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ईरान पर पुतिन-जिनपिंग की फोन कॉल, अमेरिका के कान खड़े

इजरायल और ईरान के बीच तेज हो रही जंग में अमेरिका की धमकी के बाद रूस और चीन ने ट्रंप को सुनाया है. युद्ध रुकवाने के लिए मध्यस्थता पेश करने वाले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने एक दूसरे से फोन पर बात की है. रूसी राष्ट्रपति सहायक यूरी उशाकोव की ओर से बताया गया है कि पुतिन और जिनपिंग ने मिडिल ईस्ट में बढ़ रहे तनाव पर चिंता जताई है. वहीं अमेरिका की ईरान को धमकी पर रूस ने कहा है कि अमेरिका ने दखल दिया तो गंभीर परिणाम होंगे. तो ट्रंप ने पुतिन पर कटाक्ष करते हुए कहा है, पहले अपने मसले सुलझाओ, बाकी दुनिया की फिक्र बाद में करना.

रूस ने दी अमेरिका को चेतावनी, कहा, दखल देने पर होंगे गंभीर परिणाम

रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने कहा, ‘हम खास तौर पर वॉशिंगटन को चेतावनी देना चाहते हैं कि वह इस स्थिति में कोई सैन्य दखल न दे. ऐसा करना बहुत ही खतरनाक कदम होगा, जिसके पूरी तरह से अनपेक्षित और नुकसानदेह नतीजे हो सकते हैं.’ 

रूस-चीन ने इजरायली हमलों का विरोध किया:यूरी उशाकोव

पुतिन की सहायक यूरी उशाकोव ने बातचीत की जानकारी देते हुए बताया है कि ईरान पर इजरायल के ताजा हमलों का विरोध किया है. रूस और चीन की सोच समान है और दोनों देशों ने संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन करने वाली इजरायल की कार्रवाइयों की कड़ी निंदा की है. मध्य पूर्व में स्थिति का समाधान बल प्रयोग से नहीं किया जा सकता, इस पर मॉस्को और बीजिंग दोनों सहमत हैं.पुतिन और जिनपिंग ने तुरंत तनाव कम करने और कूटनीति की वापसी की मांग की.

मॉस्को तनाव कम करने में रचनात्मक भूमिका निभा सकता है: चीन

पुतिन और शी दोनों ने इस बात पर जोर दिया कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर चिंताओं का समाधान सैन्य तरीकों से नहीं किया जा सकता. इसकी जगह कूटनीतिक प्रयासों को समय की आवश्यकता बताया है. कॉल के दौरान, शी जिनपिंग ने रूसी मध्यस्थता प्रयासों का समर्थन व्यक्त किया और कहा कि मॉस्को तनाव कम करने और शांतिपूर्ण समाधान को बढ़ावा देने में एक रचनात्मक भूमिका निभा सकता है.

पुतिन की मध्यस्थता के ऑफर पर ट्रंप का तंज, पहले अपने मसले निपटाओ

ट्रंप ने खुलासा किया कि हाल ही में पुतिन ने उनसे संपर्क किया और इजरायल-ईरान संकट में मध्यस्थता की पेशकश की. ट्रंप ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए पुतिन का मजाक बनाया. ट्रंप ने कहा, “मैंने पुतिन से कहा कि “पहले अपना रूस-यूक्रेन वाला मामला सुलझाओ, बाद में मिडिल ईस्ट की चिंता करना.” 

ट्रंप ने कहा, “रूस-यूक्रेन युद्ध बेवकूफी भरा है, और अगर मैं राष्ट्रपति होता तो यह कभी नहीं होता. पुतिन ऐसा कुछ करने की हिम्मत भी नहीं करते.  पुतिन ने मुझसे कहा कि वो इजरायल-ईरान मसले में मध्यस्थता करना चाहते हैं. मैंने कहा – एक काम करो, पहले अपना आपसी मामला सुलझाओ. बाद में बाकी दुनिया की फिक्र बाद में करना.”

यूक्रेन के लिए असफल रहा जी-7 का दौरा- यूरी उशाकोव 

यूरी उशाकोव के मुताबिक, दोनों नेताओं ने जी 7 शिखर सम्मेलन के परिणामों पर भी बात की और शिखर बैठक में भाग लेने वाले नेताओं के बीच अंतर्विरोध पर चर्चा की. राष्ट्रपति पुतिन के सहायक ने यह भी कहा कि जेलेंस्की के लिए यह जी7 सम्मेलन विदेश यात्राओं में से सबसे सफल नहीं रहा.

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