प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को अपने स्टील्थ फाइटर जेट एफ-35 को भारत को देने का ऑफर दे डाला. खास बात ये है कि इनदिनों अमेरिका के दो (02) एफ-35 फिफ्थ जेनरेशन लड़ाकू विमान बेंगलुरु में चल रहे एयरो इंडिया शो (10-14 फरवरी) में हिस्सा लेने आए हैं.
बैहद खतरनाक और लेटेस्ट टेक्नोलॉजी से लैस एफ-35 एयरक्राफ्ट को भारत को पेशकश करते हुए ट्रंप ने घोषणा करते हुए कहा कि, “अमेरिका, भारत को अपनी सैन्य बिक्री में अरबों डॉलर की वृद्धि करेगा और भारत को एफ-35 लड़ाकू विमान उपलब्ध कराने में तेजी ला रहा है.”
रूसी सु 57 से अमेरिका एफ 35 ने मारी बाजी?
बेंगलुरु में एयरो शो के 15वें संस्करण में हर किसी की नजर रूसी लड़ाकू विमान सु-57 और अमेरिकी लड़ाकू विमान एफ-35 पर टिकी थी. दोनों ही पांचवीं पीढ़ी के बेहद खतरनाक और घातक लड़ाकू विमान हैं. भारत में पहली बार सु-57 और एफ-35 ने दूसरी बार अपना जलवा दिखाया.
भारत में पहली बार येलंहका एयरबेस पर उतरे सु-57 को लेकर रूस ने भारतीय वायुसेना को बड़ा ऑफर दिया है. सु-57 को निर्यात करने वाली रूसी कंपनी रोसोबोरोनएक्सपोर्ट ने अपने स्टील्थ फाइटर जेट को भारत को एक्सपोर्ट करने का प्रस्ताव दिया है.
रूस ने ये भी कहा कि पांचवी पीढ़ी के एयरक्राफ्ट के डेवलपमेंट में भी भारत की मदद करने के तैयार है या फिर साझा निर्माण भी कर सकते हैं.
माना जा रहा है कि जब इस साल रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत के दौरे पर आएंगे तो भारत को सु-57 के साझा निर्माण का ऑफर दे सकते हैं. खास बात ये है कि भारत ने रूस की मदद से करीब 250 सुखोई (सु-30 एमकेआई) का प्रोडक्शन भारत में ही किया है.
पीएम मोदी और ट्रंप ने रक्षा सहयोग पर क्या कहा?
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत के बाद घोषणा की कि वाशिंगटन अरबों डॉलर की सैन्य आपूर्ति बढ़ाने के हिस्से के रूप में नई दिल्ली को एफ-35 लड़ाकू विमान प्रदान करने का मार्ग प्रशस्त कर रहा है.
पीएम मोदी के साथ व्यापक बातचीत करने के बाद ट्रंप ने कहा कि दुनिया के सबसे पुराने और सबसे बड़े लोकतंत्रों के बीच एक “विशेष बंधन” है और दोनों पक्षों ने ऊर्जा, महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों और कनेक्टिविटी जैसे विविध क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने का फैसला किया है.
ट्रंप की बात को बढ़ाते हुए पीएम मोदी ने भी कहा, “भारत और अमेरिका के बीच सहयोग एक बेहतर दुनिया को आकार दे सकता है. अगले दशक के लिए एक रक्षा सहयोग ढांचा तैयार किया जाएगा.”
स्वदेशी स्टील्थ एयरक्राफ्ट एमका को लेकर भारत का बड़ा ऐलान
एयरो इंडिया प्रदर्शनी मे भले ही रूस के सु-57 स्टील्थ फाइटर जेट और अमेरिका के फिफ्थ जेनरेशन फाइटर जेट एफ-35 पर दुनिया की निगाहें टिकी हुई है लेकिन स्वदेशी एमका भी खासी सुर्खियां बटोर रहा है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पहले ही हो बोल चुके हैं कि भारत, एडवांस मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एमका) को बनाकर तैयार करने का प्रण ले चुका है.
डीआरडीओ का दावा है कि एमका जब बनकर तैयार हो जाएगा, तब अपने श्रेणी के सबसे आधुनिक और घातक स्टील्थ फाइटर जेट में से एक होगा. माना जा रहा है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई की पावर से युक्त इलेक्ट्रोनिक पायलट, नेटसेंट्रिक वारफेयर सिस्टम, इंटीग्रेटेड व्हीकल हेल्थ मैनेजमेंट और इंटरनल-बे के साथ ये दुश्मन के लिए बेहद घातक साबित होगा.
एआई-पावर इलेक्ट्रोनिक पायलट में मल्टी सेंसर डाटा फ्यूजन है ताकि आसपास की स्थिति पर पूरी तरह नजर रखी जा सके. साथ ही पायलट भी तुरंत कार्रवाई कर सके और टारगेट भी सटीक लगाया जाए. बेहद कम विजिविलटी में एमका से ऑपरेशन किया जा सकेंगे.
जानकारी के मुताबिक, एयरो-इंडिया प्रदर्शनी में जो फुल-स्केल मॉडल को प्रदर्शित किया जा रहा है, उसे ही असल एमका में परिवर्तित किया जाएगा.
एमका का डिजाइन तैयार करने वाली एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) का दावा है कि अगले एक दशक यानी 2035-36 तक स्वदेशी फिफ्थ जेनरेशन फाइटर जेट बनकर तैयार हो जाएगा. (सु-57 और एफ-35 पर भारी AMCA, एआई से होगा लैस)
एक दशक के ‘गैप’ को भरने से लिए क्या भारत लेगा विदेशी एयरक्राफ्ट
दरअसल, चीन अपने दो स्टील्थ फाइटर जेट (जे-20 और जे-35) तैयार कर चुका है. साथ ही चीन ने 40 जे-35 पाकिस्तान को देने का ऐलान कर दिया है. इसके चलते ही भारत के माथे पर बल पड़ने लगा है. ऐसे में सामरिक जानकार मानते है कि भारत को रूस के सु-57 या फिर अमेरिका के एफ-35 में से किसी एक को लेकर सौदा कर लेना चाहिए.