इजरायल हमास जंग के चलते गाज़ा पट्टी के करीब सात लाख लोग बेघर हो गए हैं. संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की फिलिस्तीन शरणार्थियों से जुड़ी संस्था, यूएनआरडब्लूए ने दावा किया है कि गाज़ा पट्टी के बेघर हुए ये लोग बेहद ही खराब मानवीय परिस्थितियों में रह रही हैं. 25वें दिन इजरायल की ग्राउंड फोर्सेज नॉर्थ और साउथ-ईस्ट दिशाओं से गाज़ा को घेरने में जुटी हैं ताकि ‘गाज़ा मेट्रो’ (टनल के जाल) को तबाह कर दिया जाए.
फिलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए बनी यूनाईटेड नेशन्स रिलीफ एंड वर्क एजेंसी (यूएनआरडब्लूए) के मुताबिक, “गाज़ा पट्टी में जबरदस्ती विस्थापन हो रहा है. 6.70 लाख से ज्यादा लोग यूएनआरडब्लूए के 150 ठिकानों में शरण लिए हुए हैं जो ओवर-क्राउडेड हैं.” एजेंसी के मुताबिक, “ये लोग बिगड़ती मानवीय स्थितियों और गंभीर स्वास्थ्य एवं सुरक्षा जोखिमों का सामना करते हैं.”
युद्ध के 25वें दिन इजरायल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने गाज़ा के जबालिया रिफ्यूजी कैंप पर एरियल अटैक किया जिसमें हमास का एक टॉप एरिया कमांडर मारा गया. फिलिस्तीन के मुताबिक, इस एरियल अटैक में कैंप में मौजूद 50 लोगों की जान चली गई है. पिछले कुछ दिनों में जबालिया शरणार्थी कैंप पर आईडीएफ का ये दूसरा बड़ा हमला था.
हवाई हमलों के साथ-साथ आईडीएफ के ग्राउंड फोर्सेज और आर्मर्ड कॉलम्स लगातार गाज़ा पट्टी में अपनी पकड़ मजबूत करने में जुटी हैं. आईडीएफ के टैंक और इंफेंट्री कॉम्बेट व्हीकल्स (आईसीवी) लगातार गाज़ा शहर की तरफ बढ़ रही हैं ताकि हमास की मेट्रो टनल को ज्यादा से ज्यादा तबाह किया जा सके. एक रिपोर्ट के मुताबिक, आईडीएफ तब तक अपने हमले नहीं रोकेगी जब तक की हमास की 65 प्रतिशत सुरंगों को तबाह नहीं कर दिया जाता. पूरे गाज़ा पट्टी में हमास ने करीब 500 किलोमीटर लंबी टनल बना रखी हैं.
गाज़ा-मेट्रो के नाम से कुख्यात इन सुरंगों में आतंकी संगठन हमास ने अपने कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से लेकर छिपने के ठिकाने तक बना रखे हैं. इजरायल पर हमला करने के बाद आतंकी इन्ही टनल के जरिए अपनी मूवमेंट करते हैं और आईडीएफ की पकड़ से बच जाते हैं. माना जा रहा है कि 7 अक्टूबर को हमास ने जिन 200 से ज्यादा इजरायली नागरिकों का अपहरण किया था उन्हें भी इन्ही टनल में कही छिपा कर रखा गया है. यही वजह है कि आईडीएफ ने टनल में स्पॉन्ज-बम का इस्तेमाल कर रही है ताकि इन टनल से भागने के रास्तों को बंद कर दिया जाए.
जानकारी के मुताबिक, इजरायल की जवाबी कारवाई में अब तक करीब 9 हजार लोगों की मौत हो गई है जिनमें 3648 बच्चे और 2290 महिलाएं बताए जा रहे हैं. हमास के चीफ इस्माइल हानिए ने युद्ध के लिए इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को जिम्मेदार बताया है और अमेरिका से इजरायल को मदद बंद करने की अपील की है. यूएनआरडब्लूए का दावा है कि युद्ध के चलते उसके भी 70 कर्मचारी अबतक मारे जा चुके हैं.
इधर अमेरिकी मीडिया ने दावा किया है कि यूएस स्पेशल फोर्सेज के कमांडो इजरायल पहुंच गए हैं. हालांकि, अमेरिकी उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस ने कहा है कि अमेरिकी सैनिक इजरायल नहीं जाएंगे. लेकिन अमेरिका ने सऊदी अरब को अपनी मिसाइल सिस्टम तैनात करने के लिए तैयार कर लिया है. ये मिसाइल सिस्टम इजरायल पर किसी दूसरे दूसरे देश (जैसे ईरान) के हमलों को रोकने के लिए तैनात किया गया है. सऊदी अरब के विदेश मंत्री इन दिनों अमेरिका की यात्रा पर हैं.
हाल के सालों में इजरायल और सऊदी अरब के संबंध काफी सुधर गए थे. लेकिन 7 अक्टूबर के आतंकी हमले के बाद इजरायल ने जब गाज़ा पट्टी में जवाबी कारवाई की तो सऊदी अरब ने इजरायल से सभी तरह की शांति-वार्ता रद्द करने का ऐलान कर दिया था. लेकिन अमेरिका की मध्यस्थता से एक बार फिर संबंध पटरी पर आते दिखाई पड़ रहे हैं.