July 3, 2024
XYZ 123, Noida Sector 63, UP-201301
Alert Breaking News Classified Documents Geopolitics Indian-Subcontinent Islamic Terrorism Terrorism

TFA Investigation: विदेश से पाकिस्तानी नागरिकों को देश-निकाला क्यों

आतंकवाद का पालन-पोषण करने वाले देश, पाकिस्तान के नागरिकों को अब दुनिया के किसी हिस्से में जाकर रहना भी मुश्किल हो गया है. टर्की (तुर्किए) और लीबिया जैसे मित्र-देश तक ने पाकिस्तानी नागरिकों को अपने देश से निकालना शुरु कर दिया है. टीएफए की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन में पता चला है कि पिछले कुछ महीनों में टर्की, लीबिया और अमेरिका जैसे देशों ने 600 से ज्यादा पाकिस्तानी नागरिकों को अपने-अपने देश से ‘डिपोर्ट’ कर वापस पाकिस्तान भेज दिया है. इन सभी पर हत्या, बलात्कार, लूटपाट और आतंकी गतिविधियां फैलाने जैसे गंभीर आरोप लगे थे. 

टीएफए को मिली जानकारी के मुताबिक, इस साल यानी 2024 के पहले दो महीनों में टर्की ने पाकिस्तान के 482 नागरिकों को ‘देश-निकाला’ सुनाया है. पिछले साल यानी 2023 में टर्की ने 512 नागरिकों को वापस पाकिस्तान भेजा था. टीएफए के पास इन पाकिस्तानी नागरिकों की बाकायदा लिस्ट मौजूद है जिन्हें टर्की की राजधानी इस्तांबुल से इस्लामाबाद भेजा गया है. इस्तांबुल के मुताबिक, इन पाकिस्तानी नागरिकों को गैर-कानूनी तरीके से टर्की में दाखिल होते हुए या फिर वीजा खत्म होने के आरोप में वापस इस्लामाबाद निर्वासित (वापस भेजा) गया है. देश-निकाला दिए गए पाकिस्तानियों में से बहुत से नागरिकों के पास पासपोर्ट थे ही नहीं या फिर फर्जी थे. 

टर्की में  करते थे संगीन गुनाह

फर्जी पासपोर्ट और वीजा के अलावा जिन पाकिस्तानियों को इस्लामाबाद वापस भेजा गया, उन पर मनी-लॉन्ड्रिंग, स्मगलिंग, लूटपाट और महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार और यौन शोषण जैसे गंभीर आरोप लगे थे. हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल भी हुआ था जिसमें पाकिस्तानी मूल के नागरिक स्थानीय तुर्किए महिलाओं के साथ छेड़छाड़ करते हुए दिखाई पड़े थे. 

रिपोर्ट्स की मानें तो इस वक्त टर्की के अलग-अलग डिपोर्टेशन सेंटर में 5-6000 पाकिस्तानी नागरिक बंद हैं. इन सभी को टर्की की पुलिस और फेडरल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एफआईए) ने अलग-अलग गंभीर आरोपों में गिरफ्तार किया था. गौरतलब है कि पिछले साल टर्की ने पाकिस्तान सहित अलग-अलग देशों के 35 हजार से ज्यादा नागरिकों को डिपोर्ट (देश-निकाला) दिया था. 

अमेरिका ने चार्टर फ्लाइट से भेजा इस्लामाबाद वापस 

पिछले साल (2023) में अमेरिका ने तो पाकिस्तानी नागरिकों के अलग-अलग अपराधों में संलिप्तता को देखते हुए बाकायदा चार्टर फ्लाइट से वापस इस्लामाबाद भेजा था. 20 जुलाई 2023 को अमेरिका से 20 पाकिस्तानी नागरिकों को इस चार्टर फ्लाइट से वापस अपने देश भेजा गया था. इन पाकिस्तानियों पर मेल-फ्रॉड, मनी-लॉन्ड्रिंग, हत्या, बलात्कार, नाबालिग-शोषण, लूटपाट, गैर-कानूनी एंट्री और स्मगलिंग जैसे आरोप थे. टीएफए के पास इन सभी पाकिस्तानी नागरिकों का फ्लाइट-शेड्यूल मौजूद है. 

