भारत में भले ही महिला सेना प्रमुख बनने में अभी 40 साल का वक्त है लेकिन अमेरिका को अपनी पहली महिला नौसेना प्रमुख मिल गई है. नाम है एडमिरल लिसा फ्रेंचेटी. अमेरिकी सीनेट ने फ्रेंचेटी को अमेरिका की नेवल ऑपरेशन्स का प्रमुख बनाने की मंजूरी दे दी है.
अमेरिका की फॉर (4) स्टार जनरल फ्रेंचेटी फिलहाल नेवल ऑपरेशन्स के वाइस चीफ के पद पर तैनात थी. वे अमेरिका की 42वीं चीफ ऑफ नेवल ऑपरेशन्स (सीओएन) बनाई गई हैं. अमेरिका में सीओएन का पद नेवी चीफ के बराबर होता है और वे चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के अंतर्गत अपनी जिम्मेदारी निभाएंगी.
जर्नलिज्म की छात्रा रही एडमिरल फ्रेंचेटी 1985 में यूएस नेवी में कमीशन हुई थी. उन्होेंने नेवल वॉर कॉलेज से पढ़ाई की है और फिनिक्स यूनिवर्सिटी से मैनेजमेंट कोर्स भी कर चुकी हैं. वर्ष 2018-2020 तक वे अमेरिका की सिक्सथ (6) फ्लीट की कमांडर के पद पर भी अपनी सेवाएं दे चुकी हैं. वे मिसाइल डेस्ट्रोयर, डेस्ट्रोयर स्क्वाड्रन और दो कैरियर-स्ट्राइक ग्रुप की कमांडर के पद पर भी रह चुकी हैं. चीफ ऑफ नेवल ऑपरेशन्स के पद पर वे चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के अधीन कार्यरत पहली फॉर स्टार जनरल होंगी.
भारत में हाल ही में महिलाओं को नेशनल डिफेंस एकेडमी (एनडीए) में दाखिला लेने की मंजूरी मिली है. अगले साल जून तक एनडीए के पहले बैच के लिए महिला ऑफिसर सेना (थलसेना, वायुसेना और नौसेना) में शामिल होने के लिए तैयार हो जाएंगी. इसके अलावा सशस्त्र सेनाओं में महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए वूमेन ऑफिसर्स को परमानेंट कमीशन भी दिया गया है. लेकिन अभी भी महिला-ऑफिसर्स को फॉर स्टार जनरल बनने में ’40 साल’ का लंबा वक्त लग सकता है. हालांकि, मेडिकल कोर की महिला ऑफिसर थ्री स्टार जनरल (और एडमिरल और एयर मार्शल) के पद तक पहुंच चुकी हैं लेकिन कॉम्बेट रोल के लिए एक लंबा समय है.
भारतीय वायुसेना में महिलाएं फाइटर पायलट के पद पर पहुंच चुकी है. इसके अलावा पिछले कुछ सालों में महिलाओं को नौसेना के युद्धपोत पर तैनाती का मौका भी मिल गया है. थलेसना में महिलाओं को कमांडिंग ऑफिसर के पद के लिए भी चुना गया है. लेकिन थलसेना में इंफेन्ट्री और आर्मर्ड कोर में अभी भी महिलाओं को जाने की अनुमति नहीं है. महिलाओं को जवान (नॉन कमीशन) पद के लिए भर्ती शुरु हो गई है. लेकिन ये महिला-जवान फिलहाल कोर ऑफ मिलिट्री पुलिस (सीएमपी) तक ही सीमित हैं.
जहां अमेरिका में महिला सैन्य अफसर फॉर स्टार जनरल बन गई हैं भारत में महिला अफसर कमांडिंग ऑफिसर (सीओ) के पद के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रही हैं. शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने सेना की सीओ पॉलिसी को लेकर कड़ी फटकार लगाई और उसे सुधारने का आदेश दिया. दरअसल, दो साल पहले सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर भारतीय सेना (थलसेना, वायुसेना और नौसेना) में महिलाओं को सीओ के पद पर तो तैनात कर दिया लेकिन सभी महिला अधिकारियों को ये अवसर प्राप्त नहीं हुआ. सेना का कहना है कि महिलाओं के लिए इतने पद ही रिक्त हैं. ऐसे में कुछ महिला ऑफिसर ने फिर से कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.