क्या व्यापार के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को पाकिस्तान का आतंकवाद भी नहीं दिखाई दे रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि, आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ खड़े होते होते अचानक से ट्रंप प्रशासन पाकिस्तान से शांति पर जोर क्यों देने लगा, इसका खुलासा हो चुका है.
खुलासा हुआ है कि ट्रंप ने भारत के साथ चल रहे तनाव का फायदा उठाते हुए पाकिस्तान के साथ बड़ा क्रिप्टो समझौता किया है. इस समझौते का सीधा कनेक्शन ट्रंप के दामाद और उनके बेटे से जुड़ा हुआ है.
पहलगाम नरसंहार के बाद पाकिस्तान क्रिप्टो काउंसिल से हुआ समझौता
22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर में पहलगाम में पाकिस्तान से भेजे गए आतंकियों ने निर्दोष और निहत्थे पर्यटकों को धर्म पूछ-पूछकर मार डाला. आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हुई. इस अटैक के बाद भारत ने सैन्य एक्शन लेने से पहले पाकिस्तान पर सिंधु जल समझौता, वीजा प्रतिबंध समेत कई सख्त कदम उठाए थे. खुलासा हुआ है कि इस बीच 27 अप्रैल यानी पहलगाम नरसंहार के बाद पाकिस्तान क्रिप्टो काउंसिल ने ट्रंप के परिवार से जुड़ी क्रिप्टोकरेंसी कंपनी वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल के साथ समझौता किया. इस कार्यक्रम में वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल की टीम का नेतृत्व में डोनाल्ड ट्रंप के करीबी सहयोगी स्टीव विटकॉफ के बेटे जैकेरी विटकॉफ ने किया था. जैकेरी विटकॉफ ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर से मुलाकात की थी.
क्रिप्टोकरेंसी कंपनी वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल में ट्रंप के दामाद-बेटे की हिस्सेदारी
ट्रंप के परिवार की क्रिप्टोकरेंसी कंपनी वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल यानी डब्ल्यूएलएफ ने पाकिस्तान क्रिप्टो काउंसिल के साथ डील की है. इस कंपनी में ट्रंप के दामाद जेरेड कुशनर, उनके बेटे एरिक और डोनाल्ड जूनियर की 60 फीसदी हिस्सेदारी है. पाकिस्तान ने बिनेंस के संस्थापक चांगपेंग झाओ को अपने क्रिप्टो काउंसिल का सलाहकार बनाया है. पाकिस्तान की क्रिप्टो काउंसिल और वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल के बीच हुए समझौते के अनुसार पाकिस्तान के वित्तीय संस्थानों में ब्लॉकचेन तकनीक को एकीकृत किया जाएगा.
आतंकियों के खात्मे और दुनिया में शांति के मकसद से भटके ट्रंप, तेजी से घट रहा पॉपुलैरिटी ग्राफ
पर्दे के पीछे से अमेरिकी का मौके का फायदा उठाना बड़े सवाल खड़े कर रहा है. भारत इस समझौते को लेकर अलर्ट है. जांच एजेंसियां सभी कनेक्शन पता कर रही है. लेकिन जिस तरह से ट्रंप का व्यवहार रहा है, ये हैरान करने वाला और दोगला है. भारत-पाकिस्तान को छोड़ दें तो भी ट्रंप का आतंकी (अल शरा) से मुलाकात करना भी लोगों को चौंका रहा है. एक्सपर्ट कह रहे हैं कि ट्रंप रास्ता भटक गए हैं और आपदा में ऐसा अवसर तलाश रहे हैं कि उन्हें ये तक नहीं पता चल रहा है कि कौन सही है और कौन गलत. यही वजह है कि अमेरिका में कराए गए रिसर्च में ट्रंप का पॉपुलैरिटी ग्राफ लगातार घट रहा है.