार नीति ने भारत और अमेरिका के दशकों पुराने रणनीतिक प्रयासों को कमजोर कर दिया है. ट्रंप, चीन के प्रति पक्षपातपूर्ण हैं और भारत अपने अधीन करना चाहते हैं, लेकिन भारत का पलटवार में ऐसी प्रतिक्रिया दी है, जिसकी ट्रंप ने उम्मीद नहीं की होगी.”

जॉन बोल्टन को ट्रंप का बेहद करीबी सहयोगी रहे हैं. इस कार्यकाल के दौरान भी अमेरिका के एनएसए के नाम पर जॉन बोल्टन के नाम की चर्चा थी.

भारत से रिश्ते बिगाड़कर ट्रंप ने गलती की, बीजिंग-मॉस्को के करीब आई दिल्ली: जॉन बोल्टन

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने आरोप लगाया है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्यापार नीति ने भारत और अमेरिका के दशकों पुराने रणनीतिक और कूटनीतिक प्रयासों को कमजोर कर दिया है. 

बोल्टन ने बड़ा बयान देते हुए कहा, “अमेरिका ने भारत को रूस और चीन से दूर करने के दशकों पहले से चले आ रहे प्रयासों को खतरे में डाल दिया है. भारत पर जो अमेरिका ने रूस से तेल खरीदने पर जो टैरिफ लगाया है, उसके कारण भारत, रूस और चीन के करीब जा सकता है. 

रूस को नुकसान पहुंचाने के इरादे से भारत पर लगाए जाने वाले प्रस्तावित जुर्माना भारत को रूस और चीन के पास जा सकता है. ट्रंप ने ही तीनों (भारत, रूस, चीन) को एकजुट होकर अमेरिका के खिलाफ बातचीत करने का मौका दिया है.”

ट्रंप ने सोचा नहीं होगा कि भारत से मिलेगी कड़ी प्रतिक्रिया: जॉन बोल्टन

जॉन बोल्टन ने बेबाकी से ट्रंप सरकार को घेरते हुए कहा, “टैरिफ के कारण अमेरिका को सबसे खराब परिणाम भुगतने पड़े, क्योंकि भारत ने अपेक्षा के विपरीत बहुत नकारात्मक प्रतिक्रिया दी, क्योंकि उसने देखा कि चीन पर टैरिफ नहीं लगाया जा रहा है.” 

बोल्टन ने कहा, “अप्रैल के महीने में ट्रंप ने चीन के साथ व्यापारिक टकराव की शुरुआत की लेकिन फिर ट्रंप पीछे हट गए. चीन के बजाए भारत पर टैरिफ थोप दिया.”

चीन के प्रति ट्रंप की नरमी और भारत पर भारी शुल्क, भारत को रूस और चीन से दूर करने के दशकों से चले आ रहे अमेरिकी प्रयासों को खतरे में डाल रहा है.

रूस से तेल खरीदना बंद नहीं करवा पाए ट्रंप, भारत के खिलाफ उल्टी पड़ी चाल: जॉन बोल्टन

अमेरिका के पूर्व एनएसए लगातार राष्ट्रपति ट्रंप और उनकी सरकार को घेर रहे हैं. जॉन बोल्टन ने कहा, “ट्रंप, रूसी तेल के खिलाफ भारत पर टैरिफ लादकर दबाव बनाना चाह रहे थे, लेकिन भारत ने ट्रंप को जवाब देकर साफ कर दिया है कि वो रूस से तेल खरीदते रहे हैं.”

आपको बता दें कि 15 अगस्त को अलास्का में ट्रंप और पुतिन के बीच मुलाकात होगी. इस मीटिंग को लेकर भी बोल्टन ने कहा है कि “रूस ने ट्रंप की रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात से एक हफ्ते पहले नई दिल्ली का समर्थन किया है. यह बैठक पुतिन को कई मोर्चों पर अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने का अवसर देगी, और वह भारत पर टैरिफ को लेकर भी अहम साबित हो सकती है.” 

ट्रंप के टैरिफ ने भारत के साथ साझेदारी को खतरे में डाला:अमेरिकी सांसद

हाल ही में अमेरिका की हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी के डेमोक्रेटिक रैंकिंग मेंबर ग्रेगरी मीक्स ने भी भारत के खिलाफ लगाए गए टैरिफ का विरोध किया था. ग्रेगरी मीक्स ने कहा, “ट्रंप की यह टैरिफ तानाशाही वर्षों से तैयार की जा रही अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी को नुकसान पहुंचा सकती है. अमेरिका और भारत के बीच गहरे रणनीतिक, आर्थिक और सामाजिक संबंध हैं. ऐसे में किसी भी विवाद या चिंता का समाधान लोकतांत्रिक मूल्यों के तहत आपसी सम्मान के साथ किया जाना चाहिए.”

ग्रेगरी मीक्स अकेले नहीं हैं इससे पहले रिपब्लिकन पार्टी की नेता निक्की हेली ने भी कहा था कि “अमेरिका को भारत जैसे मजबूत साझेदार के साथ अपने संबंधों को खराब नहीं करना चाहिए.” 

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