आतंकवाद का कैंसर अब पाकिस्तान की राजनीतिक व्यव्सथाओं को निगल रहा है. ये बेबाक बयान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दिया है.
मुंबई के एक प्रोग्राम के दौरान जयशंकर ने अफगानिस्तान, म्यांमार, चीन समेत पड़ोसी देशों को लेकर भारत के संबंधों की बात की है तो पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर घेरते हुए आईना दिखाया है.
जयशंकर ने कहा है, “भारत के पड़ोस में पाकिस्तान एक अपवाद बना हुआ है, क्योंकि वो सीमा पार आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करता है.”
पाकिस्तान ने अस्थिर किया पूरा दक्षिण एशिया
आतंकवाद को बढ़ावा देने के कारण जयशंकर ने पाकिस्तान को एक बार फिर से आड़े हाथों लिया है. एस जयशंकर ने भारत के पड़ोस में पाकिस्तान को अपवाद बताते हुए कहा है कि “पाकिस्तान में आतंकवाद का कैंसर अब खुद उसके राजनीतिक ढांचे को खा रहा है. पाकिस्तान की हरकतें न केवल उसके पड़ोसियों को नुकसान पहुंचाती हैं बल्कि पूरे उपमहाद्वीप को अस्थिर करती हैं.”
विदेश मंत्री ने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा, “पूरे उपमहाद्वीप का साझा हित है कि पाकिस्तान इस दृष्टिकोण को त्याग दे.”
भारत-चीन के संबंधों में संतुलन अनूठी चुनौती: जयशंकर
जयशंकर ने चीन के साथ संबंधों पर भी खुलकर बात की है. जयशंकर ने कहा कि “पहले की आदर्शवादी और गलतफहमियों वाली नीतियों ने सहयोग और प्रतिस्पर्धा को बाधित किया, लेकिन पिछले एक दशक में भारत का दृष्टिकोण बदला है. भारत और चीन के एक साथ उभरने से संबंधों में संतुलन बनाने की अनूठी चुनौती खड़ी हो गई है.”
विदेश मंत्री ने कहा कि “भारत और चीन के बीच सीमा विवाद, ऐतिहासिक मुद्दे और अलग सामाजिक-राजनीतिक व्यवस्थाओं ने इस रिश्ते को और जटिल बना दिया है.. फिलहाल, भारत-चीन संबंध 2020 के बाद की सीमा स्थिति से उत्पन्न जटिलताओं को सुलझाने की प्रक्रिया में हैं.”
जो देश करीब, उनके हित दूर देशों से अलग
जयशंकर ने म्यांमार और अफगानिस्तान की स्थितियों की जटिलताओं को स्वीकार किया और इस बात पर जोर दिया कि क्षेत्रीय स्थिरता सबसे महत्वपूर्ण है.
पड़ोसी देशों के साथ कूटनीति के प्रति भारत के दृष्टिकोण को लेकर विदेश मंत्री ने कहा कि हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि जो देश ज्यादा निकट हैं, उनके हित अन्य दूर देशों से काफी अलग हैं.