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Deep State वाले सोरोस को अवार्ड, एलन मस्क ने उड़ाया मजाक

जिस जॉर्ज सोरोस पर भारत की सरकार को गिराने और अस्थिरता का आरोप है. जो जॉर्ज सोरोस डीप स्टेट का सबसे बड़ा खिलाड़ी माना जाता है, उस जॉर्ज सोरोस को जाते-जाते जो बाइडेन ने सम्मानित किया है. जिसे लेकर नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ट ट्रंप के सिपहसालार और एक्स के मालिक एलन मस्क ने हास्यापद करार दिया है.

ओपन सोसाइटी फाउंडेशन के संस्थापक जॉर्ज सोरोस को बाइडेन ने ‘प्रेसिडेंशियल मेडल ऑफ फ्रीडम’ से सम्मानित किया है. जॉर्ज सोरोस के बेटे एलेक्स सोरोस ने उनकी ओर से सम्मान लिया .

दरअसल जॉर्ज सोरोस एक विवादास्पद व्यक्ति हैं और दूसरे देशों के आंतरिक मामलों में दखल देने के लिए बदनाम हैं. सोरोस पर कुछ विपक्षी पार्टियों और नेताओं के साथ मिलकर भारत समेत कई अन्य देशों में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों को सपोर्ट करके अशांति पैदा करने का आरोप लगाया गया है.

जो बाइडेन ने जॉर्ज सोरोस को दिया सम्मान

अमेरिका में 19 हस्तियों को ‘प्रेसिडेंशियल मेडल ऑफ फ्रीडम’ दिया गया है, उनमें जॉर्ज सोरोस भी शामिल हैं. व्हाइट हाउस के ईस्ट रूम में राष्ट्रपति जो बाइडेन ने राजनीति, खेल, मनोरंजन, नागरिक अधिकार, एलजीबीटीक्यू, वकालत और साइंस के 19 सबसे मशहूर नामों को इस मेडल से नवाजा गया है. यह प्रतिष्ठित पुरस्कार उन व्यक्तियों को दिया जाता है, जिन्होंने अमेरिका की समृद्धि, मूल्यों या सुरक्षा, वैश्विक शांति या अन्य महत्वपूर्ण सामाजिक, सार्वजनिक या निजी प्रयासों में योगदान दिया है. (https://x.com/WhiteHouse/status/1875625756014887175)

व्हाइट हाउस ने कहा, “पुरस्कार के लिए चुने गए हेलरी क्लिंटन, लॉरेन, मेस्सी, माइकल जे फॉक्स कार्टर और सोरोस सहित ये 19 व्यक्ति ऐसे महान नेता और व्यक्ति हैं, जिन्होंने अमेरिका और दुनिया को एक बेहतर बनाया है.” (https://x.com/MeghUpdates/status/1875716494887456934)

सोरोस को सर्वोच्च पुरस्कार दिए जाने का विरोध, मस्क बोले- हास्यास्पद है 

जॉर्ज सोरोस को पुरस्कार दिए जाने को लेकर अमेरिका में जबरदस्त विरोध किया जा रहा है. आरोप लगाया जा रहा है कि बाइडेन प्रशासन ने मेरिट की जगह राजनीतिक पक्षपात करते हुए जॉर्ज सोरोस को पुरस्कार दिया है. टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने भी सोरोस को सम्मान दिए जाने पर सवाल खड़े किे हैं. मस्क ने कहा है कि- “यह हास्यास्पद है कि बाइडेन सोरोस को मेडल ऑफ फ्रीडम दे रहे हैं.”

सोरोस के नाम पर विवाद होने पर व्हाइट हाउस ने अपने फैसले का बचाव करते हुए कहा- कि ये पुरस्कार पब्लिक सर्विस, मानव अधिकारों और वैश्विक लोकतंत्र के लिए योगदान देने वालों को दिए गए हैं. (https://x.com/elonmusk/status/1875520753753583678)

सोरोस को लेकर भारत में मचा था सियासी बवाल

भारत सरकार को अस्थिर करने के लिए विपक्ष के साथ मिलकर साजिश करने का आरोप है. इसे लेकर कई बार संसद में भी जमकर हंगामा हो चुका है. आरोप यह भी है कि जॉर्ज सोरोस भारत की सरकार को अस्थिर करने के लिए विपक्ष को फंडिंग भी कर रहे हैं. जिसको लेकर बीजेपी कांग्रेस पर आरोप लगाती रही है.

बीजेपी ने तो ये भी कहा है कि “कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी का संबंध जॉर्ज सोरोस फाउंडेशन की ओर फंडेड एक संगठन से है. उस फाउंडेशन ने कश्मीर के एक स्वतंत्र राष्ट्र के विचार का समर्थन किया था. बीजेपी ने कहा था, ऑर्गनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (ओसीसीआरपी) और हंगरी मूल के अमेरिकी व्यवसायी जॉर्ज सोरोस ने भारत की अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने तथा मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए विपक्ष के साथ सांठगांठ की है.”

कौन हैं जॉर्ज सोरोस, जिनके सम्मान पर उठे सवाल?

जॉर्ज सोरोस अमेरिका के अरबपति कारोबारी हैं. पर उन्हें डीप स्टेट का अहम किरदार माना जाता है. जॉर्ज सोरोस पर न सिर्फ भारत बल्कि दूसरे देशों में विवाद खड़े करने के आरोप लगते रहे हैं. आरोप है कि जॉर्ड सोरोस ने कई देशों में चुनावों को प्रभावित करने के लिए जमकर फंडिंग की है. यही वजह है कि यूरोप और अरब के कई देशों में जॉर्ज सोरोस की संस्थाओं पर जुर्माने के साथ-साथ पाबंदी भी लगा दी गई है. आरोप है कि सोरोस कारोबार और समाजसेवा की आड़ में पैसों के बल पर राजनीतिक दखलअंदाजी करते हैं.

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