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एनडीए से पहली बार पास होंगी महिला कैडेट्स, रचेंगी इतिहास

इतिहास में पहली बार नेशनल डिफेंस एकेडमी से देश को मिलने वाली हैं 17 सैन्य महिला अधिकारी. एनडीए में 30 मई को ऐतिहासिक क्षण होगा जब महिला सैन्य अफसर पासिंग आउट परेड में शामिल होंगी. कुछ महिला कैडेट्स ने एकेडमी में अपने तीन साल के सफर का अनुभव शेयर किया है. महिला कैडेट्स ने एनडीए में कड़ी ट्रेनिंग का जिक्र करते हुए कहा, कि ये एकेडमी पहले आपको तोड़ती है और फिर बनाती है. महिला सशक्तिकरण के दिशा में ये बड़ा कदम है कि एनडीए में 3 साल की कड़ी ट्रेनिंग के बाद ये अफसर आईएमए यानी इंडियन मिलेट्री एकेडमी में आगे की ट्रेनिंग लेकर देश को मजबूत बनाएंगी.

एनडीए से पास होना गर्व का क्षण है:कैप्टन श्रीति दक्ष

कैडेट कैप्टन श्रीति दक्ष ने अपना 3 साल का अनुभव बताया. कैप्टन श्रीति ने कहा, एनडीए से पास आउट होना एक गर्व का क्षण होगा. यह मेरे खून में है – मेरे पिता एक पूर्व एनडीए अधिकारी हैं जो भारतीय वायुसेना से रिटायर हुए हैं, और मेरी बहन भी भारतीय वायुसेना में सेवारत हैं, एनडीए में महिला कैडेट्स को परमिशन देना एक उत्साहवर्धक फैसला था. मैंने अवसर का लाभ उठाया, एनडीए में शामिल हुई और माता-पिता का गौरवान्वित किया. एकेडमी ने मुझे ढेरों मौके दिए. साथी कैडेट्स के साथ खेले गए खेलों ने हमें सौहार्द और भावना का एक मजबूत बंधन बनाने में मदद की.”

एकेडमी तोड़ती है, फिर बनाती है: कैडेट हरसिमरन कौर

एनडीए से जल्द ट्रेनिंग लेकर आईएमए में जाने वाली कैडेट हरसिमरन कौर का कहना है कि वो भारतीय नौसेना में शामिल होंगी. कौर ने कहा, “एनडीए में शामिल होने की मेरी प्रेरणा मेरा सैन्य करियर जल्दी शुरू करना था, क्योंकि मैं सशस्त्र बलों की पृष्ठभूमि से आती हूं. मेरे पिता भारतीय सेना में हवलदार के पद से सेवानिवृत्त हुए थे. मेरे दादा भी सेवा में थे, इसलिए मेरा रक्षा बलों के साथ गहरा जुड़ाव रहा है. कौर ने कहा कि तीन साल की ट्रेनिंग में कई चुनौतियां थीं, एक कहावत है – अकादमी पहले आपको तोड़ती है और फिर बनाती है यह मेरे साथ और हर कैडेट के साथ हुआ, चाहे वह पुरुष हो या महिला. कठोर शारीरिक प्रशिक्षण सत्र, अभ्यास और शैक्षणिक सभी अधिकारी-जैसी योग्यता, विकसित करने के लिए डिजाइन किए गए हैं. हमारा शेड्यूल इतना व्यस्त था कि हमें अपने समय का विवेकपूर्ण प्रबंधन करना पड़ता था. कई बार, यह बहुत भारी पड़ जाता था, लेकिन एकेडमी आपको शारीरिक और शैक्षणिक मांगों के बीच संतुलन बनाना सिखाती है.”

और महिलाओं को एनडीए में आने की इच्छा जगेगी: कैडेट कैप्टन इशिता शर्मा

डिवीजन कैडेट कैप्टन इशिता शर्मा एनडीए में आने से पहले दिल्ली यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स में ऑनर्स कर रही थीं. इशिता कहती हैं कि “मेरा मानना ​​है कि एनडीए में महिलाओं का शामिल होना और पहले बैच का पास होना महिलाओं और महिला सशक्तिकरण के लिए बहुत मायने रखता है. जब महिलाओं को नेतृत्व करते हुए देखा जाता है, उन्हें स्थायी कमीशन मिलता है, तो इससे युवा महिलाओं में एनडीए और सशस्त्र बलों में शामिल होने की इच्छा पैदा होती है.”

पहले 2 किमी नहीं दौड़ पाते थे अब 14 किलोमीटर दौड़ लेते हैं: कैडेट कैप्टन रितुल

कैडेट रितुल अपने अनुभव के बारे में बताते हुए कहती हैं, “मैं अपने लिए शारीरिक सहनशक्ति को ही जिम्मेदार मानूंगी. इन तीन सालों में धीरे-धीरे ट्रेनिंग के साथ हम सभी में बहुत सुधार हुआ है. कई लोग दो किलोमीटर भी नहीं दौड़े थे और बाद में हम लगातार 14 किलोमीटर दौड़ रहे थे. इससे हमें भावनात्मक रूप से फ्लेक्सिबल बनने में भी मदद मिली है.”

सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया था ऐतिहासिक फैसला

वर्ष 2021 में, यूपीएससी ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद महिलाओं को डिफेंस एकेडमी में आवेदन करने की अनुमति दी थी. साल 2022 में पहली बार 17 महिला कैडेट्स का बैच एनडीए में शामिल हुआ था. 17 महिला कैडेट्स 300 से अधिक पुरुष समकक्षों के साथ एकेडमी से ग्रेजुएट होंगी. 30 मई को 148वें कोर्स की पासिंग आउट परेड (पीओपी) होंगी.

तीनों सेनाओं में महिलाओं पर क्या कहते हैं आंकड़े?

संसद में रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने जानकारी देते हुए बताया था कि आर्मी में 12 लाख पुरुष हैं, जबकि महिलाओं की संख्या 7 हजार है. वहीं महिला अधिकारियों के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो तीनों सेनाओं में तकरीबन 9118 महिला अधिकारी हैं, जिनकी संख्या बढ़ी है. एयरफोर्स में 1.5 लाख पुरुष हैं और महिलाओं की संख्या 1600 है, नेवी की बात की जाएए तो 10000 पुरुषों के मुकाबले महिलाएँ 700 हैं. रक्षा राज्य मंत्री ने बताया कि साल 2022 में एनडीए में महिला कैडेट्स के पहले बैच के शामिल किए जाने के बाद से अब तक 126 महिलाओं को एनडीए में एडमिशन मिला है. 121 महिलाओं की ट्रेनिंग चल रही है, जबकि 5 कैडेट्स ने एनडीए छोड़ दिया है. जो कैडेट्स ट्रेनिंग ले रही हैं, वो देश के 17 अलग-अलग राज्यों से हैं, जिनमें सबसे अधिक हरियाणा और यूपी की हैं. हरियाणा की 35 महिला कैडेट्स और यूपी के 28 महिला कैडेट्स ट्रेनिंग ले रही हैं. वहीं केरल, राजस्थान, महाराष्ट्र की महिलाओं को एनडीए में ट्रेनिंग दी जा रही है.

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