फ्रांस की राजधानी पेरिस में इनदिनों तिब्बती मूल के लोग विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. वजह, पेरिस के दो प्रख्यात म्यूजियम ने तिब्बत का नाम बदलकर ‘शिज़ांग’ कर दिया है. तिब्बत का ये नया नाम चीन की देन है. करीब एक साल पहले, चीन ने अपने आधिकारिक दस्तावेज और सरकारी पत्राचार में तिब्बत को शिज़ांग करार दे दिया था.
पिछले कई दिनों से पेरिस में तिब्बती मूल के नागरिकों का शांतिपूर्ण प्रदर्शन चल रहा है. तिब्बती मूल के लोगों का आरोप है कि पेरिस के टमूसी डो क्वाए ब्रेनलेट और टमूसी गुइमेटट नाम के दो म्यूजियम ने अपने कैटेलॉग में तिब्बत का नाम शिज़ांग कर दिया है या फिर ‘हिमालयन वर्ल्ड’ कर दिया है. यहां तक की प्रदर्शन के दौरान भी तिब्बत से जुड़े कलाकृतियों को शिज़ांग के नाम से ही प्रदर्शित किया जा रहा है.
पेरिस में प्रदर्शनकारियों ने इसे तिब्बत की पहचान और संस्कृति को खत्म करने की साजिश करार दिया है. तिब्बती प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि ये सब कुछ चीन के इशारे पर किया जा रहा है. (https://x.com/Twoeden1/status/1837502990527111469)
पिछले साल दिसंबर में चीन ने तिब्बत का नाम ‘शिज़ांग’ कर दिया था. लेकिन तब तक आधिकारिक रिकॉर्ड में बदलाव किया गया था. लेकिन अब चीन के अधिकारियों और राजनयिकों ने सार्वजनिक तौर से तिब्बत को ‘शिज़ांग’ के नाम से संबोधित करना शुरू कर दिया है.
इसी साल मार्च में राजधानी दिल्ली स्थित चीनी दूतावास ने पहली बार तिब्बत को शिज़ांग के नाम से संबोधित किया था. क्योंकि तिब्बत पर राजनीतिक तौर से कब्जा करने के बाद चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) सरकार अब तिब्बत की संस्कृति के खात्मे पर तुली है. (तिब्बत का बदल दिया नाम, डरा चीन)
इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट और नदियों पर डैम बनाने के नाम पर तिब्बत धर्म के ऐतिहासिक बौद्ध मठों को तोड़ा जा रहा है. साथ ही चीन ने दलाई लामा की बजाए चीन ने खुद तिब्बतियों के नए धर्मगुरु को बनाने का ऐलान किया है. ऐसे में तिब्बती मूल के लोग भारत से लेकर पूरी दुनिया में सीसीपी के खिलाफ विरोध कर रहे हैं. [तिब्बत में Xi के डैम के खिलाफ विद्रोह (TFA Exclusive)]
ये कोई पहली बार नहीं है जब चीन ने कब्जाए हुए प्रांत का नाम बदला है. चीन ने पूर्वी तुर्किस्तान का नाम भी अब ‘शिनजियांग’ कर दिया है.