चीन पहुंचे एस जयशंकर ने की है चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात. दो कारणों में मुलाकात की तस्वीरें बेहद अहम है. पहली ये कि जिनपिंग तख्तापलट की अफवाहों के बीच पहली बार सामने आए हैं. दूसरे ये कि पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद जयशंकर ही वो नेता हैं, जिनके जिनपिंग ने मुलाकात की है.
जयशंकर और शी जिनपिंग के बीच ये मुलाकात शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठक के मौके पर हुई. यह पहला मौका था जब जयशंकर ने एलएसी पर तनाव कम होने के बाद शी जिनपिंग से सीधे बात की.
शी जिनपिंग से मुलाकात की तस्वीर खुद जयशंकर ने शेयर की
भारतीय विदेश मंत्री ने खुद सोशल मीडिया साइट एक्स पर शी जिनपिंग के साथ मुलाकात की तस्वीर शेयर की. जयशंकर ने अपनी पोस्ट में लिखा, बीजिंग में एससीओ के विदेश मंत्रियों के साथ मैंने राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की. इस दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और पीएम मोदी का संदेश भी चीनी राष्ट्रपति को दिया.
एस. जयशंकर ने कहा, “मैंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शुभकामनाएं, चीनी राष्ट्रपति को दीं. मैंने राष्ट्रपति शी को हमारे द्विपक्षीय संबंधों के बारे में बताया. इस मामले में हमारे नेताओं के मार्गदर्शन को महत्व दिया.” (https://x.com/DrSJaishankar/status/1944966397911818322)
3 सप्ताह से ज्यादा समय से नहीं दिखे थे जिनपिंग, ब्रिक्स से भी बनाई थी दूरी
पिछले कुछ दिनों से चीनी राष्ट्रपति किसी भी कार्यक्रम में हिस्सा नहीं ले रहे थे. वो ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भी ब्राजील नहीं पहुंचे थे. दो तरह की अफवाह उड़ी थी कि चीनी राष्ट्रपति के खिलाफ एक बड़ी सैन्य साजिश चल है. दावा किया जा रहा था कि जिनपिंग के तख्तापलट की तैयारी की जा रही थी.
कहा ये भी गया कि 12 साल से ज्यादा सत्ता पर काबिज शी जिनपिंग खुद सत्ता हस्तांतरण की तैयारी कर रहे हैं. बहरहाल इन सब अफवाहों पर ब्रेक लगाते हुए शी जिनपिंग एससीओ की बैठक के दौरान दिखे. शी जिनपिंग ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से बात की.
जयशंकर ने चीनी विदेश मंत्री और उपराष्ट्रपति संग की बैठक
एससीओ की बैठक में शामिल होने बीजिंग पहुंचे जयशंकर ने दौरे के पहले दिन चीनी विदेश मंत्री वांग यी और चीनी उपराष्ट्रपति से मुलाकात की. इस दौरान दोनों से ही बातचीत सकारात्मक रही. जयशंकर ने इस बात पर जोर दिया है वैश्विक संकट के दौरान भारत-चीन के बीच स्थिर संबंध समय की आवश्यकता है. साथ ही विवादों को संवाद से सुलझाना चाहिए, ताकि विवाद किसी भी प्रतिस्पर्धा और संघर्ष का कारण न बने.
चीन के उपराष्ट्रपति ने भी जयशंकर की बात को सही बताते हुए कहा है कि “ड्रैगन (चीन) और एलिफेंट (भारत) के बीच संबंध अच्छे होने चाहिए.” (सीमा विवाद का समाधान है जरूरी, जयशंकर-वांग यी की मुलाकात)