लगातार आक्रामक हो रहे चीन को लेकर ताइवान की खुफिया एजेंसियों ने किया है बड़ा खुलासा. खुलासा ये कि ताइवान की जासूसी करने के लिए चीन, शेल कंपनियों और पुराने गिरोहों से मदद ले रहा है. ताइवान की खुफिया एजेंसी का ये भी दावा है कि ताइवान के पूर्व-फौजी और मौजूदा सैन्यकर्मी भी चीन के लिए जासूस कर रहे हैं, जो कि एक बड़ी चिंता का विषय है.
ताइवान की राष्ट्रीय सुरक्षा ब्यूरो की रिपोर्ट में क्या है
ताइवान के राष्ट्रीय सुरक्षा ब्यूरो की तरफ से जारी की गई रिपोर्ट में बताया गया है कि “चीनी एजेंट ने ताइवान के अंडरवर्ल्ड का उपयोग करके उन लोगों तक पैसे पहुंचाने की कोशिश की है, जिनके पास ताइवान से जुड़ी बेचने के लिए कई अहम संवेदनशील जानकारी है. चीनी जासूस ऐसे गिरोह के संपर्क में हैं. जिनमें से कई की उत्पत्ति 1949 में दोनों पक्षों के बीच विभाजन से पहले से काम कर रहे हैं और उनकी तलाश की जा रही है.”
रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके अलावा “कर्ज देने वाली कंपनियों और फर्जी कंपनियों, धार्मिक संप्रदायों एवं गैर-लाभकारी समूहों की भी तलाश जारी है.” (https://x.com/MOFA_Taiwan/status/1878743807736545291)
क्रिप्टोकरेंसी से भुगतान, हनीट्रैप भी है चीनी एजेंट का तरीका
ताइवानी एजेंसी का दावा है कि चीन संवेदनशील जानकारियों के बदले कुछ भुगतान क्रिप्टोकरेंसी में करता है, जबकि कई मामलों में पुराने जमाने के तरीकों का भी उपयोग किया जाता है, जैसे हनी ट्रैप में फंसाकर ब्लैकमेल करना.
ताइवान ने बताया कि ‘एक स्टार जनरल लो ह्सियन-चे का मामला ऐसा ही था, जो थाईलैंड में तैनात रहते हुए ऐसी ही एक योजना में पकड़ा गया था. पिछले साल गिरफ्तार किए गए लोगों में जासूसी गिरोह में एक साथ काम करने वाले 23 लोग शामिल थे, जिनमें से एक को 20 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी.’
ताइवान के विपक्षी नेताओं को भी बरगलाता है चीन
ताइवान के मौजूदा राष्ट्रपति लाई चिंग-ते के, चीन के कट्टर दुश्मन हैं. चीन कभी भी नहीं चाहता था कि लाई चिंग के राष्ट्रपति बनें. लाई चिंग ते, अमेरिका का करीबी हैं और यही वजह है कि ताइवान पर कोई भी एक्शन लेने से पहले चीन कई बार सोचता है.
ताइवान की रिपोर्ट में बताया गया है कि ‘चीन की मुख्य जासूसी एजेंसी, राज्य सुरक्षा मंत्रालय, सैन्य खुफिया जानकारी के साथ-साथ पारंपरिक जासूसी शिल्प और साइबर हमलों पर निर्भर कार्यक्रम चलाता है, जबकि पार्टी का यूनाइटेड फ्रंट डिवीजन प्रचार अभियान चलाता है. चीनी जासूस विपक्षी पार्टियों के संपर्क में रहते हैं.’