अगले महीने बेंगलुरू में शुरू हो रहे ‘एयरो इंडिया-2025’ में दर्शक रूस और अमेरिका के स्टील्थ फाइटर जेट की जोर-आजमाइश से वंचित रह जाएंगे. ऐसा इसलिए क्योंकि, अमेरिका ने अपने फीफ्थ जेनरेशन स्टील्थ फाइटर जेट एफ-35 का नाम एयरोइंडिया-2025 (10-14 फरवरी) से वापस ले लिया है.
वहीं, टीएफए पहले ही बता चुका है कि रूस का स्टील्थ फाइटर जेट सु-57 (सुखोई-57) पहली बार एयरोइंडिया में बेंगलुरु के आसमान में गर्जना करने के लिए तैयार है. (वायुसेना प्रमुख एलसीए प्रोजेक्ट से चिंतित, Su-57 एयरक्राफ्ट आ रहा भारत)
टीएफए के पास ही यूएस एयर कमांड का शेड्यूल
यूएस एयरफोर्स की कॉम्बेट एयर कमांड ने अपना जो नया शेडूयल जारी किया है, उसमें एयरोइंडिया में एफ-35 के साथ ही एफ-16 लड़ाकू विमान का नाम भी कैंसिल कर दिया है. टीएफए ने यूएस एयर कमांड की फैक्टशीट देखी है जिसमें साफ तौर से लिखा गया है कि 10-14 फरवरी के बीच बेंगलुरु में होने जा रहे एयर एंड ट्रेड शो से एफ-35 और एफ-16 का डेमो ‘कैंसिल’ कर दिया गया है.
लॉकहीड मार्टिन ने भी नहीं दिया एफ-35 का नाम
खास बात ये है कि एफ-35 बनाने वाली अमेरिकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने भी साफ कर दिया है कि एयरोइंडिया में स्टील्थ फाइटर जेट हिस्सा नहीं ले रहा है. कंपनी ने मंगलवार को आधिकारिक बयान जारी कर बताया कि इस बार एयरोइंडिया में एफ-21 फाइटर जेट आ रहा है.
एफ-21 करेगा एयरोइंडिया में एंट्री
एफ-21 लड़ाकू विमान को लॉकहीड मार्टिन, भारतीय वायुसेना के एमआरएफए प्रोजेक्ट के लिए ऑफर कर रही है. मल्टीरोल फाइटर एयरक्राफ्ट (एमआरएफए) प्रोजेक्ट के लिए वायुसेना को 114 लड़ाकू विमानों की जरूरत है. रक्षा मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि ये प्रोजेक्ट मेक इन इंडिया ही होगा यानी विदेशी एविएशन कंपनियों (लॉकहीड मार्टिन इत्यादि) को किसी स्वदेश कंपनी के साथ मिलकर इनका निर्माण भारत में ही करना होगा.
वर्ष 2023 में एफ-35 एयरक्राफ्ट ने एयरोइंडिया में हिस्सा लिया था और फ्लाई भी किया था. लेकिन इस बार रूस का सु-57 ही स्टील्थ फाइटर जेट दिखाई पड़ेगा.
पुतिन और सु-57 आ रहे हैं भारत
खास बात ये है कि जल्द ही रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे की तारीख भी सामने आने वाली है. माना जा रहा है कि अपनी यात्रा के पुतिन के द्वारा भारत को सु-57 देने का ऑफर दिया जा सकता है. पुतिन ने भारत में ‘साझा मैन्युफैक्चरिंग’ करने का पहले से ही इच्छा जताई है.
क्योंकि भारत ने हथियारों के निर्माण के लिए ‘मेक इन इंडिया’ को ही फ्लैगशिप प्रोग्राम अपना रखा है. ऐसे में रूस, भारत के साथ मिलकर सु-57 के निर्माण का प्रपोजल रख सकता है. पिछले दो दशक से भारत, रूस की मदद से सु-30 फाइटर जेट का निर्माण देश में ही कर रहा है. (रशियन Su-57 चीन में, भारत को ऑफर हुआ था कभी Stealth एयरक्राफ्ट)
चीन में पहली बार दिखाई पड़ा था सु-57
रूस की सुखोई कंपनी द्वारा निर्मित सु-57, पिछले साल नवंबर में चीन के एयर शो में दिखाई पड़ा था. कुछ हफ्ते पहले ही रूस ने सु-57 को अपनी वायुसेना में शामिल किया है. ये रूस का पहला फीफ्थ जेनरेशन का फाइटर जेट है.
चीन दे रहा है पाकिस्तान को 40 स्टील्थ फाइटर जेट
चीन ने दो स्टील्थ फाइटर जेट (जे-20 और जे-35) बनाकर तैयार कर लिए हैं. इसके अलावा एक छठी पीढ़ी के फाइटर जेट (स्टील्थ बॉम्बर) को भी बनाने का दावा किया है. इससे भारत के माथे पर पसीना आना लाजमी है.
भारत के लिए दुविधा इसलिए भी है क्योंकि चीन ने पाकिस्तान को भी 40 जे-35 स्टील्थ फाइटर जेट देने का ऐलान कर दिया है. वहीं, भारत के स्वदेशी स्टील्थ फाइटर जेट, एमका (एडवांस मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट) को तैयार होने में कम से कम पूरा एक दशक लग सकता है यानी 2035 से पहले वायुसेना को स्टील्थ फाइटर जेट मिलना मुश्किल दिखाई पड़ रहा है.
अमेरिका ने की एविएशन इंजन की सप्लाई में देरी
अमेरिका से एविएशन इंजन में मिलने से हो रही देरी से भी भारत की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं. एविएशन इंजन ना मिलने से एलसीए-तेजस के मार्क-1ए फाइटर जेट की सप्लाई में देरी हो गई है. मार्क-1ए प्रोजेक्ट एक साल पीछे चल रहा है.