भारत की पहली मल्टीनेशन एयर एक्सरसाइज तरंगशक्ति के समापन समारोह में मित्र-देशों के सैन्य कमांडर्स को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि जब भी आवश्यकता होगी, हम सभी एक साथ खड़े होंगे. रक्षा मंत्री के मुताबिक, तरंगशक्ति के जरिए, भारत ने सभी साझेदार देशों के साथ अपने रक्षा संबंधों को और मजबूत किया है.
गुरुवार को राजस्थान के जोधपुर एयर बेस पर पिछले 12 दिनों से चल रही बहु-राष्ट्रीय हवाई युद्धाभ्यास तरंगशक्ति (1-14 सितंबर) का समापन समारोह था. इस दौरान भारतीय वायुसेना के स्वदेशी एयरक्राफ्ट एलसीए तेजस और एलसीए प्रचंड सहित एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर (एलएएच) ध्रुव की सारंग टीम ने हैरतअंगेज प्रदर्शन किए.
तरंगशक्ति एक्सरसाइज के दूसरे चरण में अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जापान, ग्रीस, यूएई, अर्जेटीना सहित कुल 21 देशों की वायुसेनाओं ने हिस्सा लिया. करीब 60 साल बाद भारत मे इस तरह की कोई मल्टीनेशन एक्सरसाइज आयोजित की गई है. एक्सरसाइज में करीब 100 एयरक्राफ्ट ने हिस्सा लिया. भारत सहित कुल आठ देशों की वायुसेनाएं अपने फाइटर जेट और दूसरे एयरक्राफ्ट के साथ जोधपुर पहुंची थी. शुक्रवार और शनिवार को विदेशी मेहमानों के लिए जोधपुर में स्वदेशी आर्म्स कंपनियों की एक प्रदर्शनी (एक्सपो) का आयोजन किया गया है (13-14 सितंबर).
समापन समारोह को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि “तरंग शक्ति अभ्यास भारतीय सशस्त्र बलों के बढ़ते कद को दर्शाता है.” उन्होंने कहा कि “रक्षा क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प तरंग शक्ति अभ्यास द्वारा प्रदर्शित किया गया है.”
रक्षा मंत्री ने आपसी सह-अस्तित्व व सहयोग वाले भारत के दृष्टिकोण को दोहराते हुए, कहा कि हमारा राष्ट्र विश्वास करता है सभी देश एक-दूसरे का हाथ पकड़कर आगे बढ़ेंगे. रक्षा मंत्री ने कहा, “जब इतनी जटिलता और बड़े पैमाने पर अभ्यास होता है तो अलग-अलग कार्य-संस्कृति, हवाई युद्ध-अनुभव और युद्ध-सिद्धांतों वाले सैनिक एक-दूसरे से बहुत कुछ सीखते हैं.”
रक्षा मंत्री ने कहा, “हम न केवल सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था होने की उपलब्धियों का जश्न मना रहे हैं, बल्कि इस बात पर भी गर्व कर रहे हैं कि हमारे सशस्त्र बलों को दुनिया में सबसे शक्तिशाली बलों में से एक माना जा रहा है.”
रक्षा मंत्री ने कहा, “स्वतंत्रता (1947) के समय भारतीय वायु सेना के पास दो प्रकार के विमानों के केवल छह स्क्वाड्रन थे. इसी तरह, बाकी युद्ध उपकरण न केवल पुराने थे, बल्कि संख्या में भी सीमित थे. लेकिन आज दुनिया के सर्वश्रेष्ठ और आधुनिक विमानों तथा अगली पीढ़ी के उपकरणों से लैस भारतीय वायु सेना ने खुद को बदल दिया है.”
राजनाथ सिंह ने मेक इन इंडिया में भरोसा जताते हुए कहा कि “घरेलू रक्षा क्षेत्र ने हथियारों, प्लेटफार्मों, विमानों आदि के निर्माण में स्वदेशीकरण की दिशा में मजबूत कदम उठाए हैं. आज हम लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट, सेंसर, रडार के निर्माण और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध को अंजाम देने में काफी हद तक आत्मनिर्भर हो गए हैं.”
संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी तरंग शक्ति अभ्यास में विशिष्ट आगंतुक दिवस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई. इस कार्यक्रम में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान, चीफ ऑफ एयर स्टाफ एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी, चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (सीओएएस) जनरल उपेंद्र द्विवेदी, चीफ ऑफ नेवल स्टाफ (सीएनएस) एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी और मित्र देशों के वरिष्ठ सैन्य नेता शामिल हुए. (Tarang Shakti: 100 एयरक्राफ्ट, 1000 उड़ान और एक अटूट बंधन)