ऐसा लगता है कि अपनी नीतियों को लेकर डोनाल्ड ट्रंप कन्फ्यूज हो गए हैं. ना तो किसी बयान पर टिकते हैं. हर दिन नया शिगूफा. ऐसा लगता है कि सिर्फ सुर्खियों में बने रहने के लिए ट्रंप ऊलजलूल कुछ भी बोलते रहते हैं. रूस-यूक्रेन के फ्रंट पर क्या किया ये दुनिया के सामने है. इजरायल-हमास का क्या हुआ, ये भी दुनिया ने देख लिया.
भारत-पाकिस्तान के सीजफायर पर यूटर्न लेने के बाद एक बार फिर से खुद क्रेडिट लेने की कोशिश की है. अपने ओवल दफ्तर में ट्रंप ने कहा है कि भारत-पाकिस्तान को अमेरिका ने लड़ने से रोका.
हमने भारत-पाकिस्तान को रोका: डोनाल्ड ट्रंप
अमेरिकी राष्ट्रपति ने एक बार फिर से भारत-पाकिस्तान के सीजफायर को लेकर क्रेडिट लेने की कोशिश की है. डोनाल्ड ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर करवाने की बात कही है. ट्रंप ने टेस्ला के सीईओ एलन मस्क के साथ ओवल ऑफिस में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान कहा, “हमने भारत और पाकिस्तान को लड़ने से रोका. मेरा मानना है कि यह परमाणु आपदा में बदल सकता था और मैं भारत और पाकिस्तान के नेताओं को धन्यवाद देना चाहता हूं। मैं अपने लोगों को धन्यवाद देना चाहता हूं.”
हम उनके साथ व्यापार नहीं करते जो एकदूसरे पर गोलियां चलाते हैं:ट्रंप
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने बयान को अप्रत्यक्ष तौर पर सीजफायर के बदले व्यापार करवाने की दिशा में ले जाने की कोशिश की. व्यापार को लेकर कहा, “हम व्यापार की बात करते हैं और हम कहते हैं कि हम उन लोगों के साथ व्यापार नहीं कर सकते जो एक-दूसरे पर गोली चला रहे हैं और संभावित रूप से परमाणु हथियारों का उपयोग कर रहे हैं। वे उन देशों के महान नेता हैं और उन्होंने समझा और वे सहमत हुए और यह सब बंद हो गया। हम दूसरों को लड़ने से रोक रहे हैं. हमारे पास दुनिया की सबसे महान सेना है, हमारे पास दुनिया के सबसे महान नेता हैं.”
डील कराना कुछ देशों का फैशन है: एस जयशंकर
भारतीय विदेश मंत्री ने साफतौर पर कहा है कि पाकिस्तान के गिड़गिड़ाने के बाद भारत सीजफायर के लिए तैयार हुआ. भारत-पाकिस्तान के बीच कोई भी तीसरा देश नहीं था, जिसने मध्यस्थता कराई. जयशंकर ने शुक्रवार को कहा, कुछ देशों के लिए अब ये एक फैशन बन गया है कि वे पब्लिकली खुद को डील मेकर घोषित करें और देशों के बीच डील कराने वाले की तरह व्यवहार करें.
विदेश नीति मामले में कन्फ्यूज ट्रंप, व्यापार के लिए आतंकियों से भी मिल रहे
ट्रंप के हालिया एक्शन से ऐसा लगने लगा है, कि वो हर घटनाक्रम को व्यापार के दृष्टिकोण से देखने लगे हैं. कभी पुतिन को दोस्त बताते हैं, तो अगले ही पल आर्थिक प्रतिबंध लगाने की धमकी दे देते हैं. यूक्रेन से मिनरल डील होते ही युद्ध समाप्ति और सिक्योरिटी देने का वादा भूलते हुए हाथ खींच लिए.
हद तो तब हो गई जब कट्टर दुश्मन ईरान के खातिर अपने सदाबहार दोस्त इजरायल को चेतावनी दे डाली. ईरान के साथ अमेरिका की चल रही न्यूक्लियर डील को लेकर ट्रंप ने इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू को कहा है कि इजरायल, ईरान पर हमले बंद कर दे.
मिडिल ईस्ट के दौरे पर जब डोनाल्ड ट्रंप गए थे, तो उम्मीद की जा रही थी कि वो इजरायल जाएंगे. लेकिन इजरायल को नजरअंदाज कर दिया. ट्रंप ने आतंकी और मौजूदा सीरियाई राष्ट्रपति अल शरा से मुलाकात की, लेकिन नेतन्याहू का न्योता स्वीकार नहीं किया था. सीरिया पर लगाए गए प्रतिबंधों को भी हटा दिया था.
हमास के चंगुल में फंसे अमेरिकी बंधक को छुड़ाने के लिए अमेरिका ने सीधे हमास से संपर्क साधा था. इजरायल को इग्नोर करते हुए अमेरिकी बंधक एडन की रिहाई करवाई थी. जिसके बाद हमास ने कहा था कि गाजा में मानवीय सहायता पहुंचाने और आगे के सीजफायर की वार्ता के लिए अमेरिका ने समझौता किया है.