अमेरिका ने 33 वर्ष बाद बिना वॉरहेड के परमाणु बम का टेस्ट करने का दावा किया है. अमेरिका ने एक एफ-35 लड़ाकू विमान से न्यूक्लियर ग्रैविटी बम (बी 61-12) को ड्रॉप करने का परीक्षण किया है.
जानकारी के मुताबिक, इस टेस्ट को नेवादा के टोनेपाह टेस्ट रेंज में किया गया. परीक्षण में यूटाह के हिल एयर फोर्स बेस के कर्मियों और विमानों की सहायता ली गई थी.
जानकारी के मुताबिक, अमेरिका ने ये परीक्षण अगस्त के महीने में किया था. जबकि इस महीने के शुरुआत में खुद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की थी कि चीन और रूस की तर्ज पर अब अमेरिका भी परमाणु परीक्षण करेगा. (https://x.com/FinalAssault23/status/1989644062027362547?s=20)
ट्रंप के दावे पर सवाल
ऐसे में सवाल खड़े हो रहे हैं कि जब अगस्त के महीने में अमेरिका ने न्यूक्लियर बम गिराने का परीक्षण कर लिया था, तब ट्रंप ने 30 अक्टूबर को परमाणु परीक्षण करने का दम क्यों भरा था.
ट्रंप ने हालांकि आरोप लगाया था कि रूस, चीन, पाकिस्तान और उत्तर कोरिया जैसे देश, जमीन के कई सौ फीट नीचे परमाणु परीक्षण करते हैं, जिसके कारण दुनिया को कानो कान खबर नहीं लगती है. इन परीक्षणों के कारण लोगों को भूकंप के हल्के झटके जरूर महसूस किए जाते हैं. उस दौरान ट्रंप के दावों पर सवाल खड़े किए जा रहे थे.
जानकारों का मानना है कि उन्हें ट्रंप ने एटमी टेस्ट बताया था, दरअसल परमाणु हथियारों को ले जाने में सक्षम मिसाइल और दूसरे हथियारों के परीक्षण थे.
1998 के बाद से किसी एटमी परीक्षण की नहीं है कोई जानकारी
क्योंकि 1998 के बाद यानी पिछले 27 वर्षों में किसी भी परमाणु संपन्न देश ने कोई न्यूक्लियर टेस्ट नहीं किया है. आखिरी बार, 1998 में भारत और पाकिस्तान ने परमाणु परीक्षण किए थे. उससे पहले चीन ने 1996, अमेरिका ने 1992 और रूस ने वर्ष 1990 में एटमी परीक्षण किया था.
दुनियाभर में हैं 12 हजार से ज्यादा न्यूक्लियर वेपन
दुनियाभर के परमाणु हथियारों का लेखा-जोखा रखने वाले ग्लोबल थिंक टैंक, सिपरी (स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट) की ताजा रिपोर्ट (2025) के मुताबिक, पाकिस्तान के आयुध में 170 परमाणु हथियार है. रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के पास पाकिस्तान से थोड़ा ज्यादा यानी 172 एटमी हथियार हैं. वर्ष 2018 में खुद पीएम मोदी ने परमाणु पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत की पहली पेट्रोलिंग पर देश के न्यूक्लियर ट्रायड यानी जल, थल और आकाश में परमाणु शक्ति बनने की जानकारी दी थी.
सिपरी की मानें तो इस वक्त दुनियाभर में 12,405 परमाणु हथियार हैं. इनमें सबसे ज्यादा रूस के भंडार में 5580 हैं.5328 हथियारों के साथ अमेरिका दूसरे स्थान पर और चीन (500) तीसरे स्थान पर है. इंग्लैंड और फ्रांस के पास क्रमश 225 और 290 हैं जबकि उत्तर कोरिया के पास 50 ( और इजरायल के पास 90) हैं.

