अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की को झूठा करार दिया है. रूबियो ने जेलेंस्की पर खनिज समझौते को लेकर मीडिया में ऊलजलूल बयानबाजी का आरोप लगाया है. क्योंकि इस समझौते को लेकर रूबियो ने ही जेलेंस्की से मीटिंग की थी.
हाल ही में जर्मनी में आयोजित म्यूनिख सिक्योरिटी कॉन्फ्रेंस (14-16 फरवरी) के इतर रूबियो ने अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस के साथ जेलेंस्की से बैठक की थी. मीटिंग का एजेंडा यूक्रेन जंग को जल्द से जल्द समाप्त करना था. रूबियो की मानें तो मीटिंग में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के यूक्रेन में खनिज भंडार को लेकर समझौते पर चर्चा हुई थी.
खनिज समझौते को लेकर बोला झूठ
अमेरिका के विदेश मंत्री की मानें तो मीटिंग के दौरान जेलेंस्की ने कहा था कि खनिज समझौते के लिए यूक्रेन की संसद से परमिशन की जरूरत है. ये कहकर जेलेंस्की मीटिंग के बीच से ही निकल गए. रबियो के मुताबिक, लेकिन उन्हें इस बात पर हैरानी हुई कि मीटिंग के बाद जेलेंस्की ने मीडिया में आकर ऐसी बातें कही जो कभी हुई ही नहीं थी.
जेलेंस्की ने मीडिया में साफ तौर पर खनिज समझौता करने से इंकार कर दिया. रूबियो की मानें तो जेलेंस्की ने मीडिया में जाकर समझौते को लेकर ऐसी बातें कही जो कभी हुई ही नहीं थी. रूबियो के मुताबिक, अमेरिकी राष्ट्रपति खनिज समझौते के तहत, यूक्रेन को सुरक्षा मुहैया करा सकते थे. लेकिन जेलेंस्की ने मीडिया में जाकर कहा कि अमेरिका ने सुरक्षा की गारंटी नहीं दी है.
अमेरिका ने रोकी यूक्रेन की मदद
अमेरिका में ट्रंप प्रशासन आने के बाद से यूक्रेन की मुश्किलें बढ़ गई हैं. क्योंकि ट्रंप प्रशासन ने यूक्रेन को दी जाने वाली मदद को रोक दिया है. साथ ही जेलेंस्की के उस बयान पर रोष जताया है जिसमें कहा गया था कि अमेरिकी से मिले 175 बिलियन डॉलर में से 58 प्रतिशत (करीब 100 बिलियन डॉलर) का कोई अता-पता नहीं है.
अमेरिका ने जेलेंस्की को दरकिनार कर सीधे रूस से यूक्रेन विवाद सुलझाने के लिए सऊदी अरब में बैठक की है. ट्रंप ने जेलेंस्की को कॉमेडियर-तानाशाह करार देकर यूक्रेन में जल्द से जल्द चुनाव कराने पर भी जोर दिया है ताकि नई सरकार के साथ स्थायी शांति समझौता किया जा सके. ट्रंप ने जेलेंस्की को जंग को खींचने का भी संगीन आरोप लगाया है.
एलन मस्क बंद कर देगा स्टारलिंक
इस बीच खबर है कि ट्रंप के सिपहसालार और खरबपति बिजनेसमैन एलन मस्क ने यूक्रेन में स्टारलिंक नेटवर्क बंद करने की तैयारी कर ली है. स्टारलिंक के जरिए ही यूक्रेन की सेना पिछले तीन साल से इंटरनेट इस्तेमाल कर पा रही थी. जंग के दौरान रूस ने यूक्रेन के सभी मोबाइल नेटवर्क, कम्युनिकेशन सिस्टम, विद्युत ग्रिड को तबाह कर दिया है. ऐसे में कम्युनिकेशन के लिए यूक्रेन की सेना, स्टारलिंक पर भी निर्भर है.