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संयुक्त राष्ट्र ने मानी हिंदी की ताकत, बोलने से न हिचकिचाएं

संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने मानी है भारत की मातृभाषा हिंदी की ताकत. संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक हिंदी एक महत्वपूर्ण भाषा है.

यूएन परिसर में ‘बहुभाषावाद और विदेश में हिंदी का प्रचार’ थीम पर आधारित विश्व हिंदी दिवस मनाते हुए संयुक्त राष्ट्र के एक अधिकारी ने कहा कि 60 करोड़ से अधिक लोगों द्वारा बोली जाने वाली हिंदी, संयुक्त राष्ट्र के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है. महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री सावित्री ठाकुर, संयुक्त राष्ट्र के इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि थीं. सावित्री ठाकुर ने कहा, “भारत का समाज बहुभाषी और बहुसांस्कृतिक ताने-बाने से बना है.”

संयुक्त राष्ट्र की अनौपचारिक सूची में जोड़ी गई हिंदी

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पी. हरीश की मानें तो, हिंदी को अब संयुक्त राष्ट्र की अनौपचारिक भाषाओं की सूची में जोड़ा गया है. भारत ने संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक समाचार सेवा ‘यूएन न्यूज’ में हिंदी को बढ़ावा देने के लिए लगभग 70 लाख डॉलर का योगदान दिया है. 

संयुक्त राष्ट्र के इस कार्यक्रम में कई प्रमुख शिक्षाविदों ने भी भाग लिया और अमेरिका में हिंदी के प्रचार-प्रसार से जुड़े अपने अनुभव साझा किए. आपको बता दें, भारत सरकार ने 10 जनवरी 2006 को विश्व हिंदी दिवस मनाने की शुरुआत की थी ताकि हिंदी को वैश्विक स्तर पर अधिक लोकप्रिय बनाया जा सके. 

संयुक्त राष्ट्र ने हिंदी महत्वपूर्ण है: सावित्री ठाकुर

संयुक्त राष्ट्र के कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि बनीं सावित्रि ठाकुर ने बताया, “हिंदी को अधिक लोकप्रिय बनाने के लिए कई पहल की जा रही हैं और संयुक्त राष्ट्र द्वारा इसकी महत्ता को स्वीकार किए जाने से यह एक वैश्विक भाषा बनेगी.” संयुक्त राष्ट्र में ‘ग्लोबल कम्युनिकेशंस’की अधिकारी मेलिसा फ्लेमिंग ने कहा कि “हिंदी 60 करोड़ से अधिक लोगों द्वारा बोली जाती है और यह संयुक्त राष्ट्र के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण भाषा है.”

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