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अमेरिका में गुरूद्वारों पर छापेमारी, अवैध प्रवासियों की तलाश

अमेरिका में गुरुद्वारों में अवैध प्रवासियों की तलाश को लेकर बवाल मच गया है. अमेरिका की होमलैंड सिक्योरिटी के न्यूयॉर्क, न्यू जर्सी के गुरुद्वारे में छापेमारी से सिख समुदाय भड़क गया है.

होमलैंड सिक्योरिटी के अधिकारियों ने गुरुद्वारे में अवैध प्रवासियों की तलाश की है. होमलैंड सिक्योरिटी ने कहा है कि गुरुद्वारे, चर्च और किसी दूसरे धार्मिक स्थलों की आड़ में अवैध प्रवासी छिप नहीं सकेंगे. माना जाता है कि सिख अलगाववादियों के साथ-साथ वैध दस्तावेजों के बिना ही कुछ लोग न्यूयॉर्क और न्यूजर्सी के गुरुद्वारे का उपयोग करते हैं.

ट्रंप की नीति को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी मार्को रूबियो को सहमति जताते हुए कहा था कि अवैध भारतीयों को वैध तरीके से वापस लाने को तैयार हैं. 

अमेरिका के गुरुद्वारों में छापेमारी, सिख संगठन का विरोध

अमेरिका में अवैध प्रवासियों का रहना मुश्किल हो गया है. अमेरिकी एजेंसियों अवैध डॉक्यूमेंट के साथ अमेरिका में रह रहे लोगों को डिपोर्ट (निर्वासित) कर रही है. इसी के तहत अमेरिकी पुलिस ने न्यूयॉर्क और न्यू जर्सी के गुरुद्वारे में तलाशी ली है. माना जाता है कि न्यूयॉर्क और न्यू जर्सी के कुछ गुरुद्वारों का इस्तेमाल सिख अलगाववादी और अवैध प्रवासी करते आए हैं. 

अमेरिकी पुलिस ने अपने बयान में कहा- “अब अपराधी गिरफ्तारी से बचने के लिए अमेरिका के स्कूलों और चर्चों में भी नहीं छिप पाएंगे. ट्रंप प्रशासन अमेरिका के बहादुर अधिकारियों के हाथ नहीं बांधेगा, बल्कि पुलिस की कार्रवाई पर अभी का प्रशासन भरोसा जताएगा.”

हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे: सिख संगठन

अमेरिकी पुलिस की इस कार्रवाई पर नाराजगी जताते हुए सिख अमेरिकन लीगल डिफेंस एंड एजुकेशन फंड (एसएएलडीएफ) ने उन दिशा-निर्देशों को निरस्त करने चिंता व्यक्त की है जिसमें पूजा स्थलों जैसे संवेदनशील क्षेत्रों को चिन्हित किया गया है.

एसएएलडीएफ ने कहा, “सिख आस्था और परंपरा के लिए यह स्वीकार करने योग्य नहीं है कि हमारे गुरुद्वारों पर सरकारी निगरानी की जाए और वारंट के साथ या बिना वारंट के छापे मारे जाएं.”

संस्था की कार्यकारी निदेशक किरण कौर गिल ने कहा, गुरुद्वारा सिर्फ पूजा-अर्चना के स्थान नहीं हैं, बल्कि एक अहम सामुदायिक केंद्र हैं. यहां सिखों और व्यापक समुदाय को सहायता, पोषण और आध्यात्मिक सांत्वना दी जाती है. इन स्थानों को कानूनी कार्रवाई के लिए निशाना बनाना हमारी आस्था की पवित्रता को खतरे में डालता है.”

ट्रंप ने बदले नियम पूजा स्थल पर मिली जांच की खुली छूट

दरअसल बाइडेन प्रशासन के दौरान पूजा स्थल पर पुलिस की कार्रवाई प्रतिबंधित थी. पहले पूजा स्थलों के अलावा स्कूल आदि में जांच एजेंसियों को जाने की मनाही थी, जिसके चलते आपराधिक तत्व इन रोक ka फायदा उठा लेते थे. हालांकि अब डोनाल्ड ट्रंप ने अपने कार्यकारी आदेश में इस रोक को खत्म करके पुलिस और जांच एजेंसियों को स्कूल, धार्मिक स्थल पर जांच के लिए छूट दे दी है. 

अवैध भारतीय प्रवासियों पर क्या है भारत का रुख

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अवैध प्रवासियों के मुद्दे पर भारत के रुख को स्थिर और सैद्धांतिक बताया है. पिछले सप्ताह जब एस जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो के साथ द्विपक्षीय बैठक की थी तो जयशंकर और मार्को रूबियो ने अवैध प्रवासियों का मुद्दा उठाया था. अवैध प्रवासियों के मुद्दे पर एस जयशंकर अमेरिका के रुख से सहमत हैं. एस जयशंकर ने मार्को रूबियो से कहा कि भारत अवैध प्रवासन का कड़ा विरोध करता है.

जयशंकर ने बाद में प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि “हमारा मानना है कि अगर हमारे नागरिक यहां अवैध रूप से रह रहे हैं और ये तय हो जाता है कि वे हमारे नागरिक हैं, तो उनकी वापसी के लिए हम हमेशा तैयार हैं.” एस जयशंकर ने कहा- “हम अवैध भारतीयों के वैध वापसी कराएंगे.”

गौरतलब है कि अमेरिका में तकरीबन 18,000 अवैध भारतीय रह रहे हैं, जिनका निर्वासन किया जाना है. 

सहयोग ना करने वाले देशों पर सख्त हैं राष्ट्रपति ट्रंप

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका में रह रहे अवैध प्रवासियों को देश से निकालने को प्राथमिकता मान रहे हैं. मेक्सिको, ब्राजील और कोलंबिया के सैकड़ों लोग जो अवैध तरीके से रह रहे थे, उन्हें हथकड़ी लगाकर अमेरिका सैन्य विमान से ले जाया गया है. हालांकि कोलंबिया ने पहले निर्वासित लोगों के विमान के एंट्री नहीं करने दी थी, लेकिन ट्रंप की धमकी के बाद कोलंबिया के राष्ट्रपति ने अपने बयान से यूटर्न ले लिया. 

इस बीच अमेरिकी संसद के निचले सदन के स्पीकर माइक जॉनसन ने चेतावनी दी है कि जो भी देश अमेरिका से निर्वासित हुए अपने नागरिकों को वापस लेने में सहयोग नहीं करेगा, उस पर प्रतिबंध लगाए जाएंगे.

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