By Nalini Tewari
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की गर्मजोशी से मुलाकात और अनौपचारिक वीडियो-तस्वीरों को देखकर अमेरिका नहीं नहीं पाकिस्तान भी जल भुन रहा है. एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान पाकिस्तान के फेल्ड (फील्ड) मार्शल असीम मुनीर भी दौड़ा-दौड़ा द्विपक्षीय वार्ता करने पहुंच गया. वैसे भी पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ की जो बेइज्जती हुई है, जो मजाक उड़ा है, वो पूरी दुनिया ने देखा है.
पाकिस्तान ने चीन के साथ द्विपक्षीय वार्ता की है, लेकिन इस द्विपक्षीय वार्ता को देखकर एक बार फिर से साबित हो गया है कि पाकिस्तान की असल कमान असीम मुनीर के हाथ में हैं. शहबाज शरीफ को ना तो घर (पाकिस्तान) में कोई पूछता है और ना बाहर.
पाकिस्तान-चीन में द्विपक्षीय वार्ता, असीम मुनीर रहा मौजूद
एससीओ की बैठक में भारत का दबदबा देखकर पाकिस्तान के सीने पर सांप लोट रहा है. पाकिस्तान अपने सदाबहार दोस्त के साथ प्रभाव कम नहीं होने देना चाहता. लिहाजा शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय वार्ता हुई है.
एससीओ समिट के बाद चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय वार्ता के दौरान शहबाज शरीफ के साथ असीम मुनीर भी मौजूद रहा. साथ ही पाकिस्तान के विदेश मंत्री (उप-प्रधानमंत्री) इशाक डार भी इस वार्ता में शामिल हुए.
जिनपिंग के नेतृत्व में रणनीतिक साझेदारी मजबूत हुई: पाकिस्तान
पाकिस्तान की ओर से बताया गया कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने ग्रेट हॉल में राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की, जहाँ दोनों पक्षों के प्रतिनिधिमंडलों ने द्विपक्षीय और क्षेत्रीय सहयोग पर व्यापक चर्चा की. राष्ट्रपति शी जिनपिंग के दूरदर्शी नेतृत्व में, हमारी सर्वकालिक रणनीतिक साझेदारी लगातार मज़बूत होती जा रही है, जिससे शांति, संपर्क और साझा समृद्धि को बढ़ावा मिल रहा है. एससीओ शिखर सम्मेलन में उत्कृष्ट व्यवस्थाओं और तियानजिन एवं बीजिंग में उनके गर्मजोशी भरे आतिथ्य के लिए हम अपने चीनी मेजबानों के आभारी हैं.
सिंधु जल के लिए एससीओ में रोए शहबाज शरीफ
एससीओ की बैठक में शहबाज शरीफ ने सिंधु जल न मिलने का दुखड़ा रोया. लेकिन ये नहीं बताया कि आखिर भारत ने ये एक्शन क्यों लिया. वहीं शहबाज, भारत से बातचीत के लिए भी गिड़गिड़ाते दिखे. कहा, पाकिस्तान अपने सभी पड़ोसियों के साथ सामान्य और स्थिर संबंध चाहता है. संघर्ष और टकराव के बजाय बातचीत और कूटनीति चाहता है.
ऑपरेशन सिंदूर में हुई पिटाई की ओर इशारा करते हुए कहा, “पाकिस्तान ने हमेशा बहुपक्षवाद, संवाद और कूटनीति की शक्ति में विश्वास किया है और मसलों के एकतरफा समाधान से परहेज किया है. फिर भी, हमें सदमा लगा है और गहरी निराशा हुई है कि पिछले कुछ महीनों में इस पूरे क्षेत्र ने बेहद चिंताजनक घटनाक्रम देखे हैं.”
एससीओ में भारत का दमदार रोल, संयुक्त स्टेटमेंट में पहलगाम का जिक्र
शहबाज शरीफ के सामने पीएम मोदी ने आतंकवाद पर बेनकाब किया. पीएम मोदी ने कहा, “यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि क्या कुछ देशों की ओर से आतंकवाद का खुला समर्थन हमें स्वीकार्य हो सकता है? भारत पिछले चार दशकों से आतंकवाद का दंश झेल रहा है. हाल में हमने पहलगाम में आतंकवाद का एक बेहद घिनौना रूप देखा. हमला न केवल भारत की अंतरात्मा पर एक आघात था, बल्कि यह हर उस देश, हर उस व्यक्ति के लिए एक खुली चुनौती था जो मानवता में विश्वास रखता है.”
चीन के तियानजिन में आयोजित हुए एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान देशों ने एक सुर में आतंकवाद के खिलाफ निंदा की. पीएम मोदी के आतंकवाद के खिलाफ उठाए गए मुद्दे पर सदस्य देशों से सहमति जताई और संयुक्त घोषणा पत्र में पहलगाम आतंकवादी हमले का जिक्र किया गया. घोषणा पत्र में कहा गया है, ‘सदस्य देशों ने 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की. ऐसे हमलों के दोषियों, योजनाकारों और मददगारों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए.’