अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से बात और मुलाकात से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने दिया है बड़ा बयान. पुतिन ने ऐलान किया है, कि अगर यूक्रेन के साथ स्थाई शांति की बात की जाएगी, तभी वो युद्ध विराम करेंगे. सीजफायर का कोई मतलब नहीं है.
अस्थाई शांति यानी सीजफायर में दुश्मन को फिर से ताकत और हथियार जुटाने का मौका मिलेगा. पुतिन का ये बयान ऐसे वक्त में आया है जब ट्रंप के शपथ से पहले इजरायल और हमास के बीच सीजफायर किया गया है.
सीजफायर के बाद तीन इजरायली बंधकों के बदले 90 फिलिस्तीनी कैदियों को इजरायल ने रिहा किया है. कहीं ना कहीं पुतिन के जहन में ये बात और फिलिस्तीन से आई हमास के आतंकियों की तस्वीरें कौंध रही हैं, जिसमें सीजफायर के बाद इजरायल को चिढ़ाते हुए हमास के आतंकियों ने वर्दी पहनकर गाजा की सड़कों पर जश्न मनाया है.
हमारे लिए सीजफायर का कोई मतलब नहीं: व्लादिमीर पुतिन
अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण से ठीक पहले रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने ट्रेलर दिखाया है. पुतिन ने सुरक्षा परिषद के साथ भी मीटिंग की है. सुरक्षा परिषद की बैठक में ट्रंप के साथ बातचीत के एजेंडे पर मंथन किया गया है.
बताया जा रहा है कि पुतिन ने अपनी बड़ी बैठक में दो टूक कहा है कि “उनके लिए सीजफायर का कोई मतलब नहीं है. इससे दुश्मन सेना को फिर से ताकत और हथियार जुटाने का मौका मिलेगा. विवाद के मूल कारणों को समाप्त किया जाए. स्थायी शांति की बात हो तभी युद्ध विराम करेंगे. यूक्रेनी संघर्ष को लेकर हम नए अमेरिकी प्रशासन के साथ बातचीत के लिए तैयार हैं.”
अमेरिका के साथ संभल कर रिश्ता बढ़ाएंगे पुतिन
अमेरिका के साथ संबंध को कैसे रखना है, इस बारे में भी व्लादिमीर पुतिन ने अपनी बैठक में चर्चा की है. रूस ट्रंप के साथ संभल कर रिश्ता बढ़ाने के पक्ष में हैं. ट्रंप के जीत के बाद भी क्रेमलिन ने अपने बयान में कहा था कि- हम अमेरिका के नए प्रशासन को देखेंगे, उनकी नीतियां देखेंगे, फिर फैसला करेंगे की कैसा रिश्ता होगा.
पुतिन ने सुरक्षा परिषद की बैठक में कहा, “मैं एक बार फिर यह कहना चाहूंगा कि इसका उद्देश्य केवल एक अस्थायी युद्ध विराम नहीं होना चाहिए इससे दुश्मन सेना (यूक्रेन) को फिर से तैयार होने का मौका मिलेगा जिससे संघर्ष जारी रखा जा सके. समझौते का लक्ष्य दीर्घकालिक शांति होनी चाहिए, जो क्षेत्र में रहने वाले सभी लोगों, सभी राष्ट्रों के वैध हितों के सम्मान के लिए हो.”
इजरायल और हमास के बीच अमेरिका ने करवाया है सीजफायर
ट्रंप ने हमास को धमकी दी थी कि उनके शपथ से पहले सीजफायर हो जाए नहीं तो हमास के लिए कयामत आ जाएगी. वहीं ट्रंप ने बेंजामिन नेतन्याहू पर भी दबाव बनाया, जिसके बाद 19 जनवरी को 3 बंधक रिहा किए गए. लेकिन सीजफायर होने के बाद गाजा से जो तस्वीरें आईं, उसने दुनिया को चिंता में डाल दिया, क्योंकि हमास के आतंकी हाथों में हथियार लेकर जश्न मनाते दिखे. जिसे कहीं ना कहीं इजरायल के सरेंडर की तरह देखा जा रहा है, क्योंकि अपने बंधकों को छुड़ाने के लिए हमास से ना चाहकर भी समझौता करना पड़ा है.