स्वदेशी हथियारों का डंका अब विदेश में बजने जा रहा है. उत्तरी अफ्रीकी देश मोरक्को में टाटा कंपनी का इन्फेंट्री कॉम्बेट व्हीकल (व्हैप) का प्लांट तैयार हो गया है. रविवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह दो दिवसीय दौरे पर मोरक्को जा रहे हैं (22-23 सितंबर). इस दौरान राजनाथ सिंह, टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (टीएएसएल) के इस प्लांट का उद्घाटन भी करेंगे. ये भारत का किसी दूसरे देश में पहला हथियारों का प्लांट है.
राजनाथ सिंह करेंगे टाटा के बख्तरबंद गाड़ियों के प्लांट का उद्धघाटन
राजनाथ सिंह, मोरक्को के राष्ट्रीय रक्षा मंत्री अब्देलतीफ लौदियी के आमंत्रण पर मोरक्को की दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा करेंगे. यह भारतीय रक्षा मंत्री की उत्तरी अफ्रीकी देश की पहली यात्रा होगी, जो दोनों देशों के बीच बढ़ते रणनीतिक सहयोग को रेखांकित करती है.
रक्षा मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान जारी कर कहा कि “इस यात्रा का एक प्रमुख आकर्षण टीएएसएल का मोरक्को के बेरेचिड (कैसाब्लांका) में व्हील्ड आर्मर्ड प्लेटफॉर्म (डब्ल्यूएचएपी यानी व्हैप) 8×8 के नए विनिर्माण संयंत्र का उद्घाटन होगा. यह संयंत्र अफ्रीका में पहला भारतीय रक्षा विनिर्माण संयंत्र है, जो एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है और आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत भारत के रक्षा उद्योग की बढ़ती वैश्विक उपस्थिति का परिचायक है.”
टाटा ने डीआरडीओ की मदद से तैयार की व्हैप व्हीकल्स
सितंबर 2024 में मोरक्को के रक्षा मंत्रालय ने टीएएसएल से व्हैप बख्तरबंद गाड़ियों को बनाने का करार किया था. इस व्हैप व्हीकल को टाटा ने डिफेंस रिसर्च एंड डेवलेपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) के साथ मिलकर तैयार किया है. करीब 26 टन की इन मिलिट्री व्हीकल में ड्राइवर और कमांडर सहित कुल 12 सैनिक बैठ सकते हैं. सीमावर्ती और दूरदराज के उबड़ खाबड़ इलाकों में सैनिक इन गाड़ियों में बेहद तेजी से मूवमेंट कर सकते हैं.
भारतीय सेना पूर्वी लद्दाख में और सीआरपीएफ जम्मू कश्मीर में करती है व्हैप का इस्तेमाल
भारतीय सेना इन व्हैप गाड़ियों को पहले से ही चीन सीमा से सटे पूर्वी लद्दाख में 17 हजार फीट की ऊंचाई पर सैनिकों के मूवमेंट के लिए इस्तेमाल करती है. इसके अलावा सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) भी जम्मू कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ इन विशेष गाड़ियों का इस्तेमाल कर रही है.
नदी-नालों, उबड़ खाबड़ और रेगिस्तान में दौड़ सकती है स्वदेशी इन्फेंट्री कॉम्बैट व्हीकल
खास बात ये है कि व्हैप एक एम्फीबियस व्हीकल है जो नदी-नालों को भी आसानी से पार कर सकती है. रेगिस्तान में भी इन गाड़ियों का इस्तेमाल किया जा सकता है. मोरक्को में इस्तेमाल होने के चलते इन व्हैप व्हीकल्स को अफ्रीका के रेगिस्तान में कड़े परीक्षणों से गुजरना पड़ा है.
इन बख्तरबंद गाड़ियों पर गोली या फिर गोला बारूद का असर नहीं होता है. व्हैप में 30-40 एमएम की गन लगी हैं और ट्रूप कमांडर खास टरेट के जरिए दुश्मन पर ऊपर से फायरिंग कर सकता है.
मोरक्को प्लांट से अफ्रीकी देशों को किया एक्सपोर्ट
करार के मुताबिक, 18 महीने के भीतर टीएएसएल प्लांट से गाड़ियों का निर्माण शुरु हो जाएगा. करीब पांच (05) एकड़ में फैले इस प्लांट से हर साल 100 व्हैप गाड़ियों का निर्माण हो सकता है. उसके बाद माना जा रहा है कि प्लांट से अफ्रीका के दूसरे देशों को ये गाड़ियों एक्सपोर्ट की जाएंगी.
राजनाथ के दौरे से भारत और मोरक्को के रक्षा संबंध होंग मजबूत
राजनाथ सिंह की यात्रा के दौरान, भारत और मोरक्को के बीच रक्षा, रणनीतिक और औद्योगिक सहयोग को मज़बूत होगा. राजनाथ सिंह मोरक्को के रक्षा मंत्री लौदियी के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे. वे औद्योगिक सहयोग के अवसरों के लिए लगाने मोरक्को के उद्योग एवं व्यापार मंत्री रियाद मेज़ूर से भी मुलाकात करेंगे. राजनाथ सिंह अपनी यात्रा के दौरान मोरक्कों की राजधानी रबात में भारतीय समुदाय से भी मिलेंगे.
दोनों पक्षों द्वारा रक्षा क्षेत्र में सहयोग पर एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए जाने की भी उम्मीद है. यह समझौता ज्ञापन आदान-प्रदान, प्रशिक्षण और औद्योगिक संबंधों सहित द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को विस्तारित और गहन करने के लिए एक संस्थागत ढांचा प्रदान करेगा. हाल के वर्षों में भारतीय नौसेना के जहाज नियमित रूप से कैसाब्लांका बंदरगाह पर रुकते रहे हैं, और यह समझौता इन संबंधों को और मजबूती प्रदान करेगा.
पीएम मोदी ने किया है मेक फॉर द वर्ल्ड का आह्वान
वर्ष 2015 में भारत में मोरक्को के महामहिम राजा मोहम्मद VI की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात के बाद से दोनों देशों के बीच संबंधों में तेजी आई है. राजनाथ सिंह की यात्रा से भविष्य में इस साझेदारी को, विशेष रूप से रक्षा और रणनीतिक क्षेत्रों में, नई ऊर्जा मिलेगी.
पीएम मोदी ने मेक इन इंडिया के जरिए रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के साथ ही, मित्र-देशों को साझा हथियार बनाने का प्रस्ताव दिया है. ऐसे में टाटा के मोरक्को प्लांट को पीएम मोदी के ‘मेक फॉर द वर्ल्ड’ के विजन के पहले हथियारों के कारखाने के तौर पर माना जा रहा है.