ऑपरेशन सिंदूर पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बेबुनियाद दावों और अमेरिका से थोड़े डीरेल हुए संबंधों के बीच भारतीय सेना को मिलने वाले हैं तीन (03) अपाचे कॉम्बेट हेलीकॉप्टर. साल 2020 में हुए अमेरिका से हुई ये डील 15 महीने देरी से चल रही है.
भारतीय सेना को जो मिल रहे हैं उन अपाचे कॉम्बेट हेलीकॉप्टर को अमेरिकी कंपनी बोइंग ने तैयार किया है. सोमवार को अपाचे हेलीकॉप्टर के हिंडन एयरबेस पर पहुंचने की संभावना है. इन अपाचे हेलिकॉप्टर को भारतीय सेना की जोधपुर स्थित एविएशन कोर में तैनात किया जाएगा.
यह पहली बार है, जब भारतीय वायु सेना के अलावा भारतीय सेना अपाचे हेलिकॉप्टरों का संचालन करेगी.
भारत को मिल रहा अपाचे, 2020 में अमेरिका से हुआ था सौदा
भारतीय वायुसेना के पास पहले से 22 अपाचे हेलीकॉप्टर हैं, जिन्हे पठानकोट (पंजाब) और जोरहाट (असम) में तैनात किया गया है. हालांकि, भारतीय सेना (थलसेना) स्वदेशी रूद्र हेलीकॉप्टर ऑपरेट करती है. वर्ष 2020 में रक्षा मंत्रालय ने अमेरिका से थलसेना के लिए छह (06) अपाचे हेलीकॉप्टर खरीदने का सौदा किया था. इस सौदे की कुल कीमत 800 मिलियन डॉलर (करीब 7000 हजार करोड़ थी).
डील के मुताबिक, वर्ष 2024 में सेना को ये अमेरिका अटैक हेलिकॉप्टर की डिलीवरी होनी थी. जानकारी के मुताबिक, बाकी तीन हेलिकॉप्टर की डिलीवरी भी इसी साल मिलने की उम्मीद है. ये पहली बार है जब देर से ही सही 3 अपाचे हेलीकॉप्टर भारतीय थल सेना को मिल रहे हैं
खालिस्तानी आतंकी पन्नू और ऑप सिंदूर में ट्रंप के बयान के बाद डिलिवरी में हुई देर
पहले खालिस्तानी आतंकी और भारत के मोस्टवांटेड गुरपतवंत सिंह पन्नू और फिर ऑपरेशन सिंदूर पर ट्रंप के बयानों के चलते अमेरिका से हथियार और सैन्य उपकरणों की डिलीवरी में देरी चल रही है. लेकिन इसी महीने अमेरिका से तेजस फाइटर जेट प्रोजेक्ट के लिए एविएशन इंजन की डिलीवरी हुई है और अब अपाचे हेलीकॉप्टर आ रहे हैं.
ये है अपाचे हेलीकॉप्टर की खूबियां, वायुसेना के बाद थल सेना की बढ़ेगी ताकत
1. लॉन्गबो रडार: यह रडार प्रणाली एक साथ 128 लक्ष्यों को ट्रैक कर सकती है और कुछ ही सेकंड में 16 लक्ष्यों पर हमला कर सकती है.
2. हेलफायर मिसाइल: ये मिसाइल टैंक जैसे बख्तरबंद वाहनों को नष्ट करने में सक्षम हैं.
3. एयर-टू-ग्राउंड रॉकेट: ये रॉकेट जमीन पर मौजूद लक्ष्यों को निशाना बनाने में मदद करते हैं.
4. चेन गन: 30 एमएम-एम230 तोप उच्च गति से गोलीबारी कर सकती है, जो निकट युद्ध में उपयोगी होती है.
बोइंग कंपनी ने बनाया है अपाचे हेलीकॉप्टर
एएच-64ई अपाचे दुनिया के सबसे उन्नत लड़ाकू हेलिकॉप्टरों में से एक हैं, जिसे खासतौर से जंग क्षेत्रों में शक्तिशाली हमले करने के लिए डिजाइन किया गया है. अपाचे हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल दुश्मन की सीमा में घुसकर हमला करने के लिए किया जाता है. साथ ही जंग के मैदान में दुश्मन के टैंक, आर्मर्ड व्हीकल्स और मिलिट्री गाड़ियों पर अटैक करने के लिए किया जाता है. पहाड़ी क्षेत्रों में भी इन हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल दुश्मन की चौकियों और गुफाओं में छिपे आतंकियों को मार गिराने के लिए किया जाता है.
इनका निर्माण अमेरिकी रक्षा दिग्गज बोइंग ने किया है.अपाचे का इस्तेमाल वर्तमान में अमेरिका, ब्रिटेन, इजरायल, मिस्र और अब भारत की सेनाएं कर रही हैं.