ऑपरेशन सिंदूर के बाद सेना को घातक हथियार से लेकर रडार और ड्रोन से लेकर मिसाइल लॉन्चर तक मिलने वाले हैं. भारत की सैन्य ताकत को और मजबूत बनाने के लिए रक्षा मंत्रालय ने भारतीय सेना को करीब 2000 करोड़ की रक्षा खरीद को मंजूरी दी है.
इस रक्षा खरीद के तहत 13 कॉन्ट्रैक्ट को मंजूरी दी गई है, जिसमें सुरक्षाबलों के लिए आधुनिक हथियार और उपकरण खरीदे जाएंगे, जो आतंकवाद की लड़ाई के साथ-साथ सीमा को मजबूत करने का काम करेंगे.
भारतीय सेना खरीदेगी आधुनिक हथियार, रक्षा मंत्रालय ने दी हरी झंडी
सेना ने ड्रोन, मिलिट्री व्हीकल, रडार और दूसरे जरूरी सैन्य उपकरणों की इमरजेंसी (आपातकालीन) खरीद की है. इन सभी हथियारों और सैन्य उपकरणों का इस्तेमाल आतंकवाद विरोधी अभियान में किया जाएगा. पिछले डेढ़ महीने में रक्षा मंत्रालय ने ऐसे कुल 13 करार किए हैं.
रक्षा मंत्रालय ने आतंकवाद के खिलाफ अभियानों में भारतीय सेना की ऑपरेशन्ल क्षमता को मजबूत करने के लिए इन अनुबंधों को अंतिम रूप दिया है. रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को एक बयान जारी कर बताया कि भारतीय सेना के लिए 2,000 करोड़ रुपए के कुल स्वीकृत राशि में 1981.90 करोड़ रुपए की राशि में कॉन्ट्रैक्ट को फाइनल किया गया है.
कौन-कौन से हथियार खरीदेगी भारतीय सेना
जिन हथियारों को सेना खरीदेगी, उनमें एकीकृत ड्रोन डिटेक्शन और इंटरडिक्शन सिस्टम (आईडीडीआईएस), निम्न स्तर के हल्के वजन वाले रडार (एलएलएलआर), बहुत कम दूरी की वायु रक्षा प्रणाली (वीएसएचओआरएडीएस)-लॉन्चर और मिसाइल, दूर से संचालित हवाई वाहन, वर्टिकल टेक-ऑफ और लैंडिंग सिस्टम सहित लोइटरिंग म्यूनिशन
, विभिन्न श्रेणियों के ड्रोन, बुलेट प्रूफ जैकेट, बैलिस्टिक हेलमेट, क्विक रिएक्शन फाइटिंग व्हीकल (क्यूआरएफवी)-भारी और मध्यम और राइफल के लिए नाइट विजन डिवाइस
आपातकालीन खरीद व्यवस्था में जल्द मिलेंगे आधुनिक हथियार, तेजी से पूरी हुई खरीद प्रक्रिया
आपातकालीन खरीद व्यवस्था के अंतर्गत फास्ट-ट्रैक प्रक्रियाओं के माध्यम से निष्पादित, इस खरीद का उद्देश्य आतंकवाद के खिलाफ अभियानों में तैनात सैनिकों के लिए स्थितिजन्य जागरूकता, मारक क्षमता, गतिशीलता और सुरक्षा को बढ़ाना है. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, तेजी से क्षमता वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए इस अधिग्रहण को कम समय सीमा में पूरा किया गया.
दरअसल, हथियारों की खरीद को एक लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है. ऐसे में सेना को समय से सैन्य साजो सामान की आपूर्ति नहीं हो पाती है. इसके लिए रक्षा मंत्रालय ने सेना को इमरजेंसी प्रोक्योरमेंट का रास्ता निकाला है. इस प्रक्रिया से सेना तुरंत किसी भी हथियार या रक्षा उपकरण को खरीद सकती है.
सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए मजबूत बनेगी सेना
यह खरीद भारतीय सेना को उभरती सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए आधुनिक और पूरी तरह से स्वदेशी प्रणालियों से लैस करने की मंत्रालय की प्रतिबद्धता को दर्शाती है. यह आपातकालीन खरीद व्यवस्था, तत्काल क्षमता अंतराल को पाटने और महत्वपूर्ण परिचालन उपकरणों की समय पर उपलब्धता सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण है.
पहलगाम हमले (22 अप्रैल) का बदला लेने के लिए पाकिस्तान से ऑपरेट होने वाले आतंकी संगठनों के खिलाफ 6-7 मई को ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया था. इसके तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाली कश्मीर (पीओके) में आठ (08) आतंकी ठिकानों को तबाह किया था. ऑपरेशन सिंदूर के जवाब में पाकिस्तान ने भारत पर ड्रोन और मिसाइल अटैक किए थे. ऐसे में भारत ने पाकिस्तानी वायुसेना के 11 एयरबेस पर बड़े हवाई हमले किए थे.
10 मई को पाकिस्तान ने भारत से युद्धविराम की गुहार लगाई थी. ऐसे में भारत ने अस्थायी तौर से सैन्य ऑपरेशन रोक दिए थे. ऐसे में भारतीय सेना को अपने काउंटर टेररिज्म वॉरफेयर को धार देने की सख्त जरूरत थी. ऐसे में 2000 करोड़ की इमरजेंसी प्रोक्योरमेंट की गई है, जिससे सेना सशक्त और हर चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार हो.