कनाडा में जो कुछ भी हो रहा है, उसे लेकर जस्टिन ट्रूडो की दोगले चेहरे का कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पर्दाफाश किया है. कैप्टन अमरिंदर सिंह, जिन्होंने पंजाब का मुख्यमंत्री रहते हुए खालिस्तानी आतंकियों और कट्टरपंथियों को लेकर ट्रूडो को चेतावनी दी थी. कैप्टन अमरिंदर ने जस्टिन ट्रूडो से जुड़ा किस्सा बताते हुए बताया है कि ट्रूडो कितने बेशर्म हैं, जो सिर्फ और सिर्फ सत्ता बचाने के लिए ना सिर्फ कट्टरपंथियों को संरक्षण देते हैं, बल्कि भारत के मोस्ट-वांटेड को शरण भी देते हैं.
खालिस्तानी आतंकियों का अड्डा बना कनाडा, मैंने जताई थी आपत्ति: कैप्टन
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी जस्टिन ट्रूडो पर निशाना साधा है. कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पंजाब के सीएम रहते हुए जस्टिन ट्रूडो से मुलाकात की थी और 20 से अधिक खालिस्तानी चरमपंथियों की लिस्ट सौंपी थी. मंदिर पर हुए हमले के बाद भड़के कैप्टन अमरिंदर सिंह ने एक बयान जारी कर कहा, “जब मैं मुख्यमंत्री था, तो मुझे पता था कि कनाडा में सिख उग्रवाद बहुत तेजी से बढ़ रहा है, जिस पर ट्रूडो ने न केवल आंखें मूंद रखी है, बल्कि अपने राजनीतिक आधार को बढ़ाने के लिए ऐसे लोगों को संरक्षण भी दे रहे हैं.”
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दावा किया कि ट्रूडो ने अपने रक्षा मंत्री को पंजाब भेजा था लेकिन कैप्टन ने रक्षा मंत्री से मिलने से इनकार कर दिया था क्योंकि रक्षा मंत्री खुद विश्व सिख संगठन के सक्रिय सदस्य थे, जो उस समय खालिस्तानी आंदोलन का मूल निकाय था.
ट्रूडो ने मिलने में की आनाकानी तो सुषमा स्वराज ने दी थी चेतावनी: कैप्टन अमरिंदर
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बताया कि “कनाडा के रक्षा मंत्री से मुलाकात ना करने की घटना के कुछ महीने बाद ट्रूडो पंजाब आए, पर इस बार ट्रूडो ने सीएम कैप्टन अमरिंदर से मिलने से मना कर दिया. तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्रूडो को दो टूक कहा कि अगर ट्रूडो, सीएम से नहीं मिलेंगे तो पंजाब का दौरा नहीं कर सकते. जिसके बाद जस्टिन ट्रूडो कैप्टन अमरिंदर से अमृतसर में मिले.”
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि “हम अमृतसर में मिले, उनके साथ उनके रक्षा मंत्री भी थे, जिनसे मैंने मिलने से मना किया. ट्रूडो बैठक में जानबूझकर मुझे उकसाने के लिए रक्षा मंत्री को साथ लाए थे.”
ट्रूडो से मुलाकात के दौरान “मैंने उन्हें कनाडा के साथ पंजाब की समस्याओं के बारे में साफ शब्दों में बताया. मैंने उन्हें बीस से अधिक प्रमुख इंसानों की सूची सौंपी जो इस आंदोलन में सक्रिय रूप से शामिल थे, कुछ उनके मंत्रिमंडल के सदस्य भी थे, जिनमें से एक उनके बगल में बैठे थे.”
राजनीतिक लाभ के लिए ट्रूडो दे रहे अलगाववादियों को संरक्षण: कैप्टन
इस मुलाकात के दौरान कैप्टन अमरिंदर ने ट्रूडो को 20 से अधिक अलगाववादी लोगों के नामों की लिस्ट सौंपी थी. कैप्टर अमरिंदर ने ट्रूडो से मुलाकात के वक्त ये भी कहा था कि कनाडा खालिस्तानी अलगाववादियों का अड्डा बन रहा है, जिसे कोई भी पंजाबी नहीं चाहता था. कनाडा गैंगेस्टर व ड्रग्स माफिया का भी अड्डा बन चुका है. ट्रूडो ने वादा किया गया था कि वो इन शिकायतों पर गौर करेंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ. उल्टा हमारी बैठक के बाद से ये नापाक गतिविधियां बढ़ गई. क्योंकि राजनीतिक लाभ के लिए कनाडा सरकार आतंकवादी और अलगाववादियों को संरक्षण तो देती है, साथ ही अपराधियों की भी शरण दे रही है.
कैप्टन अमरिंदर कहते हैं कि “कनिष्क बम विस्फोट अब ट़्रूडो के दिमाग से निकल चुका है. ट्रूडो अपनी सरकार बनाए रखने के लिए पंजाबियों का इस्तेमाल कर रहे हैं. जबकि ट्रूडो ये नहीं सोच रहे हैं कि भारत में रह रहे पंजाबियों के साथ भी उनके संबंध बिगड़ रहे हैं.”