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त्रिपुरा में बांग्लादेशियों की मौत का सच, विदेश मंत्रालय ने दिया ढाका को जवाब

त्रिपुरा में तीन बांग्लादेशी नागरिकों की मौत के मामले में भारत सरकार ने ढाका को दिया है जवाब. विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश के उन आरोपों को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि उनके नागरिकों को त्रिपुरा में पीट-पीटकर मार डाला गया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल के मुताबिक, बांग्लादेशी तस्कर मवेशी चुराने के इरादे से भारतीय सीमा में घुस आए थे और इस दौरान हुई झड़प में मारे गए.

अंतर्राष्ट्रीय सीमा पार करके भारतीय सीमा में मवेशी चुराने आया था बांग्लादेशी गैंग: रणधीर जायसवाल

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर त्रिपुरा में हुई घटना के बारे में बताया है. विदेश मंत्रालय ने कहा, “15 अक्टूबर 2025 को त्रिपुरा में भारतीय सीमा से लगभग 3 किलोमीटर अंदर हुई थी. बांग्लादेश से आए तीन बदमाशों के एक गैंग ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पार की और भारतीय क्षेत्र के बिद्याबिल गांव से मवेशी चुराने का प्रयास किया. उन्होंने स्थानीय ग्रामीणों पर लोहे के दरांती और चाकू से हमला किया, जिससे कुछ ग्रामीण घायल हो गए और एक ग्रामीण की मौत हो गई. जब अन्य ग्रामीण हमलावरों का विरोध करने पहुंचे, तब यह घटना हुई.”

विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, “जब अधिकारी मौके पर पहुंचे, तो उन्होंने दो तस्करों को मृत पाया. तीसरे तस्कर की अगले दिन अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई. तीनों के शव बांग्लादेश को सौंप दिए गए हैं और पुलिस ने इस मामले में एफआईआर भी दर्ज कर ली है.”

बांग्लादेश की सरकार ने क्या दावा किया था?

बांग्लादेश ने इन तीन नागरिकों की मौत पर भारत के खिलाफ कड़ा विरोध दर्ज कराया था. बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने दावा किया था कि ये तीन बांग्लादेशी नागरिक 15 अक्टूबर 2025 को त्रिपुरा के बिद्याबिल गांव में मवेशी चोर होने के शक में एक गुस्साई भीड़ का शिकार हुए थे.

बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के विदेश मंत्रालय ने कहा बांग्लादेश सरकार त्रिपुरा, भारत में भीड़ की ओर से तीन बांग्लादेशी नागरिकों की क्रूर पिटाई और हत्या का कड़ा विरोध और निंदा करती है.

बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने इस घटना को जघन्य और अस्वीकार्य बताते हुए मानवाधिकारों के गंभीर उल्लंघन का आरोप लगाया है. 

शेख हसीना के तख्तापलट के बाद से भारत-बांग्लादेश में बिगड़े संबंध

अगस्त 2024 के बाद से भारत-बांग्लादेश के संबंधों में तल्खी है. शेख हसीना के तख्तापलट के बाद वहां मोहम्मद यूनुस के अगुवाई में अंतरिम सरकार है. लेकिन पारंपरिक मित्र भारत को छोड़कर यूनुस की पाकिस्तान से करीबी है. आए दिन अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार किया जाता है. 

कई बार संबंधों को सुधारने की कोशिश की जा चुकी है. बांग्लादेश की ओर से अवैध घुसपैठ रोकने के लिए भारत मे कंटीला बाड़ लगाया जा रहा है. अभी 900 किलोमीटर का इलाका बाकी है. विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश सरकार से कहा है कि भारतीय सीमा में अवैध घुसपैठ रोकने में मदद करे.

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