पहलगाम नरसंहार को लेकर अमेरिका ने की है बड़ी घोषणा. अमेरिका ने कहा है कि वह पहलगाम हमले के आतंकियों को दबोचने में भारत की मदद करेगा. पहलगाम में हुए नरसंहार को मुंबई में हुए 26/11 जैसा जघन्य और निर्मम है. जिस तरह से हिंदुओं को चुन-चुन कर इस्लामिक आतंकियों ने मारा है, उसे लेकर भारत को अंतर्राष्ट्रीय समर्थन मिल रहा है.
इस्लामिक आतंकियों को पकड़ने में करेंगे मदद: तुलसी गबार्ड
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, विदेश मंत्री मार्को रुबियो के बाद ट्रंप प्रशासन में राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड ने भारत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहने का ऐलान किया है. तुलसी गबार्ड ने कहा, “इस भयावह इस्लामी आतंकी हमले के बाद हम भारत के साथ एकजुट हैं, जिसमें पहलगाम में 26 हिंदुओं को निशाना बनाकर मार डाला गया. मेरी प्रार्थनाएं और गहरी संवेदनाएं उन लोगों के साथ हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया. हम आपके साथ हैं और इस जघन्य हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को दबोचने में आपका समर्थन करेंगे.”
पाकिस्तान के आतंकियों को तलाशने में जुटेगा अमेरिकी खुफिया तंत्र
तुलसी गबार्ड के बयान से स्पष्ट है कि अमेरिका खुफिया तंत्र भी आतंकियों के खात्म के लिए भारत की मदद कर सकता है. 22 अप्रैल से ही अमेरिका लगातार भारत के संपर्क में है. राष्ट्रपति ट्रंप ने पीएम मोदी से बात की है तो अमेरिकी राजनयिक को भारतीय विदेश मंत्री ने एक्शन के बारे में जानकारी साझा की है. अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने भी बयान जारी करके कहा है कि अमेरिका स्थिति पर करीबी नजर बनाए हुए है. यह एक तेजी से बदलती स्थिति है और हम इसे बहुत करीब से देख रहे हैं. पहलगाम के दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने की जरूरत है, जिन्होंने जघन्य हमले को अंजाम दिया है.
रूस ने जारी की अपने नागरिकों के लिए एडवायजरी
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए पाकिस्तान में रूस के दूतावास ने एडवायजरी जारी की है. रूस को पता है कि भारत किसी भी वक्त पाकिस्तान पर ले सकता है बड़ा एक्शन, लिहाजा रूस ने अपने नागरिकों से कहा है कि वो पाकिस्तान न आएं, अगर आने का प्लान है, तो पाकिस्तान का कार्यक्रम टाल दें.
हां हम पालते हैं आतंकी, पाकिस्तानी रक्षा मंत्री का कबूलनामा
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने ये बात कबूल की है कि पाकिस्तान पिछले 30 सालों से आतंकियों को पाल रहा है, ख्वाजा आसिफ ने कहा, “हां, हम पिछले तीन दशकों से यह गंदा काम करते आ रहे हैं.” हालांकि आसिफ ने पाकिस्तान के साथ-साथ अमेरिका और ब्रिटेन को भी उतना ही जिम्मेदार बताया. पाकिस्तान ने अपनी आतंकवाद नीति का ठीकरा अमेरिका पर फोड़ते हुए कहा, “हमने तीन दशक तक अमेरिका और पश्चिमी देशों के लिए आतंकी संगठनों को समर्थन दिया, क्योंकि यह उनकी रणनीति का हिस्सा था. पाकिस्तान को इसके लिए दोषी ठहराना अनुचित है, क्योंकि वह पश्चिमी देशों के निर्देश पर काम कर रहा था.”