जुलाई 2023 की घटना के बाद भी 70 अन्य पाकिस्तानियों को अमेरिका से वापस भेजने की खबर सामने आई थी. कुछ रिपोर्ट्स की मानें तो अमेरिका ने पाकिस्तान को नो-अमेरिकन वीजा देशों की लिस्ट में डालने की तैयारी कर ली थी. क्योंकि पाकिस्तान अपने नागरिकों को वापस लेने में आनाकानी कर रहा था. 

लीबिया ने भी की एंट्री बंद

अमेरिका और टर्की के साथ-साथ उत्तरी अफ्रीकी देश लीबिया तक पाकिस्तानी नागरिकों को अपने देश में शरण नहीं देना चाहता है. पिछले महीने (फरवरी) की 18-19 तारीख को लीबिया की राजधानी बेन्गाजी से 147 पाकिस्तानी नागरिकों को गैर-कानूनी तरीके से रहने और अलग-अलग क्राइम में शामिल होने के चलते चार्टर फ्लाइट से इस्लामाबाद भेजा गया था. माना जा रहा है कि ये सभी पाकिस्तानी बिना वीजा-पासपोर्ट के लीबिया में रह रहे थे. 

लीबिया के अलावा गृह-युद्ध से त्रस्त अफगानिस्तान और सीरिया जैसे देश भी पाकिस्तानी नागरिकों को देश-निकाला सुना चुके हैं. माना जा रहा है कि पिछले पांच सालों में पाकिस्तान के करीब पांच लाख(5,00,000) नागरिकों को डिपोर्ट कर वापस इस्लामाबाद का रास्ता दिखाया गया है. पूरी दुनिया में बेइज्जती होने के बाद पाकिस्तान के आंतरिक मंत्रालय ने अपने देश के सभी दूतावास को गैर-कानूनी रुप से विदेश में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को लेकर नए एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) जारी किए हैं.  

यूरोप में खड़ा किया पाकिस्तानी जिहादी सेल ‘गबर

पाकिस्तानी नागरिकों के यूरोप में आतंकी गतिविधियों में शामिल होने और इस्लामिक कट्टरवाद फैलाने की घटनाओं में लिप्त होने के भी मामले सामने आ रहे हैं. इसी हफ्ते ही इटली की एक अदालत ने दो पाकिस्तानी नागरिक यासीन ताहिर और अली मोहसिन को पाकिस्तानी जिहादी संगठन गबर (गब्बर) चलाने के आरोप में सात साल की सजा सुनाई है. इटली की जांच एजेंसियों की मानें तो गबर गैंग ही वर्ष 2020 में चार्ली-हेबडो मामले के मुख्य आरोपी से जुड़ा हुआ था. इस गैंग का मुखिया करीब दो साल पहले फ्रांस में सार्वजनिक तौर से चाकू लहराने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. इटली की कोर्ट ने यासीन और मोहसिन के अलावा गबर के सात अन्य सदस्यों को जेल की सजा सुनाई है. 

रोशडेल केस मंें लगभग सभी पाकिस्तानी मूल के दरिंदे

इंग्लैंड के बहुचर्चित रोशडेल यौन शोषण मामले में गिरफ्तार हुए ग्रूमिंग गैंग के 42 आरोपियों में अधिकतर पाकिस्तानी मूल के ब्रिटिश नागरिक हैं. इन सभी दोषियों को इंग्लैंड की अदालत ने कुल मिलाकर 432 सालों की सजा सुनाई है. ग्रूमिंग गैंग पिछले एक-डेढ़ दशक से इंग्लैंड के ग्रेटर मैनचेस्टर इलाके में सक्रिय था और कम उम्र की लड़कियों को अपना शिकार बनाकर यौन उत्पीड़न करता था. इस गैंग की शिकार नाबालिग लड़कियों ब्रिटिश मूल की होती थीं. इंग्लैंड के अलावा ग्रूमिंग गैंग यूरोप के दूसरे देशों सहित आस्ट्रेलिया और कनाडा तक में सक्रिय था. 

ReplyForwardAdd reaction
ReplyForwardAdd reaction
ReplyForwardAdd reaction
ReplyForwardAdd reaction

 

ReplyForwardAdd reaction

 

ReplyForwardAdd reaction
ReplyForwardAdd reaction

Leave feedback about this

  • Rating
X