फ्रांस में राफेल (रफाल) लड़ाकू विमान का एक बड़ा हादसा हुआ है. फ्रांसीसी वायुसेना के दो राफेल विमान आपस में टकरा गए. हादसे में के दो पायलट्स की मौत हो गई है, जबकि एक पायलट सुरक्षित है. फ्रांसीसी वायु सेना ने हादसे की पुष्टि की है.
फ्रांसीसी वायुसेना के मुताबिक ये दोनों राफेल फाइटर जेट्स पूर्वोत्तर फ्रांस के आसमान में टकरा गए. टक्कर के बाद दोनों विमान जमीन पर आ गिरे. हादसा उस वक्त हुआ जब राफेल विमान जर्मनी से ईंधन भरने के बाद लौट रहे थे. हादसा कोलंबे-ले-बेल्स के ऊपर हुआ, जो पूर्वोत्तर फ्रांस का एक शहर है.
फ्रांस के राष्ट्रपति और रक्षा मंत्री ने जताया हादसे पर दुख
फ्रांस के रक्षा मंत्री सेबेस्टियन ने अपने एक्स अकाउंट पर राफेल हादसे की जानकारी दी है. रक्षामंत्री सेबेस्टियन ने कहा है कि “फ्रांस के पूर्वोत्तर में दो राफेल फाइटर जेट्स हवा में टकरा गए. दोनों विमानों के टक्कर के कारणों का पता किया जा रहा है.”
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने एक्स पर लिखा कि “हमें राफेल प्रशिक्षण मिशन के दौरान हवाई दुर्घटना में कैप्टन सेबेस्टियन माबिरे और लेफ्टिनेंट मैथिस लॉरेंस की मौत की खबर सुनकर दुख हुआ. इस शोक की घड़ी में हम सभी शहीदों के परिवार के साथ खड़े हैं.
स्थानीय लोगों ने बताई कैसे हुई टक्कर?
कोलंबे-ले-बेल्स के उपमहापौर पैट्रिस बोनेक्स ने भी हादसे की जानकारी दी. बताया कि “हमने एक जोरदार आवाज सुनी, यह फाइटर जेट की सोनिक बूमक की सामान्य ध्वनि नहीं थी. एक अजीब आवाज थी. मैंने देखा कि दो विमान टकरा गए हैं, लेकिन हमें विश्वास नहीं हुआ.”
वहीं एक स्थानीय ने बताया कि “हम खाना खा रहे थे. तभी एक विमान हमारे घर के ऊपर से उड़ कर गया. कुछ सेकेंड में ही एक जोरदार धमाके की आवाज सुनाई दी. जब हमने बाहर देखा तो आसमान में जैसे घने काले बादल छाए थे. ये विमान की टक्कर के बाद उठने वाला धुआं था.”
2009 के बाद पहली बार राफेल का हुआ हादसा
फ्रांसीसी विमान राफेल बेहद सुरक्षित माना जाने वाला फाइटर जेट है. दिसंबर 2007 में एक राफेल जेट दक्षिण-पश्चिम फ्रांस के न्यूविक शहर के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. यह राफेल विमान की पहली दुर्घटना मानी जाती है. इसके बाद सितंबर 2009 में दो राफेल विमान हादसे का शिकार हुए थे.
फ्रांस से भारत ने लिए हैं 36 राफेल
भारत ने 2016 में फ्रांस से 36 राफेल फाइटर प्लेन की खरीद के लिए 7.87 अरब यूरो, यानी करीब 59 हजार करोड़ रुपए का समझौता किया था. भारत को सभी राफेल मिल चुके हैं. हाल ही में तमिलनाडु के सुलूर एयरबेस पर आयोजित हुई मल्टीनेशन एयर एक्सरसाइज तरंगशक्ति में फ्रांसीसी वायुसेना अपने राफेल लड़ाकू विमानों के साथ शिरकत करने पहुंची थी.
अब भारतीय नौसेना के स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत पर तैनात करने के लिए भी राफेल के मरीन वर्जन (राफेल-एम) खरीदने की तैयारी चल रही है.