आतंकवाद और कट्टरपंथ के खिलाफ भारत और इंडोनेशिया ने हाथ मिला लिया है. साथ ही समुद्री-सुरक्षा को लेकर दोनों देश ने सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की है. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडोनेशियाई राष्ट्रपति प्राबोवो सुबियांतो की मौजूदगी में इस बात की घोषणा की है.
इंडोनेशियाई राष्ट्रपति इस बार गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि हैं. शनिवार को पीएम मोदी ने प्राबोवो के साथ राजधानी में मुलाकात की और फिर एक साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया.
चीन को सीधा संदेश
मीडिया को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आसियान और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में इंडोनेशिया हमारा महत्वपूर्ण पार्टनर है. इस पूरे क्षेत्र में शांति, सुरक्षा, समृद्धि और रूल बेस्ड ऑर्डर को बनाए रखने के लिए हम दोनों प्रतिबद्ध हैं.
चीन पर अपरोक्ष रूप से हमला बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हम सहमत हैं, कि अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुरूप फ्रीडम ऑफ नेविगेशन सुनिश्चित होना चाहिए.
ब्रह्मोस मिसाइल खरीदना चाहता है इंडोनेशिया
दरअसल, फिलीपींस और दूसरे आसियान देशों की तरह ही इंडोनेशिया का साउथ चायना सी में चीन से विवाद चल रहा है. चीन किसी दूसरे देश को साउथ चायना सी में दाखिल नहीं होने देता है. ऐसे में फिलीपींस की तरह है इंडोनेशिया भी भारत से समुद्री-सुरक्षा के लिए सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस लेने की तैयारी कर रहा है. (ब्रह्मोस की झलक देखेंगे इंडोनेशियाई राष्ट्रपति, कर्तव्य-पथ पर होगी प्रदर्शित)
यही वजह है कि प्राबोवो के भारत दौरे के दौरान दोनों देशों ने मेरीटाइम सेफ्टी और सिक्योरिटी को लेकर अहम समझौते किए ताकि समंदर में अपराधों को रोका जा सके और एक दूसरे की क्षमताओं को मजबूती प्रदान की जा सके.
पीएम मोदी ने प्रबोवो को रक्षा क्षेत्र में साझा उत्पादन और सप्लाई चेन में मिल कर काम करने का भरोसा दिया. वर्ष 2018 में भारत और इंडोनेशिया ने एक दूसरे को सामरिक पार्टनर घोषित किया था.
आतंकवाद और कट्टरवाद से त्रस्त रहा है इंडोनेशिया
भारत की तरह ही इंडोनेशिया भी आतंकवाद और इस्लामिक कट्टरवाद का शिकार रहा है. यही वजह है कि दोनों देशों ने काउंटर-टेररिज्म और डी-रेडिकलाइजेशन को लेकर भी अहम चर्चा की.
मुंबई के 26/11 हमले की तरह, वर्ष 2002 में इंडोनेशिया के बाली द्वीप पर इस्लामिक कट्टरपंथी आतंकवादियों ने सीरियल बम-ब्लास्ट के जरिए 200 से भी ज्यादा लोगों को मौत के घाट उतार दिया था. मरने वालों में ज्यादातर विदेशी पर्यटक थे.
पहले गणतंत्र दिवस में भी इंडोनेशियाई राष्ट्रपति थे चीफ गेस्ट
रविवार (26 जनवरी) को प्राबोवो के कर्तव्य पथ पर चीफ गेस्ट के तौर पर शामिल होने का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के पहले गणतंत्र दिवस (26 जनवरी 1950 में) भी इंडोनेशिया के (तत्कालीन) राष्ट्रपति सुकर्णो मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए थे. (https://x.com/narendramodi/status/1883120554133127290)
भारत और इंडोनेशिया के संबंध हजारों वर्ष पुराने हैं. रामायण और महाभारत से प्रेरित गाथाएं, और ‘बाली जात्रा’ से दोनों देशों के बीच अनवरत सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंधों के जीते जागते प्रमाण हैं. इंडोनेशिया में बोरोबुदुर बौद्ध मंदिर के बाद, अब भारत, प्रम्बानन हिन्दू मंदिर के संरक्षण में भी योगदान करने जा रहा है.
पीएम मोदी ने इंडोनेशिया की ब्रिक्स संगठन में सदस्य के तौर पर शामिल होने पर शुभकामनाएं दी. साथ ही जी-20 सहित सभी वैश्विक मंचों पर, ग्लोबल साउथ के देशों के हितों और उनकी प्राथमिकताओं पर, सहयोग और समन्वय से काम करने का आह्वान किया.