भारत ने संयुक्त राष्ट्र में रूस-यूक्रेन युद्ध की शांति के लिए किए जा रहे राजनयिक प्रयासों की सराहना की है. संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पर्वथानेनी हरीश ने कहा, ‘भारत यूक्रेन की स्थिति को लेकर चिंतित है. भारत का मानना कि निर्दोष लोगों की जान नहीं जानी चाहिए. युद्ध के मैदान में इसका कोई समाधान नहीं निकाला जा सकता.’
भारत के प्रतिनिधि का ये बयान ऐसे वक्त में आया है जब इसी सप्ताह चीन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच सकारात्मक बातचीत हुई थी. वहीं पुतिन से मुलाकात से पहले पीएम मोदी और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की के बीच भी फोन पर बात हुई थी.
यूक्रेन युद्ध अंत में ही सबकी भलाई, संवाद और कूटनीति है युद्ध समाप्ति का हल: भारत
संयुक्त राष्ट्र में भारतीय प्रतिनिधि ने कहा है कि, “हम मानते हैं कि निर्दोष लोगों की जान जाना अस्वीकार्य है और किसी भी प्रकार का समाधान युद्ध के मैदान से नहीं निकल सकता, इसलिए यूक्रेन संघर्ष का अंत सभी के हित में है. भारत ने हमेशा यह पक्ष रखा है कि यूक्रेन में चल रहे संघर्ष को समाप्त करने का एकमात्र रास्ता संवाद और कूटनीति है. भले ही यह मार्ग जितना भी कठिन क्यों न दिखे. इस दिशा में सभी पक्षों की पूर्ण भागीदारी और प्रतिबद्धता स्थायी शांति के लिए अत्यंत आवश्यक है.”
भारत ने अलास्का समिट और व्हाइट हाउस में यूरोपीय नेताओं की बैठक की सराहना की
यूएन में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पर्वथनेनी हरीश ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई मौकों पर कहा है, कि यह युद्ध का युग नहीं है. भारत इसके लिए कूटनीतिक प्रयासों का समर्थन करने के लिए तैयार है.”
संयुक्त राष्ट्र में भारत ने कहा, कि “यूक्रेन युद्ध में शांति लाने के लिए हाल ही में हुए सकारात्मक विकास का स्वागत है. हम अलास्का में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हुई शिखर बैठक का समर्थन करते हैं.”
पर्वथनेनी ने कहा, “हम अलास्का शिखर सम्मेलन में हुई प्रगति की सराहना करते हैं और इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा यूक्रेनी राष्ट्रपति और यूरोपीय नेताओं से वाशिंगटन डीसी में की गई कूटनीतिक बातचीत को भी महत्वपूर्ण मानते हैं.”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ताजा स्थिति को लेकर राष्ट्रपति पुतिन, राष्ट्रपति जेलेंस्की और यूरोपीय नेतृत्व के संपर्क में हैं.
भारतीय प्रतिनिधि ने उठाया तेल की बढ़ती कीमतों का मुद्दा
भारतीय प्रतिनिधि ने कहा, “हमें खेद है कि इस संघर्ष के दौरान दुनियाभर में ईंधन की कीमतें प्रभावित हो रही है, इससे विशेष रूप से ग्लोबल साउथ के देश ज्यादा प्रभावित हैं, जिन्हें अपने हाल पर छोड़ दिया गया है. हमारे नजरिए से यह महत्वपूर्ण है कि उनकी आवाज सुनी जाए और चिंताओं का उचित समाधान किया जाए. यूक्रेन संघर्ष के प्रति भारत का नजरिया लोगों पर फोकस करता है.”
“हम यूक्रेन को मानवीय सहायता और ग्लोबल साउथ में साझेदारों को आर्थिक सहायता दे रहे हैं. इनमें आर्थिक संकट से जूझ रहे हमारे कुछ पड़ोसी देश भी शामिल हैं.”
भारत ने इस बात पर जोर दिया कि “रूस-यूक्रेन युद्ध समाप्ति न कि युद्धग्रस्त देशों बल्कि पूरी दुनिया के लिए हितकारी रहेगा.”