चीनी हैकर्स ने अमेरिका में सेंध लगाकर हड़कंप मचा दिया है. व्हाइट हाउस का आरोप है कि चीन ने कम से कम आठ (08) अमेरिकी दूरसंचार कंपनियों पर हमला किया है. अमेरिका के अलावा भी चीन ने कई दूसरे देशों के दूरसंचार और कम्प्यूटर नेटवर्क पर साइबर अटैक किया है.
अमेरिका फेडरल जांच एजेंसी, एफबीआई (फेडरल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टीगेशन) का दावा है कि कुछ दिनों पहले चीनी हैकिंग गतिविधि की जांच शुरू की थी तो पता चला कि हैकर्स ने बड़ी संख्या में फोन रिकॉर्ड चुराए हैं, जिनमें लोग कहा, कब और किसके साथ बातें कर रहे हैं, इसके डाटा लिए गए. हालांकि एफबीआई का मानना है कि कॉल या टेक्स्ट की सामग्री नहीं चुराई गई थी.
कैसे लगाई अमेरिका में सेंध
व्हाइट हाउस के मुताबिक, अमेरिका समेत दुनिया के कई देश चीन के ‘हैकिंग’ अभियान से प्रभावित हुए हैं. अमेरिकी खुफिया अधिकारियों ने सीनेटर्स को चीनी हैकिंग अभियान के बारे में गोपनीय ब्रीफिंग दी.
वहीं पत्रकारों से बात करते हुए अमेरिका के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ऐनी न्यूबर्गर ने व्यापक चीनी ‘हैकिंग’ अभियान के बारे में नए विवरण पेश किए. विवरण के अनुसार, चीन के इस ‘हैकिंग’ अभियान के कारण बीजिंग में अधिकारियों को अज्ञात संख्या में अमेरिकियों के निजी संदेशों और फोन पर होने वाली बातचीत तक पहुंच प्राप्त हुई थी.
व्हाइट हाउस (राष्ट्रपति का आधिकारिक निवास) के अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि प्रभावित दूरसंचार कंपनियों और देशों की संख्या अभी बढ़ सकती है. इसलिए हैकर्स को रोकने के लिए अमेरिका ने अपनी सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट हैं.
ट्रंप, बाइडेन, जेडी वेंस तक थी चीनी हैकर्स की पहुंच!
कुछ दिनों पहले ये दावा किया गया था कि चीनी हैकर्स ने राष्ट्रपति-चुनाव के दौरान नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प, उपराष्ट्रपति-चुनाव जेडी वेंस और बाइडेन प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के फोन संचार को निशाना बनाया था.
एफबीआई ने जांच शुरु की तो हैरान रहने वाला खुलासा हुआ. एफबीआई के मुताबिक हैकर्स कुछ अमेरिकी सरकारी अधिकारियों और राजनेताओं के लिए, हैकर्स कॉल और टेक्स्ट डेटा को इंटरसेप्ट करने में सक्षम थे. हैकर्स ने बड़ी संख्या में फोन रिकॉर्ड चुराए हैं, जो यह बताते हैं कि लोग कहा, कब और किसके साथ संवाद कर रहे थे, लेकिन कॉल या टेक्स्ट की सामग्री नहीं चुराई गई थी.
माना जा रहा है कि ‘साल्ट टाइफून’ नाम के चीनी हैकर्स ग्रुप ने अमेरिका के कम से कम 10 लाख लोगों के फोन हैक करने की कोशिश की है. इनमें वीवीआईपी भी शामिल हैं.
व्हाइट हाउस और एफबीआई को आशंका है कि चीनी हैकर्स ने दूसरे कई देशों के दूरसंचार को भी प्रभावित किया है. चीन ने हैकिंग शामिल होने से इनकार किया है और आरोपों को बेबुनियाद बताया है.
ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और कनाडा में भी अलर्ट
ऑस्ट्रेलिया की खुफिया एजेंसियों ने भी चीनी हैकर्स ग्रुप ‘साल्ट टाइफून’ के खतरों से अपने देश की सरकार के नुमाइंदों के साथ-साथ न्यूजीलैंड और कनाडा को भी अलर्ट बेजा है.