ताइवान को लेकर चल रही तनातनी के बीच अमेरिकी विदेश सचिव मार्को रूबियो ने चीनी समकक्ष वांग यी से फोन पर लंबी बातचीत की है. चीनी विदेश मंत्री ने रूबियो को ताइवान के मुद्दे पर अपना फैसला सुनाते हुए कहा है कि किसी भी कीमत पर चीन, ताइवान को अलग नहीं होने देगा. रूबियो अपनी पहली बातचीत में चीन से अच्छा व्यवहार करने की उम्मीद जताई है.
अमेरिकी विदेश मंत्री ने सख्त रूख अपनाते हुए कहा है कि ताइवान और फिलीपींस की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं. बीजिंग के जबरदस्त फैसले गंभीर चिंता का विषय है. दरअसल चीन हमेशा से ताइवान को अपना हिस्सा बताता रहा है. चीन के पैरों में बेड़ियां डालने के लिए अमेरिका लंबे समय से ताइवान का समर्थक रहा है. अमेरिका, ताइवान को बड़े पैमाने पर हथियार भी देता है. हालांकि, ताइवान को अमेरिका से कूटनीतिक तौर पर औपचारिक रूप से मान्यता मिली है.
अमेरिका को नहीं करना चाहिए विश्वासघात: चीनी विदेश मंत्री
ट्रंप प्रशासन में विदेश मंत्री बने मार्को रूबियो और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच पहली बातचीत हुई है. इस बातचीत में अमेरिका के साथ संबंध के अलावा ताइवान को लेकर चीन ने अपना रुख साफ किया है. चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने मार्को रूबियो को कहा है, “हम ताइवान को कभी भी चीन से अलग नहीं होने देंगे. वाशिंगटन को अपनी वन चाइना पॉलिसी का पालन करने के अपने वादे से विश्वासघात नहीं करना चाहिए, क्योंकि अमेरिका ने ‘वन चाइना’ को लेकर अपनी कमिटमेंट दी थी.”
हम अमेरिका की जगह नहीं लेना चाहते: वांग यी
चीनी विदेश मंत्री ने मार्को रूबियो से कहा, “अमेरिका को एक मेजर पावर (शक्तिशाली देश) की तरह की व्यवहार करना चाहिए और अपनी उचित अंतरर्राष्ट्रीय जिम्मेदारियों को निभाना चाहिए. बीजिंग का किसी को पीछे छोड़ने या उसकी जगह लेने का कोई इरादा नहीं है, लेकिन हमें अपने विकास के वैध अधिकार की रक्षा जरूर करनी चाहिए.”
हमें उम्मीद है कि चीन अच्छा व्यवहार करेगा: मार्को रूबियो
मार्को रूबियो हमेशा से चीन को अमेरिका का सबसे बड़ा खतरा मानते हैं. रूबियो अमेरिका के वो नेता हैं जो चीन और उसकी नीतियों के कट्टर आलोचक हैं. अमेरिकी विदेश सचिव ने वांग यी से बातचीत में कहा, “मुझे उम्मीद है कि आप अच्छा व्यवहार करेंगे और अमेरिका के लोगों के भविष्य और विश्व शांति और स्थिरता में अपनी रचनात्मक भूमिका निभाएंगे.”
अमेरिकी विदेश विभाग ने बयान जारी करके बताया कि “विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने अपने चीनी समकक्ष के साथ अपनी पहली बातचीत में ताइवान और दक्षिण चीन सागर में बीजिंग के जबरदस्ती के फैसलों पर गंभीर चिंता व्यक्त की है. वांग ने रुबियो से कहा कि उन्हें उम्मीद है कि वह अच्छे से पेश आएंगे.”
ताइवान, फिलीपींस के साथ अमेरिका ने जताई प्रतिबद्धता
विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने कहा- “मार्को रूबियो ने वांग यी से कहा कि ट्रम्प प्रशासन “अमेरिकी लोगों को पहले” रखेगा और चीन के साथ अपने संबंधों में अमेरिकी हितों को आगे बढ़ाएगा. रूबियो ने क्षेत्र में हमारे सहयोगियों के प्रति अमेरिका की प्रतिबद्धता और ताइवान और दक्षिण चीन सागर में चीन की जबरदस्त कार्रवाइयों पर गंभीर चिंता पर भी जोर दिया.” ब्रूस ने कहा- “विदेश सचिव ने द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक महत्व के अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की. डोनाल्ड ट्रंप ने पहले ही चीन के साथ रिश्तों को और बेहतर बनाने की दिशा में काम करना शुरू कर दिया है.”
फिलीपींस और क्वाड देशों से बात कर चुके हैं मार्को रूबियो
विदेश मंत्री बनते ही एक्शन में हैं मार्को रूबियो. रुबियो ने चीनी विदेश मंत्री से पहले फिलीपींस के विदेश मंत्री एनरिके मैनाले से फोन पर बात की थी. दोनों नेताओं के बीच बातचीत के ठीक बाद अमेरिकी विदेश विभाग ने एक बयान जारी कर कहा, “विदेश मंत्री रूबियो ने इस बातचीत के दौरान ये साफ कर दिया है कि दक्षिणी चीन सागर क्षेत्र में चीन के रवैये से खुश नहीं है. चीन का ये रवैया क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को कमजोर करता है और अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुरूप नहीं है.”
मार्को रूबियो ने पदभार संभालते ही क्वाड देशों की बैठक की थी. अमेरिका ने बैठक में कहा, “इंडो-पैसिफिक समुद्री क्षेत्र में यथास्थिति को बदलने की कोशिश वाली चीन की कोई भी एकतरफा कार्रवाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी. बैठक में मार्को रूबियो और एस जयशंकर के अलावा, जापान, ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री भी मौजूद थे.”