Breaking News Russia-Ukraine War

दुविधा में ट्रंप; बोले, मेरी नहीं है यूक्रेन जंग

रूस-यूक्रेन के बीच सहमति बनाने की कोशिश में जुटे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ-साथ वोलोडिमिर जेलेंस्की को खूब सुनाया है. बाइडेन पर जंग भड़काने का आरोप लगाया तो जेलेंस्की को कहा है कि रूस के आगे टिकने की हिम्मत नहीं थी. दरअसल ट्रंप की ये भड़ास इसलिए बाहर आ रही है, क्योंकि उन्होंने चुनावी वादे और चुनाव जीतने के बाद भी ये दावा किया था कि रूस-यूक्रेन युद्ध को फौरन समाप्त करा देंगे, लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी पुतिन की शर्तों के बाद ऐसा होते दिख नहीं रहा. रूस ने कहा है कि उन्हें अस्थाई से मतलब नहीं स्थाई उपाय चाहिए.

2020 में चुनावी धांधली नहीं होती, तो युद्ध भी नहीं होता: ट्रंप

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ पर एक पोस्ट शेयर करते हुए ट्रंप ने लिखा, “रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध बाइडन का युद्ध है, मेरा नहीं. मैं अभी-अभी यहां आया हूं और अपने चार साल के कार्यकाल में मुझे इसे होने से रोकने में कोई समस्या नहीं हुई. राष्ट्रपति पुतिन और बाकी सभी लोग आपके राष्ट्रपति का सम्मान करते हैं! मेरा इस युद्ध से कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन मैं मौत और विनाश को रोकने के लिए लगन से काम कर रहा हूं. अगर 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में धांधली नहीं हुई होती, जो कि कई मायनों में हुई थी, तो यह भयानक युद्ध कभी नहीं हुआ होता.”

जेलेंस्की और बाइडेन को ट्रंप ने बताया कपटी, कहा रोकने की जगह युद्ध भड़काया गया

ट्रंप ने पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की की आलोचना करते हुए लिखा, “राष्ट्रपति जेलेंस्की और कपटी जो बाइडन ने इस युद्ध के शुरू होने में बहुत बुरी भूमिका निभाई है, इसे शुरू होने से रोकने के बहुत सारे तरीके थे. लेकिन वह अतीत की बात है. अब हमें इसे रोकना होगा और वह भी जल्दी से.” दरअसल ट्रंप का बयान जेलेंस्की के यूक्रेन बुलाने के न्योते के बाद आया है. रविवार को रूस ने इस साल का सबसे बड़ा हमला सूमी में किया है, जिसके बाद जेलेंस्की ने डोनाल्ड ट्रंप को यूक्रेन के दौरे पर आने का आग्रह किया है. 

सूमी अटैक पर ट्रंप बोले, मुझसे नहीं पुतिन से पूछिए

सूमी हमले पर दुनियाभर के नेता जहां पुतिन को घेर रहे हैं वहीं, डोनाल्ड ट्रंप ने हमले को ‘भयानक’ तो कहा, लेकिन इसे ‘गलती’ बताकर पुतिन को बचाने की कोशिश करते दिखे. एयर फोर्स वन में ट्रंप ने कहा, “मुझे बताया गया कि उन्होंने गलती की है. लेकिन यह युद्ध ही भयानक है”. रिपोर्टर ने जब ट्रंप से पूछा कि गलती से क्या मतलब है. तो  ट्रंप ने कहा- “गलती उन्होंने (पुतिन ने) की है, आप उनसे पूछिए.”

सूमी अटैक पर रूस ने क्या कहा?

रूस ने अपने जवाब में कहा है कि उन्होंने मिलिट्री साइट पर हमला किया था. रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि “यूक्रेन, लोगों को ढाल की तरह इस्तेमाल करती है.” वहीं क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा, “हमारी सेना ने सिर्फ सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया है.” 

ट्रंप के दूत पर भड़के जेलेंस्की, रूस पर लगाया बड़ा आरोप

जेलेंस्की ने आरोप लगाया है कि ट्रंप प्रशासन रूस की बातों में आ रहा है. ट्रंप के दूत स्टीव विटकॉफ पर निशाना साधते हुए जेलेंस्की ने कहा, ‘वह रूस के फर्जी जनमत संग्रह की बात करते हैं. यह रूस का प्रचार है. हम पीड़ित हैं, रूस आक्रामक है. अगर पुतिन को नहीं रोका गया तो यह युद्ध तीसरे विश्व युद्ध में बदल सकता है. पुतिन का लक्ष्य सिर्फ यूक्रेन नहीं, वह पुराना रूसी साम्राज्य फिर से बनाना चाहते हैं. वह नाटो देशों को भी निशाना बनाएंगे.

सूमी शहर में क्या हुआ, जिसके बाद अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर घिरा रूस

रविवार को यूक्रेन के शहर सूमी में बड़ा हमला किया गया है. इस अटैक को इस साल का सबसे बड़ा हमला कहा जा रहा है. पाम संडे के दिन जब सैकड़ों की संख्या में लोग अपने बच्चों और परिवार के साथ चर्च में प्रेयर करने गए थे, तब बड़ा मिसाइल अटैक किया गया. एक मिसाइल यूनिवर्सिटी की इमारत पर गिरी, दूसरी सड़क के बीचोंबीच फटी. सूमी पर हुए हमले में कई गाड़ियों को नुकसान पहुंचा है, तो कई इमारतों के ढह जाने के कारण लोग मलबे में दब गए हैं. अटैक के बाद चीखपुकार मच गई. मृतकों का आंकड़ा 30 के पार पहुंच गया. अटैक के बाद फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा, रूस अकेला इस युद्ध को चाहता है. वह इंसानी जिंदगी और अंतरराष्ट्रीय कानून की परवाह नहीं करता. हमें रूस पर युद्धविराम के लिए दबाव बनाना होगा.’ वहीं जर्मनी के नए चांसलर फ्रेडरिक मर्ज ने इसे ‘युद्ध अपराध’ करार दिया और कहा, ‘पुतिन शांति की बात को कमजोरी समझते हैं.’ तो ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने भी रूस से ‘तुरंत युद्धविराम’ की मांग की.

editor
India's premier platform for defence, security, conflict, strategic affairs and geopolitics.