जमीनी तौर पर जहां चीन-ताइवान में जंग का संकट मंडरा रहा है, तो काल्पनिक तौर पर भी एक बोर्ड गेम के जरिए चीन-ताइवान की जंग दिखाई गई है. ये बात चौंकाने वाली जरूर लगेगी पर ताइवान ने एक ऐसा बोर्ड गेम डेवलप किया है जिसमें खिलाड़ी को काल्पनिक तौर पर चीन पर आक्रमण करने का मौका मिलता है. गेम बोर्ड का नाम है 2045, जिसे ताइवान की गेमिंग कंपनी मिजो गेम्स ने बनाया है.
ताइवान की गेमिंग कंपनी मिजो गेम्स बोर्ड को ऐसे वक्त में लॉन्च कर रही है जब असलियत में चीन और ताइवान के बीच गंभीर तनाव है.
ताइवान के खिलाड़ी करेंगे चीन पर आक्रमण
ये सुनकर आप चौंक गए होंगे की ताइवान के खिलाड़ी कैसे चीन पर आक्रमण करेंगे तो आपको बता देते हैं ये सब काल्पनिक तौर पर एक गेम बोर्ड के जरिए होगा. ताइवान की मिजो गेम्स ने एक ऐसा बोर्ड गेम डेवलप किया है जिसमें प्लेयर्स को 20 साल बाद काल्पनिक चीनी आक्रमण में शामिल होने का मौका मिलता है. मिजो गेम्स ने 2045 नाम से जो बोर्ड गेम बनाया है, उसमें खिलाड़ी कई तरह का रोल अदा कर सकते हैं, जैसे ताइवानी आर्मी अधिकारी, चीन के स्लीपर एजेंट और वॉलंटियर सिटीजन फाइटर आदि.
संघर्ष को टालना असंभव है: फाउंडर, मिजो गेम्स
ताइवानी गेमिंग कंपनी इस गेम को ऐसे समय पर लॉन्च कर रही है जब चीन, लगातार ताइवान पर दबाव बना रहा है. ताइवान को चारों ओर से घेर कर अपनी सैन्य उपस्थिति और दबाव बना रहा है. अमेरिका की ताइवान को दी गई सैन्य मदद से भी चीन भड़का हुआ है. इस द्वीप के चारों ओर अपनी सैन्य उपस्थिति और दबाव बढ़ा रहा है. चीन ने भी कहा है कि अगर अपने द्वीप (ताइवान) को हासिल करने के लिए बल प्रयोग करना हो तो वो भी चीन करने से पीछे नहीं हटेगा.
मौजूदा स्थिति को देखते हुए मिजो गेम्स के फाउंडर केजे चांग ने बताया है कि “हम भविष्य की सटीक कल्पना नहीं कर सकते, लेकिन अगर संघर्ष को टालना नामुमकिन है तो हमें उम्मीद है कि यह गेम लोगों को टेबलटॉप करने पर युद्ध से पहले ही उसका अनुभव करने का मौका देगा.”
मिजो गेम्स के 2045 के लिए हुई क्राउड फंडिंग
मिजो गेम्स ने अपने इस नए 2045 गेम के लिए अगस्त में क्राउडफंडिंग अभियान लॉन्च किया था, कुछ ही महीनों में इसने करीब एक करोड़ रुपए जुटा लिए. हालांकि मिजो गेम्स को ये अंदाजा नहीं था कि उन्हें उम्मीद से 4000 गुना क्राउड फंड मिलेगा. ‘2045’ ताइवान के मनोरंजन प्रोडक्ट की लेटेस्ट सीरीज है, जो चीन के एनेक्सेशन (ताइवान पर कब्जे) के खतरे पर केंद्रित है.
इस साल ताइवान सरकार की ओर से फंडेड टेलीविजन सीरीज़ ‘ज़ीरो डे’ भी रिलीज की गई थी, जिसमें चीन के आक्रमण को फिल्माया गया था. इसे ताइवान के टेक अरबपति रॉबर्ट साओ का भी समर्थन मिला था.
दरअसल एक्सपर्ट मानते हैं कि आने वाले कुछ वर्षों में चीन, ताइवान पर कब्जा करने की कोशिश करेगा, क्योंकि चीन हमेशा से मानता है कि ताइवान उसका द्वीप है. चूंकि ताइवान के सपोर्ट में अमेरिका समेत नाटो देश हैं, लिहाजा चीन सिर्फ ताइवान को धमकाता रहता है. पर भविष्य में शी जिनपिंग की सेना जब वर्ल्ड क्लास बन जाएगी तो चीन, ताइवान पर कब्जा कर सकता है.
एक्सपर्ट्स बताते हैं 2049 में चीन में वामपंथी शासन के 100 साल हो जाएंगे, उस वर्ष के आसपास चीन, ताइवान पर अटैक कर सकता है.