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अमेरिकी की मांग नाजायज, ज़खारोवा ने भारत-रूस तेल समझौते का किया समर्थन

अमेरिका की तेल खरीदने को लेकर भारत पर लगाए जाने वाला अल्टीमेटम पूरी तरह अनैतिक और नुकसानदायक है. ये कहना है रूस के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़खारोवा का. यूक्रेन युद्ध को लेकर आर्थिक प्रतिबंध झेल रहे रूस से तेल खरीदकर दुनिया की मदद कर रहा है भारत. लेकिन अब अमेरिका, भारत पर तेल न खरीदने का दबाव बना रहा है.

अमेरिका ने ते भारत को 27 फरवरी तक का अल्टीमेटम दिया था. गौरतलब है कि अमेरिका ने कहा था कि “जो रूसी तेल के टैंकर भारत के लिए निकल चुके हैं, उन्हें खाली कराने का समय सिर्फ 27 फरवरी तक का है. उसके बाद प्रतिबंध लागू हो जाएंगे.”

अमेरिका ने भारत से 27 फरवरी तक रूसी टैंकर खाली करने को कहा था: मारिया जखारोवा

रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने कहा कि, “हमें पता चला कि हाल ही में अमेरिका ने भारत से 27 फरवरी तक रूसी तेल के टैंकरों को खाली करने की मांग की थी. हम जानते हैं कि रूस पर अवैध प्रतिबंध लगाने वाले पश्चिम देशों के समूह में भारत शामिल नहीं है. एनर्जी सेक्टर में जबरन  थोपे जा रहे ऐसे एकतरफा प्रतिबंधों को रूस खारिज करता है.”

तेल खरीद पर भारत का पक्ष हमेशा साफ रहा है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी पिछले साल कहा था कि, “भारत उन सभी व्यापारियों के लिए खुला है जो उसे सस्ता तेल बेचेंगे. सस्ता तेल खरीदना स्मार्टनेस है.”

हमें दृढ़ विश्वास है कि भारत के साथ संबंध फलते फूलते रहेंगे: रूस

रूस के ऊर्जा उप मंत्री पावेल सोरोकिन ने भी पिछले सप्ताह कहा था कि दोनों देशों के बीच व्यापार संबंध व्यावहारिकता और आपसी सम्मान पर आधारित हैं. पावेल सोरोकिन ने कहा था, “भारत हमारे सबसे महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदारों में से एक है, और हमें यह देखकर बहुत खुशी हो रही है कि संबंध वास्तव में व्यावहारिक आधार पर और द्विपक्षीय आधार पर विकसित हो रहे हैं, जिसमें किसी राजनीतिक नारे या राजनीति को ध्यान में नहीं रखते हुए पारस्परिक लाभ को ध्यान में रखा जा रहा है.”

पश्चिम देशों के प्रतिबंधों के बावजूद भारत और रूस लगातार अपने आर्थिक संबंधों को मजबूत कर रहे हैं. दोनों का साल 2030 तक द्विपक्षीय कारोबार  को 100 अरब डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य है. भारत और रूस की गहरी दोस्ती मारिया जखारोवा के बयान से भी साफ हो गई है, कि अमेरिका ने दबाव बनाया तो रूस ने भारत का साथ देते हुए अमेरिका को खरी-खरी सुना दी.

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