यूक्रेन की राजधानी कीव में रूस की सेना ने किया है बड़ा हमला. रूस ने रविवार रात यूक्रेन पर ड्रोन और मिसाइल से हमले किए. ये अटैक कीव में बने सरकारी मुख्यालय यानि मंत्रिपरिषद भवन पर किया गया. इस अटैक में कैबिनेट बिल्डिंग में भीषण आग लग गई.
यूक्रेन ने दावा किया है कि रूस ने सैकड़ों ड्रोन और विस्मयकारी हथियारों (डिकॉयज) से हमला किया, जिसके बाद कीव में एयर सायरन बजने लगे. इस अटैक में नवजात समेत 3 लोगों की मौत और 18 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. जबकि कैबिनेट बिल्डिंग समेत कई इमारतों को नुकसान पहुंचा है.
रूस ने पहली बार यूक्रेनी मंत्रियों के दफ्तर को किया टारगेट
रूस-यूक्रेन के साथ चल रही जंग में कोई भी पीछे हटने को तैयार नहीं लग रहा. यूरोप हो, अमेरिका हो, भारत हो या फिर खुद रूस और यूक्रेन युद्ध समाप्ति करने पर जोर तो दे रहे हैं, लेकिन एक दूसरे पर अटैक जारी है.
यूक्रेन की प्रधानमंत्री यूलिया स्विरीडेंको ने कहा कि युद्ध के दौरान पहली बार दुश्मन के हमले में यूक्रेनी सरकार की मुख्य इमारत को नुकसान पहुंचा है. यूक्रेन की वायुसेना का कहना है कि रूस ने रातभर में यूक्रेन पर 800 से ज्यादा ड्रोन और 13 मिसाइलें दागीं हैं.
यूक्रेन के मुताबिक, डार्नित्स्की में एक रिहायशी इमारत की 2 मंजिल में आग लग गई. कीव के पश्चिमी स्वियातोशिन्स्की जिले में भी 9 मंजिला इमारत मिसाइल हमलों की वजह से आग की चपेट में आ गई.
वहीं मिलिट्री एडमिनिस्ट्रेशन के चीफ ओलेक्सांद्र विल्कुल के मुताबिक, क्रिवी रिह में हुए रूस ने ट्रांसपोर्ट और शहरी ढांचे को निशाना बनाया. दक्षिणी यूक्रेन के ओडेसा में रिहायशी इमारतों को नुकसान पहुंचा है.
रूस के अटैक पर यूक्रेनी वायुसेना ने क्या कहा?
यूक्रेन की वायु सेना के प्रवक्ता यूरी इहनात के मुताबिक, रविवार का हमला रूसी ड्रोन का अब तक का सबसे बड़ा हमला था. रूस ने इसके साथ 13 विभिन्न प्रकार की मिसाइलें भी दागीं.
यूक्रेनी वायुसेना का दावा है कि यूक्रेन ने 747 ड्रोन और चार मिसाइलों को मार गिराया या निष्क्रिय कर दिया. यूक्रेन भर में 37 स्थानों पर 9 मिसाइल हमले और 56 ड्रोन हमले हुए। गिराए गए ड्रोन और मिसाइलों का मलबा 8 स्थानों पर गिरा.
कीव की रिहायशी इमारत पर गिरा ड्रोन, गाड़ियों को भी पहुंचा नुकसान: मेयर
कीव के मेयर विटाली क्लिट्स्को के मुताबिक, रूसी ड्रोन का मलबा राजधानी के स्वियातोशिन्स्की और डार्नित्स्की जिलों में गिरा, जहां एक आवासीय इमारत को गंभीर नुकसान पहुंचा. इस हमले के कारण कई अपार्टमेंट बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए, जबकि आस-पास खड़े वाहन भी जलकर खाक हो गए. लोगों ने फौरन भागकर सुरक्षित जगहों पर शरण ली.
मेयर विटाली मालेत्स्की ने बताया, कि यूक्रेन के क्रेमेनचुक शहर में दर्जनों ब्लास्ट हुए हैं, जिससे कुछ इलाकों की बिजली सप्लाई रुक गई है.
यूक्रेन ने बनाया रूस के ऊर्जा संयंत्रों को निशाना
यूक्रेन ने जवाबी कार्रवाई करते हुए रूसी ऊर्जा संयंत्रों पर हमला किया. ड्रोन कमांडर रॉबर्ट ब्रोवडी ने पुष्टि की कि यूक्रेनी सेना ने ब्रांस्क में द्रुज़्बा तेल पाइपलाइन को “व्यापक आग से नुकसान” पहुँचाया, जो हंगरी और स्लोवाकिया के लिए एक महत्वपूर्ण आपूर्ति मार्ग है – ये वे देश हैं जो व्यापक यूरोपीय संघ प्रतिबंधों के बावजूद रूसी तेल का आयात जारी रखते हैं. यह हमला रूसी ऊर्जा अवसंरचना को निशाना बनाने वाले एक व्यापक यूक्रेनी अभियान का हिस्सा है.
पोलैंड ने अपने लड़ाकू विमानों को एक्टिव किया
पोलैंड सेना ने रूस के यूक्रेन पर किए गए ताजा हमलों पर बयान जारी किया है. पोलैंड ने कहा है कि पश्चिमी यूक्रेन पर हवाई हमलों का खतरा मंडरा रहा है, इसलिए हवाई सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हमने अपने विमान सक्रिय कर दिए हैं.
आपको बता दें कि यूरोप और नाटो देशों को इस बात का खतरा है कि यूक्रेन के अलावा रूस, पोलैंड को भी निशाना बना सकता है.
जेलेंस्की को बात करनी है तो मॉस्को आएं- पुतिन
रूस-यूक्रेन के बीच जंग रोकने के लिए हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से अलास्का में मुलाकात की थी. इसके बाद ट्रंप ने यूरोपीय देशों के बड़े नेताओं से व्हाइट हाउस में मुलाकात की थी.
उम्मीद थी कि ट्रंप, रूस-यूक्रेन का युद्ध समाप्त करवा लेंगे, जैसा कि वो दावा करते हैं. लेकिन ट्रंप ने हाथ खड़े कर दिए हैं. तो यूरोप ने भारत से उम्मीद लगाई है कि पीएम मोदी दोनों देशों के बीच शांति व्यवस्था कायम करने में कामयाब हो जाएंगे.
चीन में पीएम मोदी ने पुतिन से बात की थी. इस दौरान युद्ध समाप्ति को लेकर पुतिन को समझाया था. जिसके बाद पुतिन ने बयान जारी करके कहा था कि वो जेलेंस्की से बात करने को तैयार हैं.
पुतिन ने कहा, “हर देश को अपनी सुरक्षा गारंटी चुनने का अधिकार है, जिसमें यूक्रेन भी है. लेकिन, यही सिद्धांत रूस की सुरक्षा पर भी लागू होता है. अगर सच में जेलेंस्की चाहते हैं कि शांति आए तो मॉस्को आएं, मैं, जेलेंस्की से मिलने के लिए तैयार हूं.”
लेकिन साथ ही पुतिन ने ये भी वॉर्निंग दी थी कि अगर शांति से समस्या नहीं सुलझाई जा सकी तो जंग से ही समस्या का समाधान करेगा रूस.