अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन जहां इजरायल से संयम बरतने की अपील कर रहे हैं तो वहीं पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायल से ईरान के परमाणु कार्यक्रम को टारगेट करने का आह्वान किया है.
ईरान की 200 मिसाइलों के अटैक का इजरायल कैसे जवाब देगा, ये सवाल हर किसी के मन में उठ रहा है. 7 अक्टूबर को हमास के हमले की पहली बरसी से पहले या बाद में. ईरान के न्यूक्लियर साइट पर इजरायल हमला करेगा, इसकी आशंका भी बढ़ गई है.
डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के खिलाफ इजरायल को भड़काया
चुनाव प्रचार में जुटे डोनाल्ड ट्रंप ने नॉर्थ कैरोलिना में रैली के दौरान ईरान के मिसाइल अटैक के बारे में बात की. डोनाल्ड ट्रंप के मुताबिक इजरायल को ईरान के परमाणु संयंत्रों को निशाना बनाना चाहिए. ट्रंप ने बाइडेन के उस बयान की निंदा की जिसमें बाइडेन ने इजरायल को ईरान के न्यूक्लियर कार्यक्रम पर अटैक करने से मना किया था.
ट्रंप ने कहा कि जो बाइडेन गलत हैं. हमारे लिए सबसे बड़ा खतरा ईरान के परमाणु हथियार हैं. ऐसे में बाइडेन को कहना चाहिए था कि “इजरायल पहले ईरान के न्यूक्लियर कार्यक्रम पर हमला करें, बाकी के बारे में चिंता बाद में करे.”
बाइडेन ने दी इजरायल को ईरान के तेल क्षेत्र पर अटैक की सलाह
ईरान के मिसाइल अटैक के बाद आशंका जताई जा रही है कि इजरायल पलटवार में ईरान के परमाणु संयंत्रों को निशाना बना सकता है. ऐसे में बाइडेन समेत पश्चिमी देशों ने नेतन्याहू को संयम बरतने की अपील की है. बाइडेन ने कहा था कि मिडिल ईस्ट में पूर्ण-युद्ध की संभावना नहीं है. पर बाइडेन ने अपने ताजा बयान में इजरायल को सुझाव दिया है.
जो बाइडेन ने कहा, “यदि मैं इजरायली होता तो दुश्मन देश के तेल क्षेत्रों पर हमला करने के विकल्पों पर विचार करता.” बाइडेन ने कहा कि “इजरायली अधिकारी अभी भी इस बात पर विचार कर रहे हैं कि वे किसी भी हमले को कैसे आगे बढ़ाएंगे. इजरायल मे अपनी रणनीति का खुलासा नहीं किया है. पर अमेरिका इजरायल के साथ है.” (https://x.com/clashreport/status/1842403015422095407)
ईरान के न्यूक्लियर साइट पर इजरायल करेगा हमला?
इजरायल ने ईरान के हमले का कोई जवाब नहीं दिया है. बल्कि हिजबुल्लाह और हमास के खात्मे में लगा हुआ है. ऐसे में इजरायल की ईरान के खिलाफ कोई भी प्रत्यक्ष कार्रवाई ना करना किसी के गले नहीं उतर रहा है. ऐसे में आशंका इस बात की ज्यादा बढ़ गई है कि ईरान के परमाणु संयंत्रों को इजरायली सेना नुकसान पहुंचा सकती है.
हालांकि जो बाइडेन प्रशासन ने संयम बरतने को कहा है पर वो जानते हैं कि बेंजामिन नेतन्याहू क्या करेंगे इसकी कोई गारंटी नहीं हैं. तमाम कोशिशों के बावजूद भी हमास को लेकर अमेरिकी प्रस्ताव को नेतन्याहू ने ठुकरा दिया था. मिडिल ईस्ट में बढ़े तनाव के बीच, अमेरिकी विदेश विभाग के शीर्ष अधिकारियों ने बताया है कि “इजरायल ने बाइडेन प्रशासन को इस तरह का कोई आश्वासन नहीं दिया है कि वह ईरान की परमाणु सुविधाओं को निशाना नहीं बनाएगा.” (ईरान के परमाणु संयंत्र रहें सुरक्षित: US)