अमेरिका में पीएम मोदी और जो बाइडेन की मीटिंग से पहले अमेरिका का एक और डबल गेम सामने आया है. पहले तो एनएसए अजीत डोवल के खिलाफ भारत के मोस्ट-वांटेड पन्नू की हत्या की साजिश के आरोप में समन जारी किया अब खुद राष्ट्रपति जो बाइडेन के अधिकारियों ने खालिस्तान समर्थक सिख नेताओं से मुलाकात कर पन्नू की हत्या की साजिश मामले को हवा देने की कोशिश की है.
जो बाइडेन के प्रशासनिक और खुफिया अधिकारियों ने सिख नेताओं से ये मुलाकात पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा से महज दो दिन पहले की है. बैठक राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने आयोजित की थी. बताया जा रहा है कि इस बैठक में व्हाइट हाउस के अधिकारियों के अलावा अमेरिकी खुफिया एजेंसी के अधिकारी भी शामिल हुए थे.
पन्नू की हत्या की साजिश में भारत से बातचीत: अमेरिका
व्हाइट हाउस कॉम्प्लेक्स में आयोजित इस बैठक में खालिस्तान समर्थक सिख नेताओं ने पन्नू की हत्या की साजिश का मुद्दा उठाया. जिस पर अमेरिका ने सिख नेताओं को बताया कि पन्नू मामले में भारत के साथ सकारात्मक बातचीत चल रही है. पन्नू मामले में केस दर्ज किया गया है, साथ ही भारत से भी कार्रवाई करने के लिए कहा गया है.
भारत के मोस्ट-वांटेड को क्यों बचा रहा है अमेरिका
गुरपतवंत पन्नू के पास कनाडा के साथ साथ अमेरिका की भी नागरिकता है. अमेरिका का आरोप है कि अमेरिकी धरती पर भारत की एजेंसियों ने पन्नू को मारने की कोशिश की है. हालांकि भारत शुरुआत से ही अमेरिका के आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए खारिज करता रहा है. पर अब अमेरिका के झूठे आरोपों का पानी सिर से ऊपर हो चुका है क्योंकि अमेरिकी कोर्ट ने एनएसए अजीत डोवल के साथ-साथ पूर्व रॉ चीफ, रॉ के अधिकारी के खिलाफ समन जारी किया है. जिसका भारत ने कड़ा विरोध जताया है.
क्वाड देशों की बैठक में शामिल होंगे पीएम मोदी
पीएम मोदी क्वाड देशों की बैठक में शामिल होने के लिए 23 सितंबर तक अमेरिका में रहेंगे. इस दौरान माना जा रहा है कि जो बाइडेन एक बार फिर से पीएम मोदी से द्विपक्षीय मुलाकात के दौरान गुरपतवंत पन्नू का मामला उठा सकते हैं.
माना जा रहा है कि एनएसए अजीत डोवल को समन और अब खालिस्तान समर्थक नेताओं से मुलाकात से अमेरिका भारत पर दबाव डालने की कोशिश में है. अमेरिका हालांकि, ये क्यों भूल रहा है कि जिसे वो अपना नागरिक बता रहा है, उसका इतिहास दागदार है और भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल रहता है.
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