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ट्रंप-पुतिन में 2 घंटे तक बात, पहले समझौता फिर सीजफायर पर मानेंगे पुतिन

रूस-यूक्रेन युद्ध न रुकवा पाने की किरकिरी झेल रहे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर कोशिश शुरु की है. ट्रंप ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने फोन पर लंबी बातचीत की है. बातचीत के दौरान पुतिन ने ट्रंप से सीधे तौर पर एक बार फिर कहा है कि रूस युद्ध विराम सहित स्थायी शांति की दिशा में आगे के कदमों पर चर्चा करने के लिए तैयार है. पुतिन से पहले ट्रंप ने यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की से भी फोन पर बात की थी.

ट्रंप-पुतिन में फोन पर लंबी बातचीत हुई

डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन संकट को लेकर रूसी राष्ट्रपति पुतिन और यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की से फोन पर बातचीत की है. पुतिन ने बातचीत को खुला और उपयोगी बताया. पुतिन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि अगर कोई व्यावहारिक समझौता बनता है, तो रूस सीजफायर के लिए तैयार है. इस फोन कॉल में पुतिन ने ट्रंप के सामने स्पष्ट किया किया कि युद्धविराम के लिए संकट के मूल कारणों को निपटाया जाए, तभी यह संभव होगा. पुतिन ने यह भी कहा कि वो बातचीत के सही रास्ते पर हैं, पहले समझौता हो, फिर सीजफायर किया जाएगा.

ट्रंप रूस-यूक्रेन के बीच शांति देखना चाहते हैं:व्हाइट हाउस

व्हाइट हाउस ने बताया, “डोनाल्ड ट्रंप ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बातचीत शुरू की है.” व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने बताया कि “ट्रंप संघर्ष के दोनों पक्षों से थक चुके हैं और निराश हो चुके हैं. ट्रंप का लक्ष्य युद्धविराम देखना और इस संघर्ष को समाप्त होते देखना है.” इससे पहले ट्रंप ने यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की से भी बात की थी.

पुतिन शांति के लिए कितने गंभीर: जेडी वेंस

अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने ट्रंप-पुतिन की बातचीत से पहले कहा, कि ट्रंप सीधे-सीधे ये जानना चाहते हैं कि पुतिन कितने सीरियस हैं.अमेरिका इस मुद्दे पर अड़चन में फंसकर समय बर्बाद नहीं करेगा. संवाद कुछ समय से चल रहे हैं, लेकिन हम एक तरह की ठहराव की स्थिति में हैं. 

तुर्किए में 3 साल में पहली बार रूस-यूक्रेन में बातचीत, नहीं पहुंचे पुतिन

16 मई को तुर्की के इस्तांबुल में रूस और यूक्रेन के बीच आमने-सामने की शांति वार्ता आयोजित की गई थी, जिसमें यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने भाग लिया, लेकिन पुतिन ने दूरी बनाए रखी. पुतिन के इस बैठक में न आने पर पश्चिमी देशों ने निंदा की है. जर्मनी के चांसलर फ्रेडरिक मर्ट्ज ने लिखा था कि जेलेंस्की का इस्तांबुल दौरा सद्भावना का बड़ा संदेश था. लेकिन पुतिन ने हिस्सा नहीं लिया और खुद को गलत साबित किया.

20 मई को रूस पर नए प्रतिबंधों की घोषणा होगी

ईयू ने कहा है कि, “हम मंगलवार को ब्रसेल्स में रूस पर नए प्रतिबंधों की घोषणा करेंगे.” बताया जा रहा है कि ये प्रतिबंध ऊर्जा, बैंकिंग और हथियारों से जुड़े हो सकते हैं. दरअसल यूरोपीय देशों का मानना है कि पुतिन की शांति की बात एक रणनीतिक चाल है, जिससे वह जमीन पर कब्जा बनाए रख सकें. यूरोपीय देशों को ये भी आशंका है कि पुतिन युद्ध समाप्ति की बात करके ट्रंप से सारी शर्तें मनवा लेंगे और यूक्रेन को अपनी जमीन खोनी पड़ेगी.

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