रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की उत्तर कोरिया की यात्रा से डिमिलिट्राइज जोन (डीएमजेड) में बढ़ रहे तनाव के बीच अमेरिका ने अपने एयरक्राफ्ट कैरियर को दक्षिण कोरिया भेज दिया है. अमेरिका का यूएसएस थियोडोर रूजवेल्ट विमानवाहक युद्धपोत इस महीने के आखिर में दक्षिण कोरिया और जापान की नौसेनाओं के साथ मिलकर एक बड़ा युद्धाभ्यास करने जा रहा है.
अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान का युद्धाभ्यास ऐसे समय में होने जा रहा है जब रूस की पैसिफिक फ्लीट पहले से ही एक बड़ा वॉर-गेम सी ऑफ जापान (जापान के समंदर) में कर रही है (18-28 जून). रूस के इस युद्धाभ्यास में 40 युद्धपोत, 20 एयरक्राफ्ट और हेलीकॉप्टर हिस्सा ले रहे हैं.
इसी हफ्ते (18-19 जून) पुतिन ने उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन के साथ बेहद ही खास सामरिक समझौता किया है. उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयांग की यात्रा पर पुतिन ने किम जोंग से ये करार किया है जिसके तहत अगर किसी भी देश (रूस या उत्तर कोरिया) पर किसी बाहरी देश का हमला होता है तो दूसरा देश उसे अपने पर हुआ हमला मानते हुए जवाबी कार्रवाई में साथ देगा.
रूस और नॉर्थ कोरिया के बीच हुए करार के बाद दक्षिण कोरिया ने यूक्रेन को हथियार सप्लाई करने का पुनर्विचार कर रहा है. इस पर पुतिन ने चेतावनी दी है कि दक्षिण कोरिया ऐसी गलती ना करे.
रुस और उत्तर कोरिया ने ऐसे समय में सामरिक समझौता किया है जब डि-मिलिट्राइज जोन (डीएमजेड) में तनाव बढ़ रहा है और आए-दिन फायरिंग की घटनाएं सामने आ रही हैं. उत्तर और दक्षिण कोरिया के बीच बॉर्डर (बफर जोन) को डीएमजेड के नाम से जाना जाता है.
यूक्रेन युद्ध के दौरान दक्षिण कोरिया लगातार कीव को समर्थन करता आया है. पिछले साल जुलाई (2023) में दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति योन सूक योल ने कीव पहुंचकर जेलेंस्की से भी मुलाकात की थी. दक्षिण कोरिया लगातार यूक्रेन को वित्तीय मदद भी दे रहा है और मानवीय सहायता भी पहुंचा रहा है.
दक्षिण कोरिया की हालांकि, नीति रही है कि युद्ध में शामिल देशों को किसी तरह की सैन्य मदद न की जाए. लेकिन रूस और उत्तर कोरिया के समझौते के बाद दक्षिण कोरिया ने अपनी नीति में बदलाव लाने का ऐलान किया है. ऐसे में यूक्रेन वार-जोन से लेकर डीएमजेड तक में युद्ध के बादल छा सकते हैं. क्योंकि उत्तर और दक्षिण कोरिया में दुश्मनी का लंबा इतिहास रहा है.