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अमेरिका की पश्चिमी मीडिया को डोज़, पहलगाम नरसंहार को बताया था उग्रवादी हमला

22 अप्रैल को पहलगाम के बैसरन घाटी में हुए नरसंहार के बाद से अमेरिका, भारत के साथ खड़ा दिखाई दिया है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फौरन पीएम मोदी से बात की, तो वही अब अमेरिका के हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी मेजॉरिटी ने उन मीडिया संस्थानों को लताड़ लगाई है, जो पहलगाम में हुए हमले को उग्रवादी हमला बता रहे थे. अमेरिका के हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी मेजॉरिटी ने एक्स पर लिखा, “पहलगाम में हुआ हमला उग्रवादियों ने नहीं बल्कि आतंकवादियों ने किया है.”

अमेरिकी संसद ने लगाई फटकार, भारत हो या इजरायल, आतंकवाद की बात आती है, तो रिपोर्टिंग में नहीं दिखती सच्चाई

भारत में हुए बड़े हमले को जिसमें निहत्थे पर्यटक मारे गए, उसकी रिपोर्टिंग में की गई चूक पर अमेरिकी मीडिया संस्थान न्यूयॉर्क टाइम्स पर अमेरिकी संसद भड़क गई है. न्यूयॉर्क टाइम्स ने भारत के नरसंहार की हेडलाइन्स में आतंकियों की जगह मिलिटेंट शब्द का इस्तेमाल किया, जिसके बाद हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी मेजॉरिटी ने फटकार लगा दी.

भारत के प्रति अपना स्पष्ट समर्थन दिखाते हुए, अमेरिकी सरकार की विदेश मामलों की समिति ने स्क्रीन शॉट शेयर करते हुए लिखा कि “अरे, न्यूयॉर्क टाइम्स हमने आपके लिए इसे ठीक कर दिया है. यह एक आतंकवादी हमला था. चाहे भारत हो या इजरायल, जब आतंकवाद की बात आती है तो न्यूयॉर्क टाइम्स वास्तविकता से दूर हो जाता है.” दरअसल हमले के बाद न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपने लेख में हेडलाइन्स दी थी कि, “कश्मीर में मिलिटेंट्स ने कम से कम 24 पर्यटकों को मार गिराया.” 

भारत के हर फैसले के साथ खड़े हैं डोनाल्ड ट्रंप

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप इस्लामिक आतंकवाद के कट्टर विरोधी हैं. पहलगाम में हमले को फौरन बाद ट्रंप ने एक्स पर अपनी संवेदना जताई थी और फिर पीएम मोदी ने भी फोन पर बात की थी और कहा था कि आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त राज्य अमेरिका भारत के साथ मजबूती से खड़ा है. इसके अलावा गुरुवार को भी अमेरिकी राजनयिक को विदेश मंत्रालय में देखा गया था, जब विदेश मंत्रालय में पहलगाम हमले को लेकर जी 20 देशों को ब्रीफिंग की थी.

विदेश सचिव ने की विदेशी राजनयिकों संग मीटिंग 

भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के बारे में जानकारी देने के लिए दिल्ली स्थित विदेशी दूतों और राजनयिकों को विदेश मंत्रालय में बुलाया. इस बैठक में अमेरिका, चीन, रूस, जापान, ब्रिटेन सहित कई राजदूत मौजूद रहे. विदेश मंत्रालय ने जी 20 देशों के अलावा चुनिंदा पड़ोसी देशों के राजनयिकों को भी बुलाया गया. इस बैठक में 30 से ज्यादा देशों के राजनयिकों ने ब्रीफिंग में हिस्सा लिया. इस बैठक में खुद विदेश सचिव भी मौजूद रहे. इस दौरान भारत ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की जीरो टॉलरेंस नीति की बात की और सीमा पार से हो रहे आतंकवाद को लेकर जानकारी दी. ये बैठक 30 मिनट तक चली.

विदेश मंत्रालय की बैठक में कौन-कौन से देश शामिल हुए

पहलगाम में हुए नरसंहार और आतंकवाद के खिलाफ हुई इस बैठक में अमेरिका, चीन, फ्रांस, रूस, यूके, ईयू, इटली, कतर, जापान, जर्मनी, इंडोनेशिया, मलेशिया, यूएई, नॉर्वे समेत 30 से ज्यादा देशों ने हिस्सा लिया. आपको बता दें कि 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खुद पीएम मोदी से फोन पर बात करके भारत के साथ खड़े होने का आश्वासन दिया था. इसके अलावा रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने भी भारत का साथ देने की बात कही थी. चीन हो, या इटली हो, फ्रांस हो या इजरायल हो, हर देश के प्रमुखों ने पहलगाम नरसंहार की निंदा की और भारत को अपना समर्थन दिया था. 

इजरायली पीएम नेतन्याहू ने की पीएम मोदी से बात

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने पीएम नरेंद्र मोदी को फोन किया. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि “भारतीय धरती पर हुए आतंकी हमले की बेंजामिन नेतन्याहू ने निंदा की. बेंजामिन नेतन्याहू ने भारत के लोगों और पीड़ितों के परिवारों के साथ एकजुटता व्यक्त की. इस दौरान बेंजामिन नेतन्याहू से पीएम मोदी ने आतंकी हमले की बर्बर प्रकृति को साझा किया और अपराधियों और उनके समर्थकों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए भारत के दृढ़ संकल्प को दोहराया.”

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