हैदराबाद स्थित ज़ेन टेक्नोलॉजिस कंपनी ने भारतीय सेना के एयर-डिफेंस कॉलेज को स्वदेशी एंटी-ड्रोन सिस्टम देने का दावा किया है. कंपनी के मुताबिक, एचके काउंटर ड्रोन टेक्नोलॉजी में हार्डकिल तकनीक है जिसके चलते दुश्मन के ड्रोन से होने वाले खतरों के खिलाफ देश की रक्षा क्षमताएं मजबूत होंगी.
ओडिशा के गोपालपुर स्थित आर्मी एयर डिफेंस कॉलेज, भारतीय सेना का एक प्रतिष्ठित संस्थान है जहां हवाई सुरक्षा की ट्रेनिंग दी जाती है. इस ट्रेनिंग में एयर डिफेंस सिस्टम के जरिए दुश्मन के एयरक्राफ्ट, हेलीकॉप्टर और मिसाइल से होने वाले खतरों को काउंटर करना शामिल होता है. मॉडर्न वारफेयर में ड्रोन से होने वाले खतरों को देखते हुए काउंटर ड्रोन तकनीक की भी ट्रेनिंग देने शुरु की गई है. ऐसे में जेन एडीएस-एचके के जरिए सैनिकों को एंटी-ड्रोन वारफेयर में निपुण किया जाएगा. खुद ज़ेन टेक्नोलॉजिस ने अपने एक्स (ट्विटर) अकाउंट पर इस बाबत जानकारी दी है (https://x.com/ZenTechnologies/status/1798985595789758525).
ज़ेन के मुताबिक, भारतीय वायुसेना को पहले से ही कंपनी ने सोफ्ट किल एंटी-ड्रोन सिस्टम सप्लाई किए हैं. ऐसे में अब कंपनी ने हार्डकिल एंटी-ड्रोन सिस्टम का निर्माण करना भी शुरु कर दिया है.
नए हार्डकिल एचके सिस्टम में स्टेट ऑफ द आर्ट इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम है जो कंपनी ने इन-हाउस तैयार किया है. इसके अलावा, डे-कैमरा, थर्मल कैमरा और एक लेजर रेंज फाइंडर भी हैं ऑल-वेदर ट्रैकिंग के लिए.
कंपनी की वेबसाइट के मुताबिक, हार्डकिल एंटी ड्रोन सिस्टम में एक ऑटो-गन है जो ड्रोन को देखकर बुलेट फायर करना शुरु कर देती है. ये टारगेट से खुद एलाइन हो सकती है. इसके अलावा नेट (जाल) के जरिए भी दुश्मन के ड्रोन को घेर कर नीचे गिराया जा सकता है. साथ ही रेडियो फ्रीक्वेंसी को भी जाम करने की गिराने की क्षमता भी इस सिस्टम में है.
उधर, नोएडा की जोनेट टेक्नोलॉजी कंपनी ने भी भारतीय सेना को हाई-ऑल्टिट्यूड एरिया (18 हजार फीट) पर ओपरेट करने वाले 150 लोएटरिंग म्युनिशन देने का दावा किया है. ये कामकाजी ड्रोन 500 मीटर तक आसमान में उड़ान भर सकते हैं और इनकी रेंज करीब पांच किलोमीटर है. माना जा रहा है कि भारतीय सेना ने चीन से सटी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर तैनात करने के लिए इन ड्रोन का अधिग्रहण किया है.
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