ब्रिक्स देशों पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ की ट्रंप की धमकी पर चीन के बाद ब्राजील ने भी पलटवार किया है. ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इंसियो लूला डा सिल्वा ने कहा है कि दुनिया को किसी शहंशाह की जरूरत नहीं है. दुनिया बदल चुकी है और कोई भी देश शहंशाहों को पसंद नहीं करता है. इससे पहले चीन की ओर से भी प्रतिक्रिया दी गई थी. चीन ने ट्रंप के बयान पर कहा था कि ब्रिक्स किसी के खिलाफ मंच नहीं है.
अमेरिका विरोधी नहीं है ब्रिक्स मंच, दुनिया शहंशाह को नहीं मानती- लूला डा सिल्वा
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में विकासशील देशों ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस आरोप को खारिज कर दिया कि वे “अमेरिका विरोधी” हैं. ट्रंप की टैरिफ चेतावनी पर प्रतिक्रिया देते हुए ब्राजील के राष्ट्रपति लूला ने कहा, “दुनिया बदल गई है. हम कोई शहंशाह नहीं चाहते. यह उन देशों का समूह (ब्रिक्स) है, जो आर्थिक दृष्टिकोण से दुनिया को संगठित करने का एक वैकल्पिक तरीका खोजना चाहते हैं. मुझे लगता है कि यही वजह है कि ब्रिक्स कई लोगों को असहज कर रहा है.”
हमें सिर्फ अमेरिकी डॉलर पर निर्भर नहीं होना चाहिए: लूला
राष्ट्रपति लुला डा सिल्वा ने कहा, कि “वैश्विक व्यापार केवल अमेरिकी डॉलर पर निर्भर नहीं होना चाहिए. दुनिया को ऐसा तरीका खोजने की जरूरत है जिससे हमारे व्यापारिक संबंधों को डॉलर के माध्यम से आगे न बढ़ना पड़े. जाहिर है हमें इसे सावधानीपूर्वक करने के बारे में जिम्मेदार होना चाहिए. हमारे केंद्रीय बैंकों को अन्य देशों के केंद्रीय बैंकों के साथ इस पर चर्चा करनी चाहिए.”
अमेरिका के हितों को कमजोर कर रहा ब्रिक्स: कैरोलिन लेविट
अमेरिका की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने एक प्रेस ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए कहा कि “राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का मानना है कि ब्रिक्स अमेरिका के हितों को कमजोर करने की कोशिश कर रहा है, और वह यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि विश्व मंच पर अमेरिका के साथ उचित व्यवहार हो. राष्ट्रपति ट्रंप देशों को अमेरिका और उसके लोगों का फायदा उठाने से रोकने के लिए कोई भी आवश्यक कार्रवाई करेंगे. राष्ट्रपति ट्रंप ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं.”
टैरिफ, राजनीतिक हथियार या दबाव बनाने के लिए नहीं होना चाहिए: चीन
दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने ट्रंप के टैरिफ धमकी पर कहा कि “ब्रिक्स किसी देश के खिलाफ गठजोड़ नहीं है. हमारा उद्देश्य वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देना है. हम अमेरिका के साथ भी व्यापार समझौते की उम्मीद रखते हैं.”
वहीं चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने बीजिंग में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ट्रंप के बयानों पर टिप्पणी करते हुए कहा, “टैरिफ का इस्तेमाल दबाव बनाने या राजनीतिक हथियार के रूप में नहीं किया जाना चाहिए. ब्रिक्स का उद्देश्य ‘विन-विन सहयोग’ को बढ़ावा देना है, न कि किसी भी देश को निशाना बनाना है.
ईरान पर हमले की निंदा और वैकल्पिक मुद्रा की बात पर भड़के ट्रंप
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान ईरान पर अमेरिकी हमले की निंदा की गई है. जिसके बाद ट्रंप ने ब्रिक्स देशों को धमकी दी थी. ट्रंप ने कहा था कि “जो भी देश ब्रिक्स की अमेरिका विरोधी नीतियों के साथ जुड़ेंगे उनपर 10 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ लगाया जाएगा, इस नीति के तहत किसी भी देश को बख्शा नहीं जाएगा.”