बांग्लादेश में हिंदुओं पर हुए हमले के बाद अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस अल्पसंख्यकों से एकजुटता दिखाने के लिए राजधानी ढाका के प्रसिद्ध ढाकेश्वरी मंदिर पहुंचे. शेख हसीना सरकार का तख्तापलट होने के बाद हिंदुओं समेत अल्पसंख्यकों पर हमले बढ़ गए थे. जिसको जघन्य अपराध बताते हुए यूनुस ने ढाकेश्वरी देवी मंदिर का दौरा किया.
ढाकेश्वरी मंदिर पहुंचे यूनुस ने हिंदू समुदाय के लोगों से मुलाकात की. इस दौरान माइनॉरिटी राइट्स मूवमेंट का पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने मोहम्मद यूनुस से बात की और इस आठ सूत्रीय मांगें रखीं.
एक परिवार की तरह बनाना चाहते हैं बांग्लादेश: मोहम्मद यूनुस
मोहम्मद यूनुस ने ढाकेश्वरी मंदिर में कहा, “देश को संकट की स्थिति से बाहर निकालने के लिए लोगों को बांटने की बजाए उन्हें एकजुट करना चाहिए. चुनौतियों से निपटने के लिए धैर्य रखना चाहिए.हम ऐसा बांग्लादेश बनाना चाहते हैं, जो एक परिवार की तरह हो और परिवार के अंदर भेदभाव और झगड़े का सवाल ही नहीं उठता. हम सभी बांग्लादेश के लोग हैं. हम सभी ये सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हम यहां शांति से रह सकें. हमें भेदभाव जैसी बीमारी को दूर करना चाहिए.”
हिंदुओं का बड़ा मंदिर है ढाकेश्वरी मंदिर
ढाकेश्वरी मंदिर यानी ढाका की देवी. ऐसी मान्यता है कि ढाकेश्वरी देवी ढाका की रक्षा करती हैं. बांग्लादेश का सबसे प्रमुख और बड़ा हिंदू मंदिर माना जाता है. ढाकेश्वरी मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी में हुआ था और इसे सेन वंश के राजा बलाल सेन ने बनवाया था.
पीएम मोदी ने भी उठाया था हिंदुओं की सुरक्षा का मुद्दा
पीएम मोदी ने बांग्लादेश में अंतरिम सरकार बनने पर हिंदुओं पर अटैक का मुद्दा उठाया था. मोहम्मद यूनुस के बधाई संदेश में पीएम मोदी ने कहा था- “हम बांग्लादेश में हिंदुओं और सभी अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए सामान्य स्थिति में शीघ्र वापसी की उम्मीद करते हैं. भारत शांति, सुरक्षा और विकास के लिए हमारे दोनों लोगों की साझा आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए बांग्लादेश के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है.”