अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात के 24 घंटे के अंदर यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेेलेंस्की ने कहा है कि अगर युद्ध समाप्त हो जाता है, तो वो इस्तीफा दे देंगे. अब तक राष्ट्रपति पद के अड़े रहे जेलेंस्की ने कहा है कि मेरा लक्ष्य जंग खत्म करना है, ना कि पद के लिए भाग-दौड़ को जारी रखना है.
आपको बता दें कि जेलेंस्की का कार्यकाल मई 2024 में ही खत्म हो चुका है, लेकिन युद्ध के कारण चुनाव नहीं हो पाए. वहीं रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन कई बार कह चुके हैं कि वो किसी आधिकारिक व्यक्ति से बात करेंगे, जेलेंस्की से नहीं, क्योंकि कुर्सी पर वो अवैध तरीके से बैठे हुए हैं. वहीं ट्रंप भी जेलेंस्की को बिना चुनाव वाला तानाशाह बता चुके हैं.
यूक्रेन का नेतृत्व करने का इरादा नहीं, युद्ध समाप्त होने पर नहीं लड़ूंगा चुनाव: जेलेंस्की
जेलेंस्की ने अपने ताजा बयान में कहा है कि, युद्ध समाप्ति के बाद उनका यूक्रेन का नेतृत्व करने का कोई इरादा नहीं है. वो पद छोड़ने के लिए तैयार हैं. जेेलेंस्की ने यह भी वादा किया कि अगर युद्धविराम हो जाता है, तो वे संसद से चुनाव कराने का अनुरोध करेंगे.
जेलेंस्की ने कहा, “मैंने इतिहास के सबसे कठिन समय में अपने देश की सेवा की है और अब मैं पद छोड़ रहा हूं.”
संयुक्त राष्ट्र की देखरेख में यूक्रेन में हो बाहरी शासन: पुतिन
पुतिन ने कुछ महीने पहले कहा था कि यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की का कार्यकाल पिछले साल खत्म हो गया है और शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने की वैधता नहीं है. रूसी राष्ट्रपति ने साफ तौर से कहा है कि ‘‘संयुक्त राष्ट्र के तत्वावधान में, अमेरिका के साथ, यहां तक कि यूरोपीय देशों के साथ और निश्चित रूप से हमारे साझेदारों और मित्रों के साथ, हम यूक्रेन में अस्थायी शासन की शुरुआत की संभावना पर चर्चा कर सकते हैं.’’
पुतिन ने अपने संबोधन में कहा था कि “यूक्रेन को संयुक्त राष्ट्र (यूएन) प्रायोजित बाहरी शासन के अधीन रखा जाए, क्योंकि जेलेंस्की की सत्ता ‘अवैध’ है. पुतिन ने दावा किया कि “यूक्रेन की मौजूदा सरकार के साथ हस्ताक्षरित किसी भी समझौते को उसके उत्तराधिकारियों द्वारा चुनौती दी जा सकती है. बाह्य शासन के तहत नए चुनाव कराए जा सकते हैं. संयुक्त राष्ट्र के तहत, अमेरिका और यूरोपीय देशों के साथ, वे यूक्रेन में अस्थायी शासन स्थापित करने पर विचार कर सकते हैं, ताकि वहां लोकतांत्रिक चुनाव हो सकें और एक ऐसा सरकार बनी जो जनता का विश्वास हासिल करे. इसके बाद ही शांति समझौते पर बातचीत की जा सकती है.”
सर्वे में लगातार लोकप्रियता खो रहे हैं जेलेंस्की,वैलेरी जैलुझनी निकले आगे
हाल ही में हुए एक सर्वे के मुताबिक, यूक्रेन के सशस्त्र बलों के पूर्व कमांडर-इन-चीफ वैलेरी जैलुझनी को जेलेंस्की से ज्यादा समर्थन मिल रहा है. हालांकि चुनाव में जेलेंस्की को ज्यादा वोट मिलने की संभावना बनी हुई है. सर्वे में शामिल 35% लोगों ने वैलेरी जैलुझनी और 25% लोगों ने जेलेंस्की का समर्थन किया है.
अमेरिका ने की थी जेलेंस्की के तख्तापलट की कोशिश
रूस-यूक्रेन युद्ध रोकने में नाकाम अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उपराष्ट्रपति जेडी वेंस को लेकर कुछ दिनों पहले बड़ा खुलासा हुआ था. बताया जा रहा है कि ट्रंप और वेंस ने मिलकर जेलेंस्की के तख्तापलट की कोशिश की थी.नबताया जा रहा है कि मार्च के महीने में जब जेलेंस्की का व्हाइट हाउस में टकराव हुआ था, उस वक्त जेलेंस्की को यूक्रेन के राष्ट्रपति पद से हटाने और उनकी जगह नए चेहरे के तौर पर अमेरिका ने कुछ पश्चिमी देशों से बात की थी और यूक्रेन के सेनाध्यक्ष रह चुके वैलेरी जैलुझनी को अमेरिका राष्ट्रपति बनाना चाहता था.
वैलेरी रूस के खिलाफ युद्ध में शुरुआत से ही यूक्रेन के सेनाध्यक्ष के रूप में भूमिका में थे, लेकिन साल 2024 में जेलेंस्की ने कुछ टकरावों के बाद उन्हें हटा दिया गया था और ब्रिटेन में यूक्रेन के राजदूत के तौर पर तैनात किया गया था.
खुलासा हुआ कि जेडी वैंस ने वैलेरी से बात करने के लिए कई बार ब्रिटेन स्थित दूतावास में फोन किया और उनसे बात करने की कोशिश की. इतना ही नहीं वैलेरी तक पहुंचने के लिए वैंस की टीम ने कई राजनयिकों से बात की, लेकिन यूक्रेन के पूर्व सेनाध्यक्ष ने अमेरिका से बात करने से मना कर दिया था.
वैलेरी को बतौर आयरन जनरल की पहचान मिली है. रूस से जंग में अग्रणी भूमिका में रहे. रूस ने जब फरवरी 2022 में यूक्रेन पर हमला किया था, तब वैलेरी को रूसी टैंकों को रोकने और उन्हें तबाह करने के लिए ऐसा चक्रव्यूह रचा कि रूस जैसे ताकतवर सेना को लंबे समय तक रोका जा सका.
यूरोप में अपना युद्ध विस्तार चाहता है रूस: जेलेंस्की
इससे पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने यूएनजीए में विश्व नेताओं से कहा है कि दुनिया में ‘मानव इतिहास की सबसे विनाशकारी शस्त्र दौड़’ चल रही है. अंतरराष्ट्रीय समुदाय को रूस के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए क्योंकि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूरोप में अपने युद्ध का विस्तार करना चाहते हैं.