यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के वाशिंगटन डीसी पहुंचने से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर यूरोप को बड़ा झटका दिया है. ट्रंप ने साफ कह दिया है कि यूक्रेन की सुरक्षा की जिम्मेदारी यूरोप की है न कि अमेरिका की.
शुक्रवार को जेलेंस्की अमेरिका के दौरे पर पहुंचने वाले हैं. इस यात्रा के दौरान, यूक्रेन और अमेरिका के बीच ‘मिनरल एग्रीमेंट’ होने जा रहा है. करार के तहत, यूक्रेन के खनिज और प्राकृतिक संसाधनों का दोहन अमेरिका करेगा. बदले में अमेरिका, यूक्रेन को सुरक्षा प्रदान करेगा.
समझौते से पहले हालांकि, ट्रंप ने कहा है कि अमेरिका, यूक्रेन को बहुत ‘ज्यादा सुरक्षा गारंटी’ नहीं दे सकता है. ट्रंप के मुताबिक, “यूरोप को यूक्रेन को सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए. क्योंकि, यूरोप, यूक्रेन का पड़ोसी है.” (अमेरिका धोखेबाज, यूरोप को भारत का सहारा)
यूक्रेन से 350 बिलियन डॉलर वापस लेने के लिए समझौता
ट्रंप के मुताबिक, खनिज समझौता इसलिए किया जा रहा है क्योंकि अमेरिका को यूक्रेन से 350 बिलियन डॉलर वापस लेने हैं. ये वो रकम है जो पिछले तीन साल में अमेरिका ने यूक्रेन को रूस के खिलाफ लड़ने के लिए दी है.
ट्रंप ने इंग्लैंड और फ्रांस के उस प्रस्ताव का भी समर्थन किया है जिसके तहत यूक्रेन में यूरोपीय देशों के शांति-सैनिकों को तैनात किया जाएगा.
पुतिन ने डोनबास में दिया अमेरिकी कंपनियों को निमंत्रण
ट्रंप ने ये जरूर कहा कि अमेरिका, यूक्रेन का सहयोगी बना रहेगा और सुनिश्चित करेगा कि सब कुछ ठीक रहे यानी रूस के साथ युद्धविराम स्थापित किया जाए और स्थायी शांति स्थापित की जाए.
खास बात ये है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी ट्रंप को खनिज समझौते का न्योता दिया है. पुतिन ने यूक्रेन से छीने डोनबास क्षेत्र में अमेरिकी कंपनियों को निवेश करने का निमंत्रण दिया है.