म्यांमार में आए विनाशकारी भूकंप में मदद के लिए अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो भारत को मदद करने की सलाह दे रहे थे, वहीं म्यांमार में आई त्रासदी में सबसे पहले हाथ बढ़ाने के लिए भारत की संयुक्त राष्ट्र ने जमकर तारीफ की है. संयुक्त राष्ट्र के मानवीय मामलों के समन्वय के लिए कार्यालय (ओसीएचए) के म्यांमार प्रमुख सज्जाद मोहम्मद साजिद ने कहा कि भारत ने ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ के तहत तेजी से मदद पहुंचाई है, जिसमें 1,000 मीट्रिक टन से ज्यादा राहत सामग्री– जैसे खाना, दवाएं और फील्ड हॉस्पिटल भेजा गया.
ऑपरेशन ब्रह्मा से भारत ने खुद को मानवतावादी सहयोगी साबित किया: यूएन
यूएन ने भारत की तारीफ करते हुए कहा कि “कश्मीर और गुजरात में आपदा के बाद भारत की विशेषज्ञता का फायदा म्यांमार को मिलेगा. म्यांमार में हाल ही में आए विनाशकारी भूकंप के बाद भारत ने जिस तेजी और प्रभावी तरीके से सहायता पहुंचाई है, उसने उसे एक प्रमुख मानवतावादी सहयोगी के रूप में स्थापित कर दिया है. यूएन के अधिकारी सज्जाद ने कहा कि भारत की फौरन मदद से कई शहरी इलाकों में लोगों को बड़ी राहत मिली. मांडले में भारत ने 200 सदस्यों की एक सर्च और रेस्क्यू टीम व डॉक्टरों की टीम भी भेजी है. भारत की तरफ से लगाया गया फील्ड हॉस्पिटल खास तौर पर जरूरी साबित हो रहा है क्योंकि वहां के कई अस्पताल और ऑपरेशन थिएटर अब भी काम नहीं कर रहे हैं, ऐसे में भारत लोगों की जान बचा रहा है.”
भारत के पास पुनर्निमाण का अनुभव- यूएन के अधिकारी
यूएन के अधिकारी ने कहा कि “भारत और यूएन की ओसीएचए टीम के बीच लगातार समन्वय बना हुआ है.भारत के पास गुजरात और कश्मीर में आए भूकंपों के बाद पुनर्निर्माण का बेहतरीन अनुभव है, जिससे म्यांमार को बहुत कुछ सीखने को मिल सकता है. भारत की आपदा के बाद की योजना और पुनर्निर्माण के क्षेत्र में कई अच्छी मिसालें हैं. म्यांमार के साथ इसके ऐतिहासिक संबंध और पड़ोसी देश होने के कारण भारत की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है.”
म्यांमार में फर्स्ट रिस्पॉन्डर बना भारत
28 मार्च को म्यांमार में आए भूकंप के कुछ ही घंटों के अंदर ही भारत ने सबसे पहले वायुसेना, नेवी और एनडीआरएफ के माध्यम से मानवीय सहायता और आपदा राहत सामग्री की पहली खेप पहुंचाई, जिसमें टेंट, कंबल, आवश्यक दवाएं और भोजन जैसी 15 टन सामग्री शामिल थी. 29 मार्च को ही भारत का सी-130जे विमान म्यांमार के यांगून में उतरा. मदद यहीं खत्म नहीं हुई दूसरे बैच में दो भारतीय वायुसेना सी-130जे विमानों के माध्यम से 80 एनडीआरएफ खोज एवं बचाव विशेषज्ञ, उपकरण और राहत सामग्री भेजी गई. एक विमान में 17 टन व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण, खोज और संचार उपकरण तथा बचाव उपकरण थे, जबकि दूसरे में पांच टन मानवीय सहायता और आपदा राहत सामग्री जैसे जेनसेट्स, स्वच्छता किट, खाद्य पैकेट, आवश्यक दवाएं, रसोई सेट और कंबल थे.