दुनिया की टॉप 100 आर्म्स कंपनियों की लिस्ट में भारत की 03 हथियार बनाने वाली कंपनियों का नाम शुमार हुआ है. ग्लोबल थिंकटैंक सिपरी की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, इन तीनों कंपनियों की कमाई 7.5 बिलियन डॉलर यानी करीब 6700 करोड़ है, जो 2023 के मुकाबले 8.2 प्रतिशत ज्यादा है.
एचएएल, बीईएल और मझगांव डॉकयार्ड हुई लिस्ट में शामिल
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सिपरी) की रिपोर्ट के मुताबिक, जिन तीन भारतीय कंपनियों का नाम दुनिया की टॉप हथियार बनाने वाली कंपनियों में शामिल हुआ है, उनमें एलसीए-तेजस बनाने वाली सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल), इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम बनाने वाली भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) और जंगी जहाज सहित पनडुब्बी बनाने वाली मझगांव डॉकयार्ड लिमिटेड (एमडीएल) शामिल है.
एचएएल को ग्लोबल आर्म्स लिस्ट की कंपनियों में 44वां स्थान मिला है, जबकि बीईएल 58वें स्थान पर है. मुंबई की एमडीएल, 91वें स्थान पर है. सिपरी की ये रिपोर्ट, वर्ष 2024 में हुए मुनाफे पर आधारित है.
भारत की कंपनियों की हिस्सेदारी महज 1.1 प्रतिशत, अमेरिका की 49%
रिपोर्ट के मुताबिक, इन तीनों कंपनियों को ग्लोबल आर्म्स ट्रेड में 1.1 प्रतिशत की भागीदारी है. जबकि अमेरिका, पूरी दुनिया के हथियारों की खरीद-फरोख्त में लगभग आधी (49%) की हिस्सेदारी रखता है. दूसरे स्थान पर 13 प्रतिशत के साथ चीन की कंपनियां हैं. सिपरी के मुताबिक, डाटा के अभाव में ग्लोबल लिस्ट में रुस की महज दो कंपनियां शामिल की गई. प्रतिबंधों के बावजूद, इन दोनों रूसी कंपनियों (रोसटेक और यूनाइटेड शिपबिल्डिंग कॉर्पोरेशन) ने वर्ष 2023 के मुकाबले 23 प्रतिशत का ज्यादा बिजनेस किया.
रिपोर्ट के मुताबिक, चीन की भले ही 08 कंपनियों का नाम लिस्ट में है, लेकिन भ्रष्टाचार के चलते इन कंपनियों के कई सौदे रद्द कर दिए गए या फिर स्थगित कर दिए गए.
टॉप 05 कंपनियों में चार अमेरिका की
सिपरी के मुताबिक, दुनिया की टॉप पांच हथियार बनाने वाली कंपनियों में चार अकेली अमेरिका की हैं. पहले स्थान पर है लॉकहीड मार्टिन, जिसकी कुल कमाई है 64.7 बिलियन डॉलर है यानी करीब 58 हजार करोड़. दूसरे स्थान पर है आरटीएक्स और तीसरे स्थान पर है नॉर्थरोप ग्रुमैन. चौथे स्थान पर है इंग्लैंड की बीएई सिस्टम, जबकि पांचवें पर भी अमेरिका की जनरल डायनामिक्स कंपनी है.
रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया की इन टॉप 100 कंपनियों ने हथियारों और दूसरे सैन्य उपकरणों को बेचकर कुल 679 बिलियन डॉलर यानी छह (06) लाख करोड़ से ज्यादा का बिजनेस किया. वर्ष 2023 के मुकाबले, ये 5.9 प्रतिशत ज्यादा था.